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Uttarkashi Cloudburst 2025 : CM धामी की देखरेख में राहत बचाव कार्य तेज, जानें - अब तक कैसे बची 657 जानें?

उत्तरकाशी में बादल फटने से धराली-हर्षिल में तबाही, 657 लोगों को बचाया गया। सीएम धामी मॉनिटरिंग में रेस्क्यू जारी है। राहत व बचाव कार्य में सेना, NDRF व ITBP की टीमें जुटीं। लापता लोगों की तलाश जारी है।

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Ajit Kumar Pandey
Uttarkashi Cloudburst 2025 : CM धामी की देखरेख में राहत बचाव कार्य तेज, जानें - अब तक कैसे बची 657 जानें? | यंग भारत न्यूज

Uttarkashi Cloudburst 2025 : CM धामी की देखरेख में राहत बचाव कार्य तेज, जानें - अब तक कैसे बची 657 जानें? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद धराली-हर्षिल क्षेत्र में मची भारी तबाही के बाद आज शुक्रवार 8 अगस्त 2025 को चौथे दिन भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की देखरेख में राहत और बचाव कार्यों में और तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। चार हेलिकॉप्टरों की मदद से अब तक 657 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। मलबे में लापता लोगों की तलाश के लिए Army, NDRF, SDRF और ITBP की टीमें लगातार जुटी हुई हैं, ताकि हर जिंदगी को बचाया जा सके।

आपको बता दें कि पिछले चार दिनों से इस इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। जहां कुछ लोग बाढ़ में बह गए, वहीं सैकड़ों लोग ऐसी जगहों पर फंस गए, जहां से निकलना नामुमकिन था। लेकिन, इस मुश्किल घड़ी में भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान देवदूत बनकर सामने आए।

बचाव कार्य और जिंदगी बचाने की जंग जारी

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आपदा के तुरंत बाद ही राहत और बचाव कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली। वायु सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर ने सबसे पहले मोर्चा संभाला। इन हेलिकॉप्टरों की मदद से धराली और हर्षिल जैसे दूर-दराज के इलाकों में भारी मशीनरी और जरूरी सामान पहुंचाया गया। ये वही इलाके हैं जहां सड़क मार्ग पूरी तरह से टूट गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने उत्तरकाशी के मातली में अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें एनडीआरएफ, आईटीबीपी, और डीजीपी उत्तराखंड के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में यह तय किया गया कि बचाव कार्यों को कैसे और तेज किया जाए और फंसे हुए लोगों तक जल्द से जल्द मदद कैसे पहुंचाई जाए।

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बचाव दल ने अब तक कुल 657 लोगों को रेस्क्यू किया है, जो इस आपदा के बाद अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए थे। इनमें से कुछ लोगों को चोटें भी आई हैं। एक घायल व्यक्ति को तो एयरलिफ्ट करके मातली हेलीपैड पर लाया गया, जहां से उसे आगे के इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

Uttarkashi Cloudburst 2025 : CM धामी की देखरेख में राहत बचाव कार्य तेज, जानें - अब तक कैसे बची 657 जानें? | यंग भारत न्यूज
Uttarkashi Cloudburst 2025 : CM धामी की देखरेख में राहत बचाव कार्य तेज, जानें - अब तक कैसे बची 657 जानें? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
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यातायात बहाली कुछ हद तक शुरू

भटवाड़ी के समीप 100 मीटर क्षेत्र में क्षतिग्रस्त गंगोत्री नेशनल हाईवे को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है, लेकिन इससे 15 किलोमीटर आगे पुल पूरी तरह ध्वस्त है। इससे अस्थायी तौर पर यातायात के सुचारु करने में एक दिन और लग सकता है। लिहाजा बचाव व राहत कार्यों के लिए हवाई सेवा ही एकमात्र विकल्प है।

राहत बचाव कार्य जारी

वायु सेना की ओर से दो चिनूक, दो एमआई-17 के अलावा यूकाडा के आठ हेलिकॉप्टर बचाव अभियान में लगे हैं। चिनूक हेलिकॉप्टर के माध्यम से जौलीग्रांट एयरपोर्ट से जेसीबी, एस्कवेटर, डोजर, टिप्पर, जनरेटर समेत अन्य मशीनरी उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ पहुंचाई गई। जहां से इन्हें हर्षिल भेजा जा रहा है। प्रभावितों के लिए 2500 खाने के पैकेट भी हर्षिल भेजे गए।

अब तक रेस्क्यू किए गए लोग

हेलिकॉप्टर से गंगोत्री से हर्षिल 274, गंगोत्री से नेलांग 19, हर्षिल से मातली 252, हर्षिल से जौलीग्रांट एयरपोर्ट 112 लोगों को लाया गया। इनमें उत्तराखंड के अलावा गुजरात के 131, महाराष्ट्र के 123, मध्य प्रदेश के 21, उत्तर प्रदेश के 12, राजस्थान के छह, दिल्ली के सात, असम के पांच, कर्नाटक के पांच, तेलंगाना के तीन और पंजाब का एक व्यक्ति शामिल है।

लापता लोगों की तलाश: उम्मीद अभी बाकी है

धराली आपदा में कई लोग अभी भी लापता हैं। उनके परिवार वालों के लिए हर गुजरता पल बेचैनी से भरा है। सेना की घातक टीमें, राजपूताना राइफल्स और एसएफ आर्मी के जवान मिलकर एक-एक पत्थर और मलबे को हटाकर लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। इन जांबाज जवानों की कोशिश है कि किसी भी तरह से हर एक लापता व्यक्ति का पता लगाया जा सके। यह काम बेहद मुश्किल है क्योंकि इलाके में अभी भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

इस भयंकर तबाही के बावजूद, हर किसी की उम्मीद बंधी हुई है कि अभी भी कुछ और जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। प्रशासन और बचाव दल मिलकर एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं, ताकि कोई भी मौका हाथ से न जाने पाए।

उत्तराखंड के लोग अपनी हिम्मत और सरकार के प्रयासों पर भरोसा रखे हुए हैं। धराली गांव और उसके आसपास के इलाकों को दोबारा खड़ा करने की चुनौती बड़ी है, लेकिन एकजुटता से ही यह संभव हो पाएगा।

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