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Uttrakhand government ने बदले हैं कई जगहों के नाम, औरंगजेबपुर बना शिवाजीनगर

हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में स्थानों के नाम बदले गए हैं, जैसे औरंगजेबपुर अब शिवाजीनगर और नवाबी रोड अब अटल मार्ग कहलाएगा।

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Ajit Kumar Pandey
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CM DHAMI UTTARAKHAND

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

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cm of uttarakhand | cm dhami | cm dhami breaking news : उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने राज्य में कई जगहों के नाम अब तक बदल चुकी है। नाम बदलने की कार्रवाई पर सरकार का तर्क है कि यह एक ऐतिहासिक कदम इसलिए है ताकि राज्य की सांस्कृतिक विरासत को लोग समझें और भारतीय इतिहास के महानायकों को सम्मान दिया जा सके। आइए जानें कि चार जिलों के 11 स्थानों के नाम बदल दिए गए हैं वो कौन कौन से हैं...

किन जगहों के नाम बदले गए ?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 31 मार्च को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों के कुछ स्थानों के नाम बदलकर भारतीय संस्कृति एवं स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखा गया है।

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हरिद्वार जिले में नाम परिवर्तन

  1. औरंगजेबपुर → शिवाजीनगर
  2. गजीवाली → आर्यनगर
  3. चांदपुर → ज्योतिबा फुले नगर
  4. मोहम्मदपुर जाट → मोहनपुर जाट
  5. खानपुर → श्रीकृष्णपुर
  6. खानपुर कुरसाली → आंबेडकर नगर
  7. इदरीशपुर → नंदपुर
  8. अकबरपुर फजलपुर → विजयनगर

देहरादून जिले में नाम परिवर्तन

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  1. मियांवाला → रामजीवाला
  2. पीरवाला → केसरीनगर
  3. चांदपुर खुर्द → पृथ्वीराज नगर
  4. अब्दुल्लापुर → दक्षनगर
  5. नैनीताल जिले में नाम परिवर्तन
  6. नवाबी रोड → अटल मार्ग
  7. पनचक्की-आईटीआई मार्ग → गुरु गोलवलकर मार्ग

उधम सिंह नगर जिले में नाम परिवर्तन

  1. सुल्तानपुर पट्टी → कौशल्यापुरी
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क्यों बदले गए नाम सीएम धामी ने बताई वजह ?

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि "यह नाम परिवर्तन जनभावना को दर्शाता है और भारतीय संस्कृति, इतिहास एवं महापुरुषों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है।" उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए लिया गया है, जिन्होंने देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने में योगदान दिया।

बीजेपी आईटी सेल के मुखिया भी बोले...

बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि "यह परिवर्तन भारत की गौरवशाली विरासत को पुनर्जीवित करता है और नई पीढ़ी को प्रेरणा देगा।"

पहले भी हुए हैं ऐसे बदलाव

यह पहली बार नहीं है जब किसी राज्य ने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों के नाम बदले हैं। उत्तर प्रदेश में मुगलकालीन नामों को बदलकर हिंदू महापुरुषों के नाम पर रखा गया था। इलाहाबाद का प्रयागराज, फैजाबाद का अयोध्या और मुगलसराय का पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।

क्या है लोगों की प्रतिक्रिया ?

इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोगों ने इसे "सांस्कृतिक पुनर्जागरण" बताया है, जबकि कुछ का मानना है कि इस तरह के बदलावों से वास्तविक विकास के मुद्दे पीछे छूट जाते हैं।

उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य के इतिहास और संस्कृति को नए सिरे से परिभाषित करता है। क्या यह नाम परिवर्तन सच में जनभावना को दर्शाता है या फिर राजनीतिक विमर्श का हिस्सा है? इस पर बहस जारी है। लेकिन इतना तो तय है कि अब उत्तराखंड के नक्शे पर शिवाजीनगर, अटल मार्ग और कौशल्यापुरी जैसे नाम दर्ज हो चुके हैं।

क्या आपको लगता है कि ऐतिहासिक स्थानों के नाम बदलने चाहिए? कमेंट में अपनी राय जरूर दें!

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