लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश पर्यटन ने रूस की राजधानी में 18-20 मार्च तक आयोजित 'मास्को अंतरराष्ट्रीय यात्रा एवं पर्यटन प्रदर्शनी 2025' (एमआइटीटी) में जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई। यूपी पर्यटन विभाग के मंडप में विभिन्न देशों के व्यवसायियों ने प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों, टूर पैकेज और सुविधाओं की जानकारी ली। ताजमहल सहित अन्य आकर्षणों के साथ सेल्फी लेने का उत्साह भी देखने को मिला। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को दी।
रूसी में भाषा में दी गई यूपी के पर्यटन की जानकारी
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'प्रदर्शनी मंडप में स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें अंग्रेजी और रूसी भाषा में उत्तर प्रदेश की थीम पर आधारित सजावट थी। इसमें धार्मिक-आध्यात्मिक सर्किट, ईको सर्किट, महाभारत सर्किट, जैन सर्किट, हस्तशिल्प और ऐतिहासिक धरोहर सहित अन्य पर्यटन आकर्षण को प्रदर्शित किया गया।' मंडप में वीवीआईपी लॉन्ज, डिजिटल स्क्रीन, एआर इंटरैक्टिव टच पैनल और सेल्फी जोन जैसी सुविधाएं थीं, जहां उत्तर प्रदेश की सुंदर पृष्ठभूमि प्रदर्शित की गई। अंतरराष्ट्रीय टूर ऑपरेटरों, निवेशकों और अन्य हितधारकों के साथ बी-टू-बी बैठक आयोजित की गई। पीआर किट का वितरण किया गया, जिसमें अंग्रेजी और रूसी भाषा में ब्रॉशर, लघु फ़िल्में और डिजिटल सामग्री शामिल थीं।
यूपी के पर्यटन स्थलों को लेकर विदेशियों में दिखा उत्साह
उत्तर प्रदेश पर्यटन के प्रचार-प्रसार के तहत पर्यटन यात्रा कार्यक्रमों, वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन का प्रदर्शन किया गया। राज्य को 'भगवान बुद्ध की धरती' और 'सांस्कृतिक त्योहारों की भूमि' जैसे प्रमुख स्लोगनों के साथ प्रस्तुत किया गया। मंडप में आने वाले अधिकतर पर्यटकों ने अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, आगरा, दुधवा नेशनल पार्क, बुंदेलखंड, कुशीनगर, सारनाथ सहित अन्य स्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। मंडप में आने वाले पर्यटकों को बताया गया कि उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी शानदार है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि 'इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य को एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में प्रचारित करना था। इसका लक्ष्य उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक पर्यटन और विविध यात्रा अनुभवों को प्रदर्शित कर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और निवेशकों को आकर्षित करना रहा।