Advertisment

UP News: सपा-कांग्रेस में तकरार क्यों? इमरान मसूद के बयान से बदले समीकरण!

सपा-कांग्रेस गठबंधन में दरार! इमरान मसूद और अजय राय के बयानों से बढ़ी तल्खी। मुरादाबाद-सहारनपुर सीटों पर दावेदारी से विपक्षी एकता खतरे में। क्या टूटेगा INDIA गठबंधन?

author-image
Ajit Kumar Pandey
SP CONGRESS
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा-कांग्रेस गठबंधन की नींव डगमगाने लगी है। इमरान मसूद और अजय राय के बयानों से खलबली मच गई है। सपा खुलकर कांग्रेस पर आरोप लगा रही है- क्या गठबंधन की दरार अब साफ दिख रही है? मुरादाबाद और सहारनपुर की राजनीति अब राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन गई है। यह सिर्फ सीटों की लड़ाई नहीं, बल्कि विपक्ष की एकजुटता की असली परीक्षा है। 

Advertisment

उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन की नींव पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। इमरान मसूद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बयानों ने मुरादाबाद और सहारनपुर की सियासत को गरमा दिया है। समाजवादी पार्टी ने सीधे आरोप लगाए हैं कि कांग्रेस के नेता गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे। सवाल है—क्या यूपी में विपक्षी एकता टिक पाएगी?

गठबंधन की राजनीति में नया मोड़

उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन विपक्षी एकता की बड़ी उम्मीद माना जा रहा था। लेकिन कांग्रेस नेता इमरान मसूद के हालिया बयान और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के तेवरों ने इस गठबंधन के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Advertisment

इमरान मसूद ने खुले मंच से कहा कि सहारनपुर और मुरादाबाद में कांग्रेस की स्थिति बेहद मजबूत है और वहां से वे अपना उम्मीदवार उतारने को तैयार हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब इन सीटों को सपा के खाते में माना जा रहा था।

समाजवादी पार्टी की तीखी प्रतिक्रिया

सपा के नेताओं ने इमरान मसूद और अजय राय दोनों के बयानों को ‘गठबंधन तोड़ने की चाल’ बताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अगर कांग्रेस इस तरह एकतरफा फैसले लेती रही तो “गठबंधन बनाए रखने का कोई मतलब नहीं रह जाता।”

Advertisment

एक सपा प्रवक्ता ने कहा, “अगर कांग्रेस को गठबंधन की शर्तें मंजूर नहीं हैं तो खुलकर बता दें। सीटों पर सहमति के बिना इस तरह के बयान देना विश्वासघात है।”

AKHILESH RAHUL GANDHI

क्या टूटेगा INDIA गठबंधन?

Advertisment

यह सवाल सिर्फ यूपी की सीमाओं तक सीमित नहीं है। अगर कांग्रेस और सपा के बीच सीटों को लेकर आम सहमति नहीं बनती तो इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर बने INDIA गठबंधन पर भी पड़ सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गठबंधन का टूटना विपक्ष की 2024 की तैयारियों पर बड़ा असर डालेगा। ममता बनर्जी, केजरीवाल और उद्धव ठाकरे पहले ही सीट बंटवारे को लेकर स्पष्ट रुख अपना चुके हैं। ऐसे में यूपी जैसे बड़े राज्य में असहमति पूरे समीकरण को बिगाड़ सकती है।

कांग्रेस का पलटवार- "हम कमजोर नहीं हैं"

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने साफ शब्दों में कहा, “कांग्रेस अब कमजोर पार्टी नहीं रही। हम हर सीट पर मजबूती से लड़ने की तैयारी में हैं। जिन सीटों पर हमारा जनाधार है, वहां हम लड़ेंगे।”

यह बयान सपा के लिए एक चुनौती की तरह देखा जा रहा है, क्योंकि गठबंधन में आमतौर पर छोटी पार्टियां बड़ी पार्टियों को सीटें छोड़ती हैं। लेकिन कांग्रेस अब खुद को कमज़ोर नहीं मान रही, खासकर उन सीटों पर जहां पार्टी का पुराना जनाधार है।

वोटों का गणित और खतरे की घंटी

  • मुस्लिम वोट बैंक: दोनों दल मुस्लिम वोटों को लुभाना चाहते हैं, लेकिन अगर आपस में टकराव हुआ तो वोटों का बंटवारा तय है।
  • बीजेपी को लाभ: विपक्ष की एकता में दरार का सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है, जो 2024 के लिए पूरी ताकत से तैयारी में है।
  • जनमानस में भ्रम: मतदाता अभी तय नहीं कर पा रहा कि किस पार्टी की रणनीति क्या है। इससे विपक्ष की छवि धूमिल हो रही है।

रणनीति या जिद - कौन जीतेगा?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में सपा और कांग्रेस के बीच सुलह होती है या गठबंधन का पटाक्षेप होता है। फिलहाल तो दोनों दल अपनी-अपनी जमीन बचाने के लिए आक्रामक मुद्रा में हैं। लेकिन इसका अंतिम असर मतदाता के मन में बन रही धारणा पर पड़ेगा।

क्या आपको लगता है कि कांग्रेस और सपा में अब भी गठबंधन की गुंजाइश है? या 2024 से पहले ही सब बिखर जाएगा? अपनी राय नीचे कमेंट करें।

samajwadiparty | samajwadi party | Congress | imran masood |

samajwadiparty samajwadi party Congress imran masood
Advertisment
Advertisment