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Uttarkashi Cloudburst 2025 : धराली-हर्षिल में 100 से अधिक लापता, 7वें दिन भी तलाश जारी

उत्तराखंड के धराली और हर्षिल में बादल फटने के बाद सातवें दिन भी 100 से ज्यादा लापता लोगों की तलाश जारी है। NDRF और सेना की टीमें मलबे में जिंदगी की उम्मीदें तलाश रही हैं। परिजनों की आंखों में नमी और दिल में अपनों के लौटने की आस है।

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Ajit Kumar Pandey
Uttarkashi Cloudburst 2025 : धराली-हर्षिल में 100 से अधिक लापता, 7वें दिन भी तलाश जारी | यंग भारत न्यूज

Uttarkashi Cloudburst 2025 : धराली-हर्षिल में 100 से अधिक लापता, 7वें दिन भी तलाश जारी| यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज सोमवार 11 अगस्त 2025 को उत्तराखंड के धराली और हर्षिल में बादल फटने से आई तबाही के सातवें दिन भी मलबे से जिंदगी की तलाश जारी है। 100 से अधिक लोगों के लापता होने की आशंका ने पूरे इलाके को एक गहरी खामोशी में डुबो दिया है। रेस्क्यू टीमें दिन-रात चट्टानों और मिट्टी के ढेरों को हटाकर अपनों की तलाश में जुटी हैं। हर बीतता पल उम्मीदों को धुंधला कर रहा है, लेकिन अपनों का इंतजार आंखों में नमी और दिल में एक छोटी सी लौ जलाए हुए है।

10 अगस्त 2025 रविवार की रात तक मिले अपडेट के मुताबिक अब तक 1,308 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है, जिनमें 177 लोगों को बीते दिन मलबे से निकाला गया था। कुल 326 हेलिकॉप्टर सॉर्टीज़ हुई हैं, जिनमें बीते दिन 64 सॉर्टीज़ हुई 8 चिनूक, MI-17 और ALH हेलिकॉप्टर से और 56 UCADA एयरक्राफ्ट शामिल हैं। भारतीय सेना के ताजा अपडेट के मुताबिक, अब तक 5 मौतें हुई हैं और 100 से अधिक लोग लापता हैं।

उत्तराखंड के इस शांत इलाके में अचानक आई आपदा ने सब कुछ बदल दिया। भूस्खलन ने न सिर्फ घरों को मलबे में दबा दिया, बल्कि कई जिंदगियों को भी निगल लिया। NDRF, SDRF और सेना की टीमें एक साथ मिलकर इस मुश्किल घड़ी में काम कर रही हैं। यह सिर्फ एक रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं है, बल्कि उम्मीद और जिंदगी के बीच की जंग है।

आपदा की घड़ी में एकजुटता की मिसाल

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इस मुश्किल घड़ी में, स्थानीय लोगों ने भी रेस्क्यू टीमों का पूरा साथ दिया है। वे खाने-पीने का सामान और दवाइयां पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। आपदा ने उन्हें तोड़ दिया है, लेकिन उनकी हिम्मत और एकजुटता ने उन्हें और मजबूत बना दिया है।

कई स्वयंसेवक दल भी यहां पहुंच गए हैं, जो चिकित्सा सहायता और भावनात्मक समर्थन प्रदान कर रहे हैं। यह आपदा एक दुखद घटना है, लेकिन इसने लोगों के बीच की इंसानियत को भी उजागर किया है।

रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही कुछ और जिंदगियों को बचाया जा सकेगा। हालांकि, वक्त तेजी से निकल रहा है, लेकिन पहाड़ों के बीच उम्मीद की लौ अभी भी जल रही है।

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