नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।
एक बुरी खबर आ रही है। Hero Electric कंपनी वित्तीय संकट में बुरी तरह से फंस गई है। अब इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। कंपनी पर ₹301 करोड़ से अधिक का कर्ज है, जिसके चलते रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) ने संभावित निवेशकों से बोली आमंत्रित की है।
बोली लगाने की प्रक्रिया 18 फरवरी 2025 को शुरू हुई थी, और इच्छुक निवेशक 14 मार्च 2025 तक अपने आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके बाद 8 अप्रैल 2025 को पात्र बोलीदाताओं की अंतिम सूची जारी की जाएगी। अंतिम समाधान योजनाएं 13 मई 2025 तक प्रस्तुत करनी होंगी।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हीरो इलेक्ट्रिक की दिवालिया प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। कंपनी को दिसंबर में ₹1.85 करोड़ के डिफॉल्ट के कारण कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस में शामिल किया गया था। अब तक सामने आए दस्तावेजों के मुताबिक, लेनदारों के कुल स्वीकृत दावे ₹301.23 करोड़ से ज्यादा हो चुके हैं।
हीरो इलेक्ट्रिक की दिवाला प्रक्रिया के तहत 301 करोड़ रुपये के दावों को मंजूरी दी गई है, जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक, साउथ इंडियन बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का कुल 82 करोड़ रुपये का हिस्सा शामिल है। ये चारों बैंक समिति ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) में 100% वोटिंग अधिकार रखते हैं, जो यह तय करने में अहम भूमिका निभाएगा कि कंपनी का रिवाइवल होगा या उसे लिक्विडेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
बैंक ऑफ बड़ौदा के पास 66.92% वोटिंग अधिकार हैं, जबकि साउथ इंडियन बैंक के पास 21.03% और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास 11.40% वोटिंग शेयर हैं। वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक का हिस्सा 1% से भी कम है।
इस बीच, 556.77 करोड़ रुपये के अतिरिक्त दावों की सत्यता की जांच चल रही है। इस पूरे घटनाक्रम पर हीरो इलेक्ट्रिक के मैनेजिंग डायरेक्टर नवीन मुंजाल ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। नवीन मुंजाल, हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल के भतीजे और विजय मुंजाल के बेटे हैं।
बिजनेस के लिहाज से हीरो इलेक्ट्रिक को बड़ा झटका लगा है। कंपनी ने FY23 में 1 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बेचे थे, लेकिन नियमों से जुड़ी चुनौतियों के चलते बिक्री में भारी गिरावट आई। बीते वित्त वर्ष में कंपनी महज 11,500 यूनिट्स ही बेच सकी।
देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। अगले पांच वर्षों में इस सेगमेंट में ईवी का हिस्सा तीन गुना बढ़ने का अनुमान है। उम्मीद है कि इस दौरान हर पांच में से एक दोपहिया वाहन इलेक्ट्रिक होगा, खासकर निजी और व्यावसायिक उपयोग के लिए स्कूटरों की बढ़ती मांग के चलते।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के वाहन पोर्टल से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2024 में देश में कुल दोपहिया वाहनों में ईवी की हिस्सेदारी 6.1% रही। इस दौरान देश में 10 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बिके।