नई दिल्ली, आईएएनएस। हीरो मोटर्स लिमिटेड (एचएमएल) ने मंगलवार को भारत में फोर्ज्ड पावरट्रेन उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जर्मनी की श्मीडे टेक्निक प्लेटेनबर्ग (एसटीपी) के साथ एक रणनीतिक ज्वाइंट वेंचर (जेवी) का ऐलान किया।
यह भी पढ़ें: Elon Musk-led auto company टेस्ला ने अपनी दो इलेक्ट्रिक कारों के लिए सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की
जेवी के तहत लुघियाना के हीरो इंडस्ट्रियल पार्क में बनाई जाने वाली मैन्युफैक्चरिंग सुविधा में उत्पादन 2026 के मध्य में शुरू होने की उम्मीद है। हीरो इंडस्ट्रियल पार्क में अन्य ऑटोमोटिव और ईवी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स जैसे एचएमसी एचआईवीई, एचवाईएम और स्पर टेक्नोलॉजीज भी मौजूद हैं।
यह भी पढ़ें: Telecom Service : देश के 776 जिलों में से अब सिर्फ तीन जिले 5G सर्विस से वंचित, AI से ऐसे मिल रहा सपोर्ट
भारत की स्थिति को मजबूत करना
दोनों कंपनियों ने साझा बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उपस्थिति के साथ, इस संयुक्त उद्यम का लक्ष्य नियर-नेट शेप प्रिसिजन फोर्जिंग में अंतर को पाटना है और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करना है।
वहीं, एचएमसी ग्रुप के चेयरमैन पंकज एम मुंजाल ने कहा, "हमारी मजबूत रिसर्च एवं डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं के साथ एसटीपी के साथ यह साझेदारी हमें वैश्विक पावरट्रेन उपकरण बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने में सक्षम बनाएगी।"
हीरो मोटर्स एचएमसी ग्रुप का हिस्सा
मालूम हो कि एसटीपी एक बड़ी जर्मन फोर्जिंग कंपनी है, जिसके जर्मनी में छह मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, जो ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए हाई-प्रिसिजन वाले फोर्ज्ड और मशीनीकृत उपकरणों का उत्पादन करते हैं।
ऑटोमोटिव कम्पोनेंट टेक्नोलॉजी कंपनी एचएमएल, उच्च इंजीनियरिंग वाले पावरट्रेन सॉल्यूशंस और एलॉय एवं मेटालिक्स क्षेत्र में कार्यरत है और इसकी रिसर्च एवं डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं भारत, यूनाइटेड किंगडम और थाईलैंड में फैली हुई हैं।
यह भी पढ़ें: Jobs: 8 प्रतिशत 'भारतीय नियोक्ता' इस साल ब्लू-कॉलर जॉब्स में ज्यादा महिलाओं को करेंगे नियुक्त
पूरी दुनिया में 7,500 से अधिक कर्मचारी
जानकारी हो कि हीरो मोटर्स एचएमसी ग्रुप का हिस्सा है। ग्रुप का कारोबार ऑटोमोटिव उपकरणों, ई-मोबिलिटी, साइकिल, रियल एस्टेट और प्रीमियम रिटेल में फैला हुआ है। एचएमसी ग्रुप का एसेट बेस 1.2 अरब डॉलर है और पूरी दुनिया में 7,500 से अधिक कर्मचारी हैं।
समूह ने हाल ही में पंजाब के हाई-टेक साइकिल वैली में वर्ल्ड-क्लास इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना के साथ अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस का विस्तार किया है, जिससे 4 मिलियन यूनिट की क्षमता बढ़ेगी, जिसमें 0.5 मिलियन यूनिट ई-साइकिल भी शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: महंगा हुआ सोना, चांदी ने भी बनाए नए रेकॉर्ड, पढ़ें पूरी Golden Story