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CM धामी ने कांवड़ियों का किया स्वागत, बोले — शिवभक्तों का हरिद्वार से अटूट नाता!

हरिद्वार में कांवड़ यात्रा ने तोड़े रिकॉर्ड! करोड़ों शिवभक्तों का लगा ताँता, सीएम धामी ने किया स्वागत। जानें कैसे आस्था का यह सैलाब बना देवभूमि का सबसे बड़ा उत्सव, सुरक्षा और व्यवस्थाओं ने जीता दिल।

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Ajit Kumar Pandey
CM धामी ने कांवड़ियों का किया स्वागत, बोले — शिवभक्तों का हरिद्वार से अटूट नाता! | यंग भारत न्यूज

CM धामी ने कांवड़ियों का किया स्वागत, बोले — शिवभक्तों का हरिद्वार से अटूट नाता! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । हरिद्वार की पावन भूमि पर इस समय आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा है, जिसे देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध है। करोड़ों शिव भक्त पावन गंगाजल लेने के लिए देश के कोने-कोने से हरिद्वार पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं इस भव्य कांवड़ मेले को 'उत्सव' बताया है और सभी श्रद्धालुओं का खुले दिल से स्वागत किया है। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि भक्ति, विश्वास और भारतीय संस्कृति की एक अद्भुत मिसाल है।

इस वर्ष कांवड़ यात्रा ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। एक करोड़ से अधिक भक्त अब तक गंगाजल ले जा चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हरिद्वार की सड़कें गेरुआ वस्त्रधारी शिवभक्तों से पटी पड़ी हैं, जिनके जयकारे वातावरण में एक नई ऊर्जा भर रहे हैं। हर हर महादेव और बम बम भोले के उद्घोष से पूरा हरिद्वार गूंज रहा है। यह दृश्य अपने आप में इतना मनमोहक है कि देखने वाला बस देखता ही रह जाए।

मुख्यमंत्री धामी का विशेष स्वागत और व्यवस्थाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा को लेकर किए गए इंतजामों पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि सभी शिवभक्त देवभूमि से एक अद्भुत अनुभव लेकर वापस लौटें। इसके लिए व्यापक स्तर पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं का इंतज़ाम किया गया है।

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सुरक्षा व्यवस्था: चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है और सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नज़र है।

स्वास्थ्य सुविधाएं: यात्रा मार्ग पर जगह-जगह मेडिकल कैंप लगाए गए हैं ताकि भक्तों को ज़रूरत पड़ने पर तुरंत उपचार मिल सके।

पेयजल और स्वच्छता: पीने के पानी और शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है ताकि स्वच्छता बनी रहे और भक्तों को असुविधा न हो।

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आखिर क्यों इतनी खास है कांवड़ यात्रा?

कांवड़ यात्रा भगवान शिव के प्रति अटूट श्रद्धा का प्रतीक है। मान्यता है कि सावन के महीने में गंगाजल लेकर शिव का जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कष्ट दूर होते हैं। यह यात्रा भक्तों को न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करती है।

इस यात्रा की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इसमें हर वर्ग और समाज के लोग बिना किसी भेदभाव के शामिल होते हैं। गरीब-अमीर, छोटे-बड़े, सभी एक ही रंग में रंगे, एक ही लक्ष्य की ओर बढ़ते दिखते हैं। यह भारत की विविधता में एकता का एक जीता-जागता उदाहरण है।

श्रद्धालुओं के अनुभव: भक्ति और उत्साह का संगम

जो भक्त इस यात्रा में शामिल होते हैं, उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक और उत्साह दिखाई देता है। मेरठ से आए एक कांवड़िये, राजेश बताते हैं, "मैं पिछले दस सालों से कांवड़ यात्रा पर आ रहा हूँ। यहां आकर जो शांति मिलती है, वह कहीं और नहीं मिलती। भगवान भोलेनाथ की कृपा से सब ठीक हो जाता है।"

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वहीं, दिल्ली से पहली बार आईं आरती कहती हैं, "मैंने कभी सोचा नहीं था कि इतना बड़ा आयोजन होता है। यहां की भीड़ और भक्ति देखकर मैं अभिभूत हूं। अब हर साल आने का मन कर रहा है।" ये अनुभव बताते हैं कि कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो जीवन को बदल देता है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिलती है बूस्ट

कांवड़ यात्रा से न केवल धार्मिक भावनाएं पुष्ट होती हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फ़ायदा मिलता है। छोटे दुकानदार, रेहड़ी-पटरी वाले, होटल और गेस्ट हाउस सभी की कमाई बढ़ती है। यह यात्रा हज़ारों लोगों को रोज़गार के अवसर प्रदान करती है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक गतिशीलता आती है। प्रशासन भी इस बात का पूरा ध्यान रखता है कि स्थानीय लोगों और भक्तों के बीच बेहतर तालमेल बना रहे।

कांवड़ यात्रा भारत की उस समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का हिस्सा है, जो सदियों से चली आ रही है। यह सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि एक ऐसी परंपरा है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और लोगों को आस्था के धागे से जोड़ती है। उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है कि वे इस विशाल आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न करा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, जिससे हरिद्वार एक बार फिर अपनी दिव्यता और भव्यता का प्रमाण देगा।

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