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उत्तरकाशी आपदा पर भड़काऊ पोस्ट : पुलिस का सख्त एक्शन देख घबराए नफरती | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने के बाद फैले तनाव को लेकर पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। आपदा की इस घड़ी में सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाली और भड़काऊ पोस्ट डालने वाले चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इस कार्रवाई का मकसद साफ है—आपदा को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिशों को रोकना और समाज में शांति बनाए रखना। पुलिस का यह सख्त रुख ऐसे लोगों के लिए एक सबक है जो दुख और दर्द के माहौल में भी अपनी गंदी मानसिकता से बाज नहीं आते।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक प्राकृतिक आपदा ने लोगों के जीवन में भूचाल ला दिया है। लेकिन इस मुश्किल वक्त में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए किया। पुलिस के मुताबिक, फेसबुक पर धराली आपदा को लेकर कई आपत्तिजनक पोस्ट वायरल हो रही थीं। इन पोस्ट में न सिर्फ धराली आपदा से जुड़ी गलत खबरें फैलाई गईं, बल्कि इसे एक धर्म विशेष से जोड़कर समाज में वैमनस्य फैलाने की कोशिश की गई।
उत्तरकाशी के धराली गांव में पिछले दिनों बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। जान-माल का नुकसान हुआ और पूरा इलाका सदमे में था। इसी दौरान, कुछ असामाजिक तत्वों ने फेसबुक पर इस आपदा को एक समुदाय विशेष के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। ये लोग झूठी और भड़काऊ खबरें फैलाकर आपदा के शिकार लोगों के दर्द को और बढ़ा रहे थे।
पुलिस को जब इस तरह की पोस्ट्स की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत एक्शन लिया। साइबर सेल की टीम ने इन पोस्ट्स की जांच की और पाया कि ये सरासर झूठ हैं और इनका मकसद केवल लोगों को उकसाना है।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
FIR दर्ज: उत्तरकाशी पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए भड़काऊ पोस्ट डालने वाले चार अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
धाराएं: इन पर BNS की धारा 505 (सार्वजनिक शरारत) और 153A (समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत केस दर्ज किया गया है।
साइबर सेल एक्टिव: पुलिस की साइबर टीम अब इन आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने में जुटी है।
यह कार्रवाई सिर्फ एक केस तक सीमित नहीं है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि जो भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर आपदा को लेकर किसी भी तरह की अफवाह या नफरत फैलाता मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में लोगों की मदद करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है, न कि धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटना। उत्तराखंड आपदा में प्रभावितों को राहत पहुंचाने के काम में सरकार पूरी तरह जुटी हुई है और ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह घटना एक बार फिर इस बात को साबित करती है कि सोशल मीडिया जहां सूचनाओं का एक शक्तिशाली माध्यम है, वहीं इसका दुरुपयोग समाज के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले लोगों को सबक सिखाना बेहद जरूरी है। उत्तरकाशी पुलिस की यह कार्रवाई निश्चित रूप से एक अच्छा कदम है।
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