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बेटियों के सपनों को मिला सहारा
लखनऊ की अल्पना श्रीवास्तव ने फिरोजगांधी पॉलीटेक्निक, रायबरेली से प्रशिक्षण प्राप्त किया और एनएसटीआई कानपुर से सीआईटीएस कोर्स किया। उन्होंने बताया कि समाज की चुनौतियों के बावजूद उनके माता-पिता ने कभी पढ़ाई में कमी नहीं रखी। उन्होंने बताया कि अनुदेशक की नियुक्ति मिलने पर उनके माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू थे। उन्होंने वादा किया कि वह अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाएंगी। उत्तर प्रदेश को उत्तम और कुशल प्रदेश बनाने में सहयोग करूंगी।
किसान परिवार का पहला सरकारी रोजगार
गोरखपुर के श्यामू विश्वकर्मा ने भावुक होकर कहा कि वह किसान परिवार से आते हैं और परिवार में पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें सरकारी नौकरी मिली है। यह अवसर उन्हें इसलिए मिल पाया, क्योंकि प्रदेश सरकार ने निष्पक्ष भर्ती की परंपरा स्थापित की है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए विश्वास दिलाया कि वह पूरी लगन और मेहनत से काम कर अपने चयन को सार्थक करेंगे।
रोजगार से बढ़ा आत्मविश्वास
पीलीभीत के पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने राजकीय पॉलीटेक्निक पीलीभीत से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और फिर सीआईटीएस की परीक्षा हैदराबाद से पास की। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र से सरकारी सेवा तक की उनकी यात्रा आसान नहीं थी, लेकिन सरकार की पारदर्शी प्रक्रिया ने उनके सपनों को पंख लगा दिए। नवचयनित अनुदेशकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों नियुक्ति पत्र पाकर खुद को गौरवान्वित महसूस किया। उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति न सिर्फ उनके लिए गर्व का क्षण है, बल्कि प्रदेश सरकार के युवाओं को रोजगार देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है।