Advertisment

CM धामी का 'उत्तराखंड मॉडल' : 4 साल, कई चुनौतियां, कितने समाधान?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार के 4 साल पूरे होने पर कोविड संकट से UCC और नकल विरोधी कानून तक की उपलब्धियां गिनाईं। क्या धामी का 'श्रेष्ठ उत्तराखंड' मॉडल राज्य को सही मायनों में बदल रहा है? जानें बड़े फैसले और भविष्य की चुनौतियां?

author-image
Ajit Kumar Pandey
CM धामी का 'उत्तराखंड मॉडल' : 4 साल, कई चुनौतियां, कितने समाधान? | यंग भारत न्यूज

CM धामी का 'उत्तराखंड मॉडल' : 4 साल, कई चुनौतियां, कितने समाधान? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज शुक्रवार 4 जुलाई 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के 4 साल पूरे होने पर कई अहम बातों का ज़िक्र किया। 4 जुलाई 2021 को सत्ता संभालने के बाद से, कोविड महामारी से लेकर UCC तक, धामी के कार्यकाल में प्रदेश ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। क्या वाकई उत्तराखंड तरक्की की राह पर है, और 'श्रेष्ठ उत्तराखंड' का सपना कितना करीब है? आइए पढ़ें एक रिपोर्ट

Advertisment

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 4 जुलाई 2021 को जब सत्ता की कमान संभाली, तो प्रदेश एक गंभीर संकट से जूझ रहा था: कोविड-19 महामारी. जनजीवन अस्त-व्यस्त था, अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी थी, और सबसे ज़्यादा प्रभावित थे छोटे व्यवसाय और महिला स्वयं सहायता समूह। 

कल्पना कीजिए, जिस समय लोग अपने घरों में कैद थे, उन मेहनती महिलाओं के उत्पाद धूल फांक रहे थे जो अपनी रोज़ी-रोटी के लिए उन पर निर्भर थीं। धामी ने इस मुश्किल दौर को स्वीकार करते हुए बताया कि कैसे सरकार ने 1000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया। इस पैकेज ने न केवल इन समूहों को दोबारा खड़ा होने में मदद की, बल्कि कई परिवारों के चेहरों पर मुस्कान भी लौटाई। यह दिखाता है कि संकट के समय सरकार ने किस तरह से आम आदमी के दर्द को समझा और उसके लिए ठोस कदम उठाए।

Advertisment

बड़े फैसले, बड़े बदलाव से कहां तक पहुंचे

धामी सरकार का कार्यकाल केवल कोविड संकट से निपटने तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने कई ऐसे बड़े और साहसिक फैसले लिए, जिनकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी। सबसे पहले, नकल विरोधी कानून। उत्तराखंड जैसे राज्य में, जहां सरकारी नौकरियों का महत्व बहुत ज़्यादा है, प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली युवाओं के सपनों को कुचल देती थी। यह कानून उन लाखों युवाओं के लिए उम्मीद की किरण बना, जो अपनी मेहनत और लगन पर भरोसा करते हैं।

इसके बाद, यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)। उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने UCC को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए। यह एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। सरकार का कहना है कि यह कानून लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेगा। हालांकि, इसके क्रियान्वयन और विभिन्न समुदायों पर इसके प्रभाव को लेकर बहस अभी भी जारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तराखंड का यह मॉडल देश के बाकी हिस्सों के लिए क्या संदेश देता है।

Advertisment

भूमि कानून और रुकावटों को हटाना

उत्तराखंड की पहचान उसके शांत पहाड़ों और पवित्र नदियों से है, लेकिन अनियंत्रित विकास और बाहरी हस्तक्षेप ने यहां की भूमि पर दबाव बढ़ा दिया था। धामी सरकार ने भूमि कानून में बदलाव कर प्रदेश की ज़मीन और संस्कृति को संरक्षित करने का प्रयास किया है। यह कदम उन स्थानीय लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो अपनी पुश्तैनी ज़मीन को लेकर चिंतित थे।

मुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि "लंबे समय से रुके कार्य पटरी पर आए"। इसका एक बड़ा उदाहरण है चार धाम यात्रा का सुचारू संचालन। कोविड के कारण यात्रा पर पड़े नकारात्मक प्रभाव के बाद, धामी सरकार ने इसे न केवल दोबारा पटरी पर लाया बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक भी बनाया। यह धार्मिक पर्यटन के लिए उत्तराखंड की रीढ़ है, और इसका सफल संचालन प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

Advertisment

स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास को भी धामी सरकार ने अपनी प्राथमिकता बताया है, जिसमें AIIMS की स्थापना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एम्स जैसी उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं न केवल स्थानीय लोगों को बेहतर इलाज देंगी, बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी मरीजों को आकर्षित करेंगी, जिससे उत्तराखंड एक मेडिकल हब के रूप में उभरेगा।

मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड बनाने के संकल्प को भी दोहराया। यह एक ऐसी चुनौती है जिससे हर सरकार जूझती है। पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, यह देखना महत्वपूर्ण है। अंततः, धामी का लक्ष्य "उत्तराखंड श्रेष्ठ राज्य बने" का है। यह एक महत्वाकांक्षी सपना है, जिसके लिए शिक्षा, रोज़गार, पर्यावरण संरक्षण और सुशासन जैसे कई मोर्चों पर लगातार काम करने की ज़रूरत होगी। मुख्यमंत्री के इन 4 वर्षों में लिए गए फैसले और उनकी चुनौतियाँ उत्तराखंड के भविष्य की दिशा तय करेंगी।

uttarakhand news | cm dhami 

cm dhami uttarakhand news UCC
Advertisment
Advertisment