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Uttarkashi Cloudburst : धराली बीच गांव में फंसे 200 लोग, रास्ता बना रही आर्मी | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में अचानक बादल फटने से तबाही मच गई है। इस प्राकृतिक आपदा के बाद भारतीय सेना ने युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया है, जिसमें अब तक 70 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हालांकि, धराली बीच गांव में 200 लोग फंसे हुए हैं जबकि एक 32 वर्षीय युवक का शव मलबे से बरामद कर लिया गया है।
धराली बीच गांव में फंसे ग्रामीणों तक पहुंचने के लिए वहां करीब 25 फीट ऊंचे मलबे में आर्मी और आईबीपी के जवान रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अस्थाई पुलिया बनाने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल सेना ने दो अतिरिक्त बचाव दल तैनात कर दिए गए हैं और आधुनिक उपकरणों की मदद से हर फंसे हुए व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहेदी ने बताया कि चार लोगों की मौत हो गई है और 50 से ज़्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। हर्षिल और सुखी टॉप में दो जगहों पर अचानक बाढ़ आने की भी खबर है। हर्षिल में सेना के करीब 11 जवान लापता बताए जा रहे हैं। सुखी टॉप में कोई हताहत नहीं हुआ है। ऋषिकेश-उत्तरकाशी हाईवे प्रभावित है, इसलिए आवाजाही बहुत धीमी है। कई जगहों पर सड़क जाम होने के कारण टीमों को मौके पर पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रभावित लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए हमारी टीमें देहरादून में तैयार हैं।
उत्तरकाशी का शांत और खूबसूरत धराली गांव उस समय खौफ से भर गया जब वहां बादल फटने की घटना हुई। भारी बारिश और अचानक आए सैलाब ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। सड़कें, पुल और घर मलबे में दब गए। चारों तरफ पानी और मलबा बह रहा था, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। यह मंजर इतना भयावह था कि लोगों को अपनी जान बचाने का भी मौका नहीं मिला। इस आपदा ने एक बार फिर पहाड़ों में जीवन की चुनौतियों को उजागर कर दिया है।
उत्तरकाशी जिला आपदा नियंत्रण कक्ष ने धराली में बादल फटने और बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। आपात स्थिति में 01374-222126, 01374-222722 और 9456556431 पर संपर्क किया जा सकता है।
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सेना बनी देवदूत, युद्धस्तर पर जारी है बचाव कार्य
आपदा की खबर मिलते ही भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। धराली में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना ने मोर्चा संभाला। अभी तक 70 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है, जहां उन्हें चिकित्सा सहायता और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। सेना ने हर्षिल से धराली तक सड़क खोलने के लिए अर्थ-मूविंग मशीनें भी लगाई हैं ताकि राहत सामग्री और बचाव दल आसानी से पहुंच सकें।
ड्रोन और बचाव कुत्तों की मदद: फंसे हुए लोगों का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ड्रोन और प्रशिक्षित बचाव कुत्तों की मदद से हर कोने की तलाशी ली जा रही है ताकि कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे।
अतिरिक्त टीमें तैनात: गंगोत्री और धराली में दो अतिरिक्त बचाव और राहत दल भेजे गए हैं। इससे बचाव कार्य में तेजी आई है और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचाई जा रही है।
पूर्ण सहयोग का वादा: भारतीय सेना ने कहा है कि वह प्रभावित लोगों को हर संभव मदद और समर्थन देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यह मुश्किल समय में लोगों के लिए एक बड़ी राहत है।
धराली में बादल फटने के बाद स्थिति अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुई है। कई परिवार अपने लापता सदस्यों की तलाश में जुटे हैं। स्थानीय प्रशासन और सेना मिलकर हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। यह घटना एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि पहाड़ पर जिंदगी कितनी अनिश्चित हो सकती है और हमें हमेशा प्रकृति के प्रकोप के लिए तैयार रहना चाहिए।
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