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सावन 2025 : हरिद्वार से कांवड़ियों का सैलाब, आस्था का अद्भुत संगम! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज शुक्रवार 11 जुलाई 2025 को पवित्र श्रावण मास के पहले दिन हरिद्वार हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा! लाखों कांवड़िए पवित्र गंगा जल लेने के लिए उमड़ पड़े, एक अविस्मरणीय आस्था का सैलाब देखने को मिला। यह दिव्य यात्रा सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि अटूट विश्वास, समर्पण और भारतीय संस्कृति का जीवंत उदाहरण है।
आज शुक्रवार 11 जुलाई 2025 को सावन मास के आरंभ होते ही, धर्मनगरी हरिद्वार पूरी तरह से शिवमय हो गई। सुबह से ही हर की पौड़ी पर कांवड़ियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। दूर-दराज से आए शिवभक्तों ने गंगा में डुबकी लगाकर पवित्र जल भरा और अपनी कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) का शुभारंभ किया। इस बार का सावन 2025 (Sawan 2025) कई मायनों में खास है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार भक्तों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है।
चारों ओर केसरिया रंग की पताकाएं लहरा रही थीं और "बम-बम भोले" के जयघोष से वातावरण गुंजायमान था। हर चेहरे पर भगवान शिव के प्रति असीम श्रद्धा और यात्रा की थकान को दूर करने वाला उत्साह साफ झलक रहा था। हरिद्वार पुलिस और प्रशासन ने कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। जगह-जगह भंडारे और विश्राम स्थल बनाए गए हैं, ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
#WATCH हरिद्वार, उत्तराखंड: सावन 2025 के पहले दिन हरिद्वार से कांवड़िये पवित्र यात्रा पर निकले। pic.twitter.com/QTezwf8B0b
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 11, 2025
हरिद्वार कांवड़ यात्रा: आस्था और अनुशासन का अनूठा संगम
कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) सदियों से चली आ रही एक परंपरा है, जिसमें शिवभक्त पैदल चलकर गंगा जल लेकर आते हैं और उसे शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। यह यात्रा शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन शिवभक्तों का अटल विश्वास उन्हें हर बाधा पार करने की शक्ति देता है। इस बार महिला कांवड़ियों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो बदलते समय के साथ धार्मिक परंपराओं में आ रहे बदलाव का भी संकेत है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: उत्तराखंड पुलिस ने ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी हुई है। हर संवेदनशील पॉइंट पर पुलिस बल तैनात है।
स्वास्थ्य सुविधाएं: यात्रा मार्ग पर कई मेडिकल कैंप लगाए गए हैं, जहां प्राथमिक उपचार और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध हैं।
स्वच्छता अभियान: कांवड़ मार्ग पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं, जो लगातार साफ-सफाई कर रही हैं।
शिवभक्तों की अटूट श्रद्धा और उनका संकल्प
हमने कई कांवड़ियों से बात की और उनके अनुभव सुने। मेरठ से आए रविंद्र सिंह ने बताया, "मैं पिछले 10 साल से कांवड़ ला रहा हूं। हर साल भोले बाबा की कृपा से यह यात्रा सफल होती है।" वहीं, दिल्ली की सुनीता देवी ने पहली बार कांवड़ यात्रा पर निकलते हुए कहा, "मन में एक अलग ही शांति और ऊर्जा महसूस हो रही है। यह महादेव का आशीर्वाद है।"
कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक कृत्य नहीं है, बल्कि यह देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों को एक सूत्र में पिरोता है। यह यात्रा एकता, सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है। हजारों-लाखों लोग एक साथ, एक ही लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, जो अपने आप में एक प्रेरणादायक दृश्य है।
सामाजिक समरसता का प्रतीक कांवड़ यात्रा
इस बार की हरिद्वार कांवड़ यात्रा (Haridwar Kanwar Yatra) में अनेक ऐसे पहलू भी सामने आए, जो सामाजिक समरसता को दर्शाते हैं। कई मुस्लिम भाई भी कांवड़ियों की सेवा में लगे दिखे, उन्हें पानी पिलाते और भोजन कराते हुए। यह दिखाता है कि आस्था और मानवता की कोई सीमा नहीं होती।
उत्तराखंड सरकार ने भी कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को सुगम बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं। सड़कों की मरम्मत से लेकर ट्रैफिक डायवर्जन तक, सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं। आशा है कि यह यात्रा सकुशल और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होगी, और सभी शिवभक्त महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
यह देखना अद्भुत है कि कैसे आस्था लोगों को इतनी दूर से खींच लाती है और उन्हें एक अविश्वसनीय ऊर्जा से भर देती है। सावन 2025 (Sawan 2025) की यह शुरुआत निश्चित रूप से एक यादगार यात्रा की नींव रख रही है।
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