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NACH 3.0: अब ऑटो पेमेंट और सैलरी ट्रांसफर होंगे पहले से तेज और सुरक्षित, जानिए क्या है इसकी खासियत

NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) जुलाई 2025 से अपने ऑटो पेमेंट सिस्टम NACH को अपडेट कर रहा है। यह नया सिस्टम सैलरी ट्रांसफर, EMI, सब्सिडी, पेंशन और सब्सक्रिप्शन जैसी ऑटो पेमेंट सेवाओं को पहले से अधिक तेज़, सुरक्षित और यूजर-फ्रेंडली बनाएगा।

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Suraj Kumar
NPCI
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क।नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए अपने ऑटोमेटेड क्लियरिंग सिस्टम NACH (National Automated Clearing House) को अपडेट करने की घोषणा की है। इस नए और अपग्रेडेड वर्जन को NACH 3.0 नाम दिया गया है, जो जुलाई 2025 से लागू होने की संभावना है। इसके तहत सैलरी ट्रांसफर, पेंशन, सब्सिडी, लोन की EMI, SIP और सब्सक्रिप्शन जैसे सभी ऑटो पेमेंट अब और तेज गति से और ज्यादा सुरक्षित तरीके से किए जा सकेंगे।

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क्‍या है NACH? 

NACH सिस्टम का उपयोग आम तौर पर बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के बीच फंड ट्रांसफर के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से ही आपके खाते में हर महीने की सैलरी, सरकारी सब्सिडी या पेंशन आती है और साथ ही आपके खाते से EMI या SIP की रकम कटती है। अब NACH 3.0 में जो तकनीकी बदलाव किए गए हैं, वे इसे और अधिक तेज, उपयोगकर्ता के अनुकूल और सुरक्षित बनाएंगे।

NACH 3.0 में ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) को पूरी तरह से अपग्रेड किया गया है। यह अब अधिक responsive और यूजर फ्रेंडली होगा, जिससे ऑटो पेमेंट अनुभव और भी सहज हो जाएगा। इसके अलावा इस सिस्टम में सेल्फ-सर्विस यूजर मैनेजमेंट की सुविधा दी जाएगी, जिससे यूजर्स कई डिजिटल कार्य खुद बिना बैंक की मदद के ही कर पाएंगे। इससे समय की भी बचत होगी और प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी।

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यूजर्स का डेटा होगा अधिक सुरक्षित 

इस नए सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत इसकी सुरक्षा व्यवस्था है। NACH 3.0 में एडवांस सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स को शामिल किया गया है, जो डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन से लेकर एंड-टू-एंड फाइल एन्क्रिप्शन जैसी तकनीकों के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को डेटा या ट्रांजैक्शन की जानकारी तक पहुंच न मिले। अब कोई भी फाइल प्लेन टेक्स्ट में नहीं होगी, हर लेनदेन को एन्क्रिप्ट किया जाएगा।

कुल मिलाकर, NACH 3.0 का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन को और भी तेज, स्मार्ट और भरोसेमंद बनाना है। यह अपग्रेड उन सभी यूजर्स के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा, जो रेगुलर सैलरी ट्रांसफर, ईएमआई भुगतान या सब्सक्रिप्शन सर्विस का उपयोग करते हैं। आने वाले समय में यह सिस्टम भारत की डिजिटल इकोनॉमी को और सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

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