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Uttarkashi Cloudburst 2025 : धराली का दुखद मंजर! हेलीकाप्टर से तलाश जारी, CM धामी ले रहे पल पल की अपडेट

उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से तबाही! 6 शव बरामद हुए हैं, 9 लोगों को रेस्क्यू किया गया है और 20 लोग अभी भी लापता हैं। सेना और NDRF का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सीएम धामी पूरे अभियान की पल पल की अपडेट ले रहे हैं। जानें ताजा हालात?

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Ajit Kumar Pandey
Uttarkashi Cloudburst 2025 : धराली का दुखद मंजर! हेलीकाप्टर से तलाश जारी, CM धामी ले रहे पल पल की अपडेट | यंग भारत न्यूज

Uहेलीकाप्टर से तलाश जारी, CM धामी ले रहे पल पल की अपडेट | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की त्रासदी से पूरा इलाका सदमे में है। छह लोगों के शव निकाले जा चुके हैं और 20 लोग अब भी लापता हैं, जिनमें 10 जांबाज फौजी भी शामिल हैं। तबाही के बाद मलबे में जिंदगियों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जोर-शोर से जारी है। मौसम खुलने के बाद सेना के हेलिकॉप्टर और SDRF की टीमें देवदूत बनकर पहुंची हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस मलबे के नीचे किसी के जिंदा होने की कोई उम्मीद बाकी है? यह सिर्फ एक आपदा नहीं, बल्कि एक दर्दनाक इंतज़ार है। सीएम धामी पूरे अभियान की पल पल की अपडेट ले रहे हैं। 

आपको बता दें कि उत्तरकाशी की खूबसूरत वादियों में धराली गांव का दर्दनाक मंजर देख कर रूह कांप जा रहा है। मंगलवार को जब बादल फटे, तो कोई नहीं जानता था कि ये सैलाब अपने साथ इतनी तबाही लेकर आएगा। मलबे के साथ आए पानी ने कई बहुमंजिला होटलों और रेस्टोरेंट को अपनी चपेट में ले लिया। लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। पहले दिन खराब मौसम की वजह से बचाव दल मौके पर नहीं पहुंच पाए, लेकिन बुधवार को जैसे ही मौसम साफ हुआ, हेली रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया।

इस ऑपरेशन में सेना, ITBP और SDRF की टीमें जी-जान से जुटी हैं। अभी तक नौ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, लेकिन 20 लोगों का कोई पता नहीं है। इन लापता लोगों में 10 सेना के जवान हैं, जो अपनी ड्यूटी पर तैनात थे। इन जवानों के परिवार उनकी सलामती के लिए दुआएं मांग रहे हैं। धराली का हर पत्थर, हर मलबा अब एक उम्मीद और डर के बीच की कहानी बन गया है।

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क्यों है यह ऑपरेशन इतना मुश्किल?

राहत और बचाव कार्य में सबसे बड़ी बाधा है कनेक्टिविटी। धराली तक पहुंचने वाली सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। एनडीआरएफ के डीआईजी गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि उनकी चार टीमें हैं, लेकिन वे सड़कों के कारण धराली नहीं पहुंच पा रही हैं। हेलिकॉप्टर ही एकमात्र जरिया है, लेकिन वे भी मौसम पर निर्भर हैं। संचार भी एक बड़ी समस्या थी, जिसे सैटेलाइट फोन की मदद से ठीक किया गया है।

रास्तों को साफ करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) के जवान दिन-रात काम कर रहे हैं। वायुसेना की मदद से पोकलैंड मशीनों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है ताकि मलबा हटाने का काम तेजी से हो सके। वहीं, भागीरथी नदी में एक झील बन गई है, जिसके पानी के प्रवाह को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। यह झील भी रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बन रही है।

NDRF के डीआईजी गंभीर सिंह चौहान बोले...

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उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे बचाव कार्यों पर NDRF के डीआईजी गंभीर सिंह चौहान ने कहा "... हमारे पास चार टीमें हैं, लेकिन सभी सड़कें अवरुद्ध और क्षतिग्रस्त होने के कारण वे धराली नहीं पहुंच पाए हैं। कल 35 कर्मचारी हेलीकॉप्टरों के माध्यम से पहुंचे। हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होने के साथ ही कर्मचारियों और निकाले गए लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है। संचार संबंधी समस्या भी थी, लेकिन आज सुबह से हमारे सैटेलाइट फोन काम कर रहे हैं। राज्य प्रशासन, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ और यहाँ तक कि स्थानीय लोग भी खोज और बचाव कार्यों में एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं।"

अपडेट्स: पल-पल की जानकारी

मृतकों की संख्या बढ़कर 6 हुई: दो और शव मिलने के बाद अब मृतकों की संख्या छह हो गई है।

20 लोग अब भी लापता: इनमें धराली के आठ स्थानीय युवक, नेपाली मूल के दो व्यक्ति और सेना के 10 जवान शामिल हैं।

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CM पुष्कर सिंह धामी ने की समीक्षा: मुख्यमंत्री धामी ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

नौ लोगों को किया गया रेस्क्यू: हर्षिल राहत कैंप में रुके नौ यात्रियों को हेलीकॉप्टर से मातली ले जाया गया।

झील का निरीक्षण: सिंचाई विभाग की टीम ने भागीरथी नदी में बनी झील का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पानी की निकासी हो रही है, लेकिन मलबे को हटाने की योजना बनाई गई है।

उम्मीद की किरण: एक-एक जिंदगी कीमती है

इस त्रासदी के बीच उम्मीद की एक छोटी सी किरण अभी भी बाकी है। रेस्क्यू टीमें दिन-रात एक कर रही हैं ताकि हर संभव जिंदगी को बचाया जा सके। सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और स्थानीय लोग एकजुट होकर काम कर रहे हैं। वे जानते हैं कि समय कितना महत्वपूर्ण है।

इस धराली आपदा ने एक बार फिर दिखाया है कि कुदरत के आगे इंसान कितना बेबस है। लेकिन इंसान की हिम्मत और इंसानियत भी कम नहीं है। इस मुश्किल घड़ी में, हर कोई यही प्रार्थना कर रहा है कि लापता लोग सुरक्षित मिल जाएं। धराली में जारी यह हेली रेस्क्यू ऑपरेशन सिर्फ एक बचाव अभियान नहीं, बल्कि इंसानियत का सबसे बड़ा इम्तिहान है।

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