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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:मुंबई के सबसे प्रतिष्ठित और महंगे इलाकों में से एक मालाबार हिल से एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है। 75 वर्षीय एक बुज़ुर्ग ने अकेलेपन को दूर करने के लिए एक डेटिंग ऐप का सहारा लिया, लेकिन उनकी यह कोशिश उन्हें भारी पड़ गई नतीजतन उन्हें लाखों रुपये की चपत लग गई। यह मामला एक ऑनलाइन दोस्ती से शुरू हुआ जो धीरे-धीरे एक सुनियोजित ठगी में बदल गई।
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पहले की दोस्ती फिर लगाया चूना
पीड़ित बुज़ुर्ग पहले से ही व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक मैसेंजर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय थे। पिछले साल जून में उन्होंने “टॉपफेस” नाम के एक डेटिंग ऐप पर अपनी प्रोफाइल बनाई, जहां उनकी एक युवती से बातचीत शुरू हुई। बातचीत समय के साथ घनिष्ठ होती गई और दोनों के बीच निजी जानकारियाँ साझा होने लगीं। युवती ने धीरे-धीरे पीड़ित का विश्वास जीत लिया। फिर एक दिन उसने निवेश से जुड़ी एक योजना बताई और बुज़ुर्ग को इसमें पैसा लगाने की सलाह दी, जिसमें अत्यधिक मुनाफे का दावा किया गया था। खांदेश्वर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह मामला मार्च से मई 2024 के बीच का है। महिला ने खुद को ‘जिया’ नाम से परिचय कराया और डेटिंग ऐप के ज़रिए न्यू पनवेल इलाके में रहने वाले व्यक्ति के संपर्क में आई। शुरुआत में दोनों के बीच हल्की-फुल्की बातचीत हुई जो बाद में व्हाट्सएप पर नियमित संवाद में बदल गई।
महीने के भीतर कुल 73.72 लाख रुपये का निवेश
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व्हाट्सएप चैट के दौरान महिला ने पीड़ित को बताया कि वह सोने के व्यापार से जुड़ी है और निवेश करने पर शानदार मुनाफा मिल सकता है। उसने पीड़ित को एक विशेष ट्रेडिंग एप्लिकेशन के जरिए निवेश करने के लिए कहा। महिला के दिए आश्वासनों पर विश्वास करते हुए व्यक्ति ने तीन महीने के भीतर कुल 73.72 लाख रुपये का निवेश कर दिया। हालांकि, समय बीतने के बाद जब उसे कोई लाभ नहीं मिला तो उसे संदेह हुआ। पीड़ित ने जब महिला से मुनाफे और निवेश की गई राशि को लेकर सवाल पूछे तो उसने जवाब देना बंद कर दिया। धीरे-धीरे उसने संपर्क पूरी तरह तोड़ दिया।
धोखा महसूस होने पर दर्ज कराई शिकायत
पीड़ित को जब यह महसूस हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है, तो उसने मामले की शिकायत पुलिस से की। प्रारंभिक जांच के बाद 4 जुलाई को खांदेश्वर पुलिस थाने में महिला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 34 (सामान्य आपराधिक इरादा) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई।पुलिस ने बताया कि यह पूरी ठगी सुनियोजित ढंग से की गई और आरोपी महिला अब फरार है। पुलिस महिला की पहचान और लोकेशन का पता लगाने के लिए साइबर टीम की मदद से जांच में जुटी हुई है। इस मामले ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि ऑनलाइन माध्यमों से की जा रही धोखाधड़ी की घटनाएं कितनी जटिल और खतरनाक हो सकती हैं। पुलिस ने नागरिकों को ऐसे अजनबी ऑनलाइन संपर्कों से सतर्क रहने की सलाह दी है, जो निवेश या जल्दी मुनाफे का लालच देते हैं।
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