नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर उड़ानें 15 जून को हुए घातक हेलीकॉप्टर हादसे के दो दिन बाद 17 जून को फिर से शुरू हो गई। इस हादसे के बाद परिचालन अस्थायी रूप से रुक गया था। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सोनिका ने सोमवार, 16 जून को हेलीकॉप्टर सेवाओं की वापसी की घोषणा की थी और स्पष्ट किया था कि परिचालन केवल उपयुक्त मौसम की स्थिति में ही फिर से शुरू होगा। सभी शटल सेवाओं पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
हेलीकॉप्टर हादसे में 7 लोगों की हुई थी मौत
दरअसल, आर्यन हेली एविएशन द्वारा संचालित एकहेलीकॉप्टर के रविवार, 15 जून की सुबह करीब 5 बजे गौरीकुंड में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद हेलीकॉप्टर सेवाएं स्थगित कर दी गई थीं। इस दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा था। मृतकों में उत्तर प्रदेश की एक बुजुर्ग महिला अपनी पोती के साथ यात्रा कर रही थी, महाराष्ट्र का एक दंपत्ति अपनी दो वर्षीय बेटी के साथ यात्रा कर रहा था, तथा एक पायलट जो हाल ही में जुड़वा बच्चों का पिता बना था। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, खराब मौसम और तकनीकी समस्याएं दुर्घटना के मुख्य कारण थे।
1 महीने के भीतर 5 घटनाएं
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग, जिसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री तीर्थस्थल शामिल हैं, हाल के दिनों में कई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं और आपातकालीन लैंडिंग देखी गई हैं। बता दें, 30 अप्रैल को यात्रा शुरू होने के बाद से, तीर्थ मार्ग पर पांच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घटना के तुरंत बाद कार्रवाई की, तथा 15 और 16 जून के लिए क्षेत्र में सभी वाणिज्यिक और यात्री हेलीकॉप्टर संचालन को रोक दिया। इसके अलावा, आर्यन एविएशन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
सबसे जोखिम भरे हवाई मार्गों में से एक केदारनाथ मार्ग
एनजीओ सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने डीजीसीए को लिखे पत्र में कहा कि हेलीकॉप्टर पूरे राज्य में रडार, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) या वास्तविक समय के मौसम के आंकड़ों के बिना काम कर रहे थे। नौटियाल ने केदारनाथ मार्ग को देश के सबसे जोखिम भरे हवाई मार्गों में से एक बताया, क्योंकि इन क्षेत्रों में मौसम कभी भी बदल सकता है और यहां कोई सुविधा भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विमानों को उड़ान भरने की अनुमति देना आत्मघाती है। उन्होंने दावा किया कि पायलट इन मार्गों पर 'अंधाधुंध' उड़ान भर रहे थे।
Uttarakhand Helicopter Crash