नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। सबसे पहले समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने का श्रेय लेने वाले उत्तराखंड में BJP एक नए विवाद में घिर गई है। दरअसल इस राज्य में सत्तापक्ष के ही एक पूर्व विधायक ने पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी रचा ली। यूसीसी लागू होने के बाद किसी भी समुदाय से ताल्लुक रखने वालों के लिए केवल एक विवाह अनिवार्य हो गया है। भाजपा नेता के इस कारनामे ने पर उपदेश कुशल बहुतेरे की कहावत को चरितार्थ करने का काम किया है। इसके बाद से उत्तराखंड में सियासी घमासान मचा हुआ है। पूर्व विधायक ने अक्टूबर, 2022 में नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में जाकर दूसरी शादी अभिनेत्री उर्मिला सनावर के साथ रचाई थी।
पूर्व विधायक ने खुद स्वीकारा
पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी की है। पूर्व विधायक ने खुलकर कहा कि उन्होंने अभिनेत्री उर्मिला सनावर से विवाह किया है, जबकि उनकी पहली पत्नी रवींद्र कौर से कानूनी तलाक नहीं हुआ है। पूर्व विधायक के इस कारनामे के बाद भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महासचिव राजेंद्र बिष्ट द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि राठौर का व्यवहार पार्टी की सामाजिक और नैतिक छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। नोटिस में यह भी लिखा गया है कि उनके बयान लगातार मीडिया और सोशल मीडिया में पार्टी को शर्मिंदा कर रहे हैं। उन्हें 7 दिन के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
राजनीतिक विवाद क्यों बढ़ा?
सुरेश राठौर ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- “मैं कुछ मजबूरियों के कारण अपने रिश्ते को छिपा रहा था, लेकिन अब मैंने उर्मिला को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया है।” पूर्व विधायक के इस बयान के बाद विपक्ष ने भाजपा को निशाने पर ले लिया। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा- “क्या UCC सिर्फ विरोधियों पर लागू होता है? भाजपा खुद इसके नियमों की धज्जियां उड़ा रही है।” उन्होंने सवाल उठाया कि राठौर के खिलाफ अब तक कोई कानूनी या दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है।
भाजपा की सफाई और राठौर की प्रतिक्रिया
भाजपा प्रवक्ता मनवीर सिंह चौहान ने पुष्टि की कि नोटिस भेजा गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि नोटिस शादी को लेकर है या सोशल मीडिया बयान को लेकर। उन्होंने कहा- पार्टी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करती, चाहे व्यक्ति किसी भी पद पर हो। वहीं, राठौर ने इस विवाद पर टिप्पणी करने से इंकार किया लेकिन इतना जरूर कहा- मैंने कभी कोई अशोभनीय बयान नहीं दिया। पार्टी मेरी मां जैसी है और मैं अनुशासन समिति को जवाब दूंगा।
जानिए सुरेश राठौर का राजनैतिक सफरनामा
सुरेश राठौर 2017 में ज्वालापुर से विधायक चुने गए थे, लेकिन 2022 में कांग्रेस प्रत्याशी रवि बहादुर से चुनाव हार गए। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी को उनकी दूसरी शादी की जानकारी मीडिया रिपोर्ट और सोशल मीडिया के जरिए मिली। उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद इस तरह की स्थिति भाजपा के लिए चुनौती बनकर खड़ी हो गई है। भाजपा नेता के इस कारनामे से न केवल पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है, बल्कि UCC को निष्पक्ष तरीके से लागू करने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।