नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तराखंड केदारनाथ में हुए दर्दनाक हेलीकॉप्टर हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस दुर्घटना में जयपुर के शास्त्री नगर निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान (सेवानिवृत्त) समेत सात लोगों की जान चली गई। आज मंगलवार 17 जून 2025 को जयपुर में सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान और राजस्थान सरकार के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सहित सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। यह दुर्घटना न केवल एक सैन्य अधिकारी बल्कि एक परिवार के प्यारे सदस्य और देश के लिए समर्पित बेटे के खोने का दुखद प्रतीक है।
यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई जब लेफ्टिनेंट कर्नल चौहान केदारनाथ धाम की यात्रा पर थे, एक ऐसा पवित्र स्थल जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। इस दुखद हादसे ने एक बार फिर केदारनाथ हेलीकॉप्टर सुरक्षा और पहाड़ी इलाकों में हवाई यात्रा की चुनौतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके निधन से पूरा सैन्य समुदाय और देश स्तब्ध है।
कर्नल राजवीर देश सेवा के लिए रहे समर्पित
लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान का जीवन देश सेवा को समर्पित था। सेना में रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं और अपनी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते थे। सेवानिवृत्ति के बाद भी वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे और हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे। उनका निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है।
उनकी अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब उनके प्रति लोगों के सम्मान और प्यार का प्रतीक था। हर आंख नम थी और हर चेहरा दुख से भरा हुआ था। उनकी पत्नी, लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान, ने इस दुख की घड़ी में भी असाधारण साहस का परिचय दिया। मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी उनके बलिदान को नमन करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
केदारनाथ हादसे ने उठाए सवाल
केदारनाथ हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने एक बार फिर हमें याद दिलाया है कि जीवन कितना अनमोल है और प्रकृति की चुनौतियां कितनी अप्रत्याशित हो सकती हैं। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके। हेलीकॉप्टर सेवाओं की नियमित जांच, पायलटों के प्रशिक्षण और खराब मौसम में उड़ानों पर सख्ती से रोक लगाने की आवश्यकता है।
यह घटना उन सभी परिवारों के लिए एक सबक है जो ऐसे दुर्गम इलाकों की यात्रा की योजना बनाते हैं। सुरक्षा मानकों का पालन करना और किसी भी जोखिम भरे कदम से बचना बेहद महत्वपूर्ण है। लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान जैसे वीर सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए, बल्कि यह हमें सुरक्षित यात्रा और बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए प्रेरित करना चाहिए।
हम लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान को उनकी निस्वार्थ सेवा और बलिदान के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति दें। केदारनाथ हेलीकॉप्टर सुरक्षा को लेकर भविष्य में और अधिक गंभीरता से विचार करना होगा।
क्या आप भी मानते हैं कि पहाड़ों में यात्रा के लिए सुरक्षा मानक और कड़े होने चाहिए? कमेंट कर अपनी राय दें।
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