लखनऊ, वाईबीएन नेटवर्क।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। निलंबन के बाद, अब उनकी सभी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच के लिए विजिलेंस टीम को जिम्मा सौंपा गया है।
शासन के आदेशानुसार, विजिलेंस की खुली जांच में अभिषेक प्रकाश द्वारा अर्जित की गई चल-अचल संपत्तियों और उनके स्रोतों का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा। विशेष रूप से, उनकी बरेली, पीलीभीत, हमीरपुर और लखनऊ में जिलाधिकारी के रूप में तैनाती के दौरान बनाई गई संपत्तियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। लखनऊ के जिलाधिकारी रहते हुए, उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था, जिससे उनकी जांच का दायरा और बढ़ गया है।
निलंबन और गिरफ्तारी
अभिषेक प्रकाश, जो ‘इन्वेस्ट यूपी’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर कार्यरत थे, को हाल ही में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया था। यह कार्रवाई एक सौर ऊर्जा उद्योग के निवेशक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की गई। शिकायत में, निवेशक ने आरोप लगाया कि निकंत जैन नामक एक बिचौलिए ने परियोजना की मंजूरी के लिए अभिषेक प्रकाश के नाम पर कमीशन की मांग की थी। इस मामले में, निकंत जैन को भी गिरफ्तार किया गया है।
बिचौलिए का आपराधिक इतिहास
निकंत जैन, जिस पर रिश्वत मांगने का आरोप है, उसका आपराधिक इतिहास भी रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसके खिलाफ मेरठ, लखनऊ और एटा में धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों से संबंधित कई मामले दर्ज हैं। अधिकारी अब उसकी अन्य संभावित आपराधिक गतिविधियों की भी जांच कर रहे हैं।
यहां तक है जांच का दायरा
विजिलेंस टीम अब अभिषेक प्रकाश और निकंत जैन के बीच किसी भी संभावित सांठगांठ की जांच करेगी। इसके साथ ही, ‘इन्वेस्ट यूपी’ के अन्य अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में रहेगी। सरकार ने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया है कि उनकी निवेश परियोजना को बिना किसी देरी के मंजूरी दी जाएगी, जिससे भ्रष्टाचार मुक्त निवेश वातावरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।
आईएस अभिषेक की जांच के प्रमुख बिंदु
- आईएएस अभिषेक प्रकाश की विजिलेंस जांच के आदेश।
- उनकी सभी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की होगी गहन जांच।
- बरेली, पीलीभीत, हमीरपुर और लखनऊ में तैनाती के दौरान अर्जित संपत्ति की भी जांच होगी।
- बिचौलिए निकंत जैन को किया गया गिरफ्तार, आपराधिक इतिहास की भी होगी जांच।
- ‘इन्वेस्ट यूपी’ के अन्य अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में।
- सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त निवेश वातावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।