लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में प्रदेश में औद्योगिक निवेश और आर्थिक विकास के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। सरकार ने 33 सेक्टोरियल पॉलिसी बनाई है और सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया है। इसके माध्यम से 500 प्रकार की एनओसी (नोडल अनुमति) अब बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के एक पोर्टल पर उपलब्ध हैं, जिससे निवेशकों को सुविधाएं मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि निवेश की निरंतर निगरानी के लिए 'निवेश सारथी' पोर्टल तैयार किया गया है, जो निवेशकों को ऑनलाइन इंसेंटिव प्रदान करता है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में टॉप रैंक
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश को 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के मामले में टॉप अचीवर स्टेट के रूप में सम्मानित किया गया है, और राज्य सरकार की नीति और कदम इसके लिए प्रेरक सिद्ध हुए हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का लक्ष्य निवेशकों के लिए सरल और सुविधाजनक वातावरण सुनिश्चित करना है, जिससे राज्य के विकास को गति मिल सके।
नवीन औद्योगिक पार्कों की स्थापना
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जारी विभिन्न औद्योगिक पार्कों और परियोजनाओं को लेकर कहा,प्रदेश में निवेश की कोई कमी नहीं है, हम निरंतर निवेश को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मेगा प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, जैसे लखनऊ-हरदोई बार्डर पर बनने वाला मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल्स पार्क, हरदोई में अपैरल पार्क, हरदोई- कानपुर क्षेत्र में मेगा लेदर पार्क, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, और कन्नौज में परफ्यूम पार्क। इसके अलावा, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और हापुड़ में केमिकल और फार्मा पार्कों का निर्माण भी किया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर के जेवर के पास मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित हो रहा है, जबकि ललितपुर में फार्मा पार्क का निर्माण किया जा रहा है। ये सभी पहल राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार सृजन में भी सहायक साबित होंगी।
प्रति कैप्टा इनकम और जीडीपी में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति और विकास के आँकड़ों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2016-17 में प्रदेश की प्रति कैप्टा इनकम 48,520 रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 93,514 रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि प्रदेश में निवेश, रोजगार और विकास के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का परिणाम है। 2016-17 में उत्तर प्रदेश की जीडीपी 12 लाख 82 हजार करोड़ रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 25 लाख 48 हजार करोड़ रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश की जीडीपी साढ़े 27 लाख करोड़ रुपये के पार करने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाकुंभ को शामिल करते हुए प्रदेश की जीडीपी लगभग 30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो प्रदेश की आर्थिक ताकत को दर्शाता है।
बेहतर कनेक्टिविटी के जरिए विकास
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जल, थल और वायु यातायात की कनेक्टिविटी में सुधार पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पिछले पौने आठ वर्षों में प्रदेश में जल, थल और वायु यातायात की कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यूपी अब देश का एक्सप्रेसवे बन चुका है।" मुख्यमंत्री ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे के बनने से राज्य में एक्सप्रेसवे की लंबाई 55 प्रतिशत बढ़ जाएगी, जिससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 250 तक के मजरों को जोड़ने का कार्य अंतिम चरण में है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन में आसानी होगी और विकास की रफ्तार तेज होगी।