Kashi Tamil Sangamam
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। तीनों लोकों में विशिष्ट, मोक्षदायिनी, भगवान शिव की पावन नगरी, आनंद कानन और सर्वविद्या की राजधानी अविमुक्त क्षेत्र काशी में कार्तिक मास की पावन बेला में आयोजित हो रहे काशी तमिल संगमम् को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत के संकल्प को सुदृढ़ और जीवंत बनाने वाला कदम बताया। मंगलवार को वाराणसी में आयोजित शुभारंभ समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से अपने वोकेशनल एजुकेशन में तमिल, कन्नड़, मलयालम, तेलुगू, मराठी और बंगाली जैसी भाषाओं को सम्मिलित किया है। छात्र अपनी रुचि के अनुसार इनमें से किसी एक भाषा का चयन करेंगे और सरकार उसका पूरा व्यय वहन करेगी। तमिल भाषा इस संदर्भ में एक नया मंच प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष रामेश्वरम, मदुरै और कन्याकुमारी धाम के दर्शन के लिए जाते हैं। पर्यटन विभाग विशेष यात्रा कार्यक्रमों का आयोजन करेगा, जिनके माध्यम से श्रद्धालुओं को रियायती दरों पर इन पवित्र स्थलों का दर्शन कराया जाएगा। यह कार्यक्रम भारत के भविष्य में निवेश के समान है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में काशी तमिल संगमम् भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन चुका है। भगवान विश्वनाथ, माता विशालाक्षी, माता अन्नपूर्णा, माता मीनाक्षी, रामनाथस्वामी, गंगा और कावेरी का आशीर्वाद सभी पर बना रहे।
वणक्कम काशी और हर-हर महादेव के उद्घोष से अभिवादन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वणक्कम काशी और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ सभी अतिथियों का तमिल भाषा में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि रामेश्वरम की पवित्र भूमि से पधारे सभी आगंतुकों का उत्तर प्रदेश सरकार और प्रदेशवासियों की ओर से अभिनंदन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में काशी तमिल संगमम् का यह चौथा संस्करण एक भारत-श्रेष्ठ भारत के संकल्प को सुदृढ़ और जीवंत कर रहा है। उन्होंने कहा कि काशी और तमिल परंपरा के प्राचीन संबंधों के केंद्र में भगवान शिव हैं। इस संबंध-सेतु को आदि शंकराचार्य ने भारत के चारों कोनों में पवित्र पीठ स्थापित कर आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का यह प्रवास काशी की शिवभक्ति, प्रयागराज का संगम और अयोध्या में धर्मध्वजा आरोहण के उपरांत प्रभु श्रीराम के दिव्य दर्शन का अद्वितीय आध्यात्मिक सौभाग्य प्रदान करेगा। यह आयोजन उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक, शैक्षिक, आर्थिक और आध्यात्मिक साझेदारी को सशक्त करते हुए भारत के उज्ज्वल भविष्य के नए द्वार खोल रहा है। इस वर्ष की थीम ‘तमिल सीखें’ प्रेरक है, जो ज्ञान, संस्कृति और भाषा के माध्यम से एक भारत-श्रेष्ठ भारत को और सुदृढ़ करेगी।
तेनकासी से प्रारंभ कार यात्रा का उल्लेख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वर्ष तेनकासी (तमिलनाडु) से प्रारंभ हुई कार रैली को आयोजन का प्रमुख आकर्षण बताया। उन्होंने कहा कि दो हजार किलोमीटर की यह यात्रा काशी की पवित्र भूमि से गहरे संबंधों का स्मरण कराती है। पांड्य राजवंश के महान शासक आदिवीर पराक्रम पांडियन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह यात्रा उत्तर की दिशा में उनके प्राचीन मार्ग की पुनर्स्मृति है। शिव मंदिर और तेनकासी की कथा तमिल और भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
ज्ञान, साधना और सांस्कृतिक एकता को नई ऊंचाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में चल रहा यह अभियान ज्ञान, साधना, सांस्कृतिक एकता और साझा भारतीय सभ्यता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। यह आयोजन तीर्थ परंपरा, भावनात्मक एकता और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा आधुनिक संबंधों को प्रगाढ़ करता है। उन्होंने संस्कृत श्लोक 'अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिकाः' का उल्लेख करते हुए भारत के सात पवित्र नगरों की महिमा बताई।
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