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Meerut के इस गाँव के युवाओं ने रच दिया इतिहास, यूपी पुलिस भर्ती में रोशन किया नाम

मेरठ के सरूरपुर खुर्द गांव के 14 युवक-युवतियों ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया। तीन बेटियों समेत इन अभ्यर्थियों की मेहनत से पूरे गांव में जश्न का माहौल है।

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Vibhoo Mishra
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मेरठ, वाईबीएन नेटवर्क।

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में मेरठ के सरूरपुर खुर्द गांव ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस गांव के 14 युवक-युवतियों ने कठिन परिश्रम और लगन से सफलता प्राप्त कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया। इस सूची में तीन बेटियाँ भी शामिल हैं, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि महिलाएँ भी हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं।

गांव में खुशी की लहर

इस बड़ी उपलब्धि के बाद पूरे गांव में जश्न का माहौल है। परिवारजन और ग्रामीणों ने मिठाइयाँ बाँटी और सफल अभ्यर्थियों को शुभकामनाएँ दीं। गांव में इससे पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में युवा पुलिस भर्ती परीक्षा में सफल नहीं हुए थे, जिससे यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन गई है।

थाना प्रभारी ने बढ़ाया उत्साह 

थाना प्रभारी अजय शुक्ला ने सभी सफल अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि पुलिस सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि समाज की सेवा और सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने सफल युवाओं को ट्रेनिंग के दौरान अनुशासन बनाए रखने और अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाने की सलाह दी।

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ये हैं होनहार सितारे

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निशांत पूनिया (पुत्र ओमेन्द्र सिंह), रितिक पूनिया (पुत्र अजय कुमार), नईम (पुत्र याकूब), प्रदीप (पुत्र राजवीर), सुमित कुमार (पुत्र देवेंद्र सिंह), सचिन त्यागी (पुत्र ओमप्रकाश त्यागी), दीपक चौधरी (पुत्र सुरेंद्र चौधरी), 
मनीष तोमर (पुत्र हरपाल सिंह तोमर), विकास पाल (पुत्र रामनिवास पाल), रवि सैनी (पुत्र गंगाराम सैनी), नेहा चौधरी (पुत्री जयवीर चौधरी), पूजा त्यागी (पुत्री वीरेंद्र त्यागी), सुमन पाल (पुत्री राजकुमार पाल), अभिषेक सिंह (पुत्र सुरेश सिंह)।

बेटियाँ भी बनीं रोल मॉडल 

इस परीक्षा में तीन बेटियाँ भी सफल हुई हैं, जो न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे गांव की महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं। नेहा चौधरी, पूजा त्यागी और सुमन पाल ने साबित कर दिया कि सफलता के लिए मेहनत और लगन ही सबसे बड़ा हथियार है।

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युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा

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इस सफलता ने गांव के अन्य युवाओं को भी प्रेरित किया है। यह दिखाता है कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। यह कहानी सिर्फ सरूरपुर खुर्द गांव की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के युवाओं के लिए एक संदेश है कि मेहनत और समर्पण से हर सपना पूरा किया जा सकता है।

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