नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में गाड़ियां सड़क के बाईं ओर क्यों चलती हैं, जबकि अमेरिका, फ्रांस और कई दूसरे देशों में ये दाईं ओर दौड़ती हैं? दरअसल, इसका जवाब सिर्फ ट्रैफिक नियमों में नहीं, बल्कि इतिहास की उन गलियों में छुपा है, जो हमें अंग्रेजों की गुलामी तक ले जाती हैं।
ब्रिटिश रूल का असर अब भी दिखता है
भारत में गाड़ियां बाईं ओर क्यों चलती हैं, इसका बड़ा कारण ब्रिटिश हुकूमत है। अंग्रेज जब भारत आए, तो उन्होंने अपने देश की व्यवस्था के मुताबिक गाड़ियों को बाईं तरफ चलाने का नियम लागू कर दिया। ब्रिटेन में भी आज गाड़ियां बाईं ओर ही चलती हैं, और अपने उपनिवेशों जैसे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका आदि में यही सिस्टम लागू किया गया।
दूसरी तरफ अमेरिका ने अपनाया फ्रेंच स्टाइल
अमेरिका और बाकी कई देशों में गाड़ियां दाईं ओर चलती हैं। इसका कारण है फ्रांस का प्रभाव। फ्रेंच क्रांति के बाद फ्रांस ने दाईं तरफ ड्राइविंग को बढ़ावा दिया और अमेरिका ने भी वही तरीका अपनाया। धीरे-धीरे यह सिस्टम यूरोप और अमेरिका के ज्यादातर देशों में फैल गया।
घोड़े की सवारी से शुरू हुआ ये नियम
प्राचीन समय में जब लोग तलवारबाजी करते थे और घोड़े की सवारी आम थी, तब ज़्यादातर लोग दाएं हाथ से तलवार चलाते थे। इसलिए वे घोड़े को बाईं ओर से चलाते थे ताकि दाहिने हाथ से लड़ाई की जा सके। इसी आधार पर बाईं ओर चलने का चलन ब्रिटेन में बना और बाद में गाड़ियों पर लागू हो गया।
अब बदलना संभव नहीं
हालांकि अब भारत में सिस्टम इतना सेट हो चुका है कि इसे बदलना संभव नहीं। सड़कें, ट्रैफिक लाइट्स, गाड़ियों की बनावट – सब कुछ बाएं तरफ ड्राइविंग को ध्यान में रखकर बना है। बदलाव करने में न सिर्फ अरबों का खर्च आएगा, बल्कि सड़क हादसों का खतरा भी बढ़ जाएगा।