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Uttarkashi disaster: बेली ब्रिज बनेगा संकट में राहत की राह,निर्माण अंतिम चरण में

उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कनेक्टिविटी बाधित होने के बाद सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ मिलकर बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य चला रही हैं।

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Ranjana Sharma
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उत्तरकाशी, वाईबीएन डेस्क: उत्तरकाशी के धराली में कुदरत ने कहर बरपाया है। इस प्राकृतिक आपदा में अभी भी कई लोग लापता हैं। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ,एसडीआरएफ और स्थानीय सुरक्षाबल रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। सेना के हेलिकॉप्टर के जरिए भी रेस्क्यू किया जा रहा है। इसी बीच उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपडेट दिया है।

युद्ध स्तर पर चल रहा है बेली ब्रिज का काम

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि धराली (उत्तरकाशी) में आई आपदा के दौरान कनेक्टिविटी की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण लिमचीगाड पुल बह गया था, जिसकी वजह से आवागमन पूर्ण रूप से बाधित हो गया था। इसके बाद यहां बेली ब्रिज बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि  हमारे पुलिस दलों, एसडीआरएफ, इंजीनियरों व अन्य बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरुप अब इस पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और कुछ ही घंटों में आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। यह पुल आपदा प्रभावित लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा।

धराली तक पहुंचने वाले सभी रास्ते टूटे

बता दें कि धराली में आई आपदा के बाद यहां हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं. धराली तक पहुंचने वाले सभी रास्ते टूट चुके हैं या बह गए हैं, जिससे इलाके का संपर्क पूरी तरह बाधित है। लेकिन अब जल्द ही आवागमन की कनेक्टिविटी शुरू हो जाएगा, क्योंकि बेली ब्रिज का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। अब तक 931 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है और यह संख्या करीब 1000 के पास पहुंच रही है। अधिकारियों के अनुसार, धराली और हर्षिल क्षेत्र में अभी भी लगभग 250 लोग फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए अभियान तेजी से जारी है।

मृतकों के परिजनों और मकान मालिकों को 5-5 लाख की मदद

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने घोषणा की है कि इस आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसी तरह पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के मालिकों को भी 5 लाख रुपये की मदद प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित गांवों के पुनर्वास और आजीविका सुधार के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी

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