Advertisment

India डीप- टेक इनोवेशन से 10 ट्रिलियन डॉलर की Economy बनेगा

भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बड़े मान से आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही देश सॉफ्टवेयर-लेड टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम से डीप-टेक इनोवेशन द्वारा संचालित इकोसिस्टम- स्ट्रक्चरल बदलाव के दौर से भी गुजर रहा है।

author-image
YBN News
Economy

नई दिल्ली, आईएएनएस।

Advertisment

भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बड़े मान से आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही देश सॉफ्टवेयर-लेड टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम से डीप-टेक इनोवेशन द्वारा संचालित इकोसिस्टम- स्ट्रक्चरल बदलाव के दौर से भी गुजर रहा है। गुरुवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

ये भी पढ़े: UN report revealed: भारत में सक्रिय हैं आतंकी संगठन आईएस के 'लोन ऐक्टर', हमले भड़काने की साजिश

भारत का सेमीकंडक्टर मिशन

Advertisment

थ्रीवनफोर कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार समर्थित पहल जैसे 10,000 करोड़ रुपये के ‘फंड ऑफ फंड्स’, भारत के सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) और नेशनल डीप टेक स्टार्टअप पॉलिसी (एनडीटीएसपी) फ्रंटियर टेक इनोवेशन और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए कमिटमेंट को दर्शाती हैं। भारत ग्लोबल सेमीकंडक्टर डिजाइन स्पेस में एक प्रमुख प्लेयर है, जो दुनिया के लगभग 20 प्रतिशत सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियरों, लगभग 125,000 पेशेवरों को रोजगार देता है।

ये भी पढ़े: Jobs : भारतीय व्हाइट-कॉलर जॉब मार्केट में इस साल निकलेंगी भारी भर्तियां

डीप-टेक सेक्टर से बड़ेगी अर्थव्यवस्था

Advertisment

राष्ट्रीय शोध कार्यक्रम, विश्वविद्यालय इनक्यूबेटर और कॉर्पोरेट आरएंडडी निवेश टैलेंट रिटेंशन और विकास को मजबूत कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि रणनीतिक कौशल निर्माण के साथ भारत शोधकर्ताओं, इंजीनियरों और उद्यमियों की एक मजबूत पाइपलाइन द्वारा समर्थित तकनीकी विकास सुनिश्चित कर रहा है। थ्रीवनफोर कैपिटल के संस्थापक भागीदार और मुख्य निवेश अधिकारी प्रणव पई ने कहा, "भारत का डीप-टेक सेक्टर निवेश के लिए तैयार, नीति-समर्थित और वैश्विक रूप से प्रासंगिक अवसर के रूप में परिपक्व हो रहा है। जबकि नींव मजबूत है, डीप-टेक इनोवेशन को व्यावसायिक रूप से सफल, वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी व्यवसायों में बदलने के लिए निरंतर पूंजी, इकोसिस्टम सहयोग और धैर्यपूर्वक निष्पादन की जरूरत होगी।"

पई ने कहा कि भारत एक निर्णायक चरण में है, एक ऐसा चरण जहां अनुशासित इनोवेशन और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता अगले दशक में एआई, सेमीकंडक्टर और क्लीन मोबिलिटी में इसकी लीडरशिप को परिभाषित करेगी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2030 तक 70 प्रतिशत नए कमर्शियल व्हीकल 'ईवी' होने का अनुमान है, ऐसे में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी दक्षता को बढ़ाने की मुख्य चुनौतियां बनी हुई हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, "सरकारी प्रोत्साहनों और रणनीतिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी में 10 बिलियन डॉलर के साथ, देश अपने फैबलेस डिजाइन और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूत कर रहा है।"

Advertisment
Advertisment