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"Google का Gemini अब पढ़ेगा आपके WhatsApp मैसेज? जानिए — क्या है सच्चाई"

Google Gemini अब आपके Android फोन के ऐप्स से खुद-ब-खुद इंटरैक्ट करेगा—even if turned off! WhatsApp, कॉल्स और मैसेज तक बिना इजाज़त पहुंचने का खतरा बढ़ा। यूजर्स की प्राइवेसी पर गंभीर सवाल। जानें क्या है सच्चाई?

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Ajit Kumar Pandey

"Google का Gemini अब पढ़ेगा आपके WhatsApp मैसेज? जानिए — क्या है सच्चाई" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । 7 जुलाई से आपके एंड्रॉयड फोन में Google का AI असिस्टेंट Gemini आपकी WhatsApp चैट्स, कॉलिंग ऐप और अन्य निजी एप्लिकेशन्स से इंटरैक्ट करेगा—चाहे आपने ये फीचर बंद किया हो या नहीं। Google की भेजी गई ईमेल ने यूजर्स के बीच दहशत फैला दी है क्योंकि इसमें फीचर बंद करने का विकल्प तो बताया गया, लेकिन कैसे बंद करें, ये नहीं बताया गया। इससे लोगों में प्राइवेसी को लेकर भारी चिंता और ग़ुस्सा है।

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क्या है Google Gemini का नया अपडेट?

Google का नया AI असिस्टेंट, Gemini, अब पहले से ज्यादा ताकतवर और "स्वतंत्र" बनने जा रहा है। 7 जुलाई 2025 से, यह AI आपके एंड्रॉयड डिवाइस के अंदर मौजूद ऐप्स जैसे—Phone, Messages, WhatsApp और अन्य यूटिलिटी ऐप्स के साथ खुद-ब-खुद इंटरैक्ट कर सकेगा।

सवाल ये नहीं कि क्या ये अच्छा फीचर है, बल्कि ये है कि क्या आपको इसकी जानकारी है और क्या आप इसे रोक सकते हैं? जवाब है—शायद नहीं!

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“ऑन या ऑफ”, कोई फर्क नहीं पड़ेगा!

Google की भेजी गई ईमेल में साफ तौर पर लिखा गया है:

“Gemini will be able to interact with these apps whether your Gemini Apps Activity is on or off.”

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मतलब अगर आपने Gemini Apps Activity फीचर को मैनुअली बंद भी कर दिया हो, तब भी Gemini इन ऐप्स से डेटा लेगा, रिस्पॉन्ड करेगा, और आपके व्यवहार को समझने की कोशिश करेगा।

सोशल मीडिया पर फैली सनसनी

टिपस्टर CID और अन्य टेक यूजर्स ने इस ईमेल के स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया पर साझा किए। Android Authority जैसी विश्वसनीय वेबसाइटों ने भी इसे कन्फर्म किया।

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ईमेल का टाइटल था:

“We've made it easier for Gemini to interact with your device.”

इस वाक्य ने ही लोगों को चिंता में डाल दिया। क्योंकि 'आसान' बनाने का मतलब अब ये हो गया है कि आपकी परमिशन की ज़रूरत भी नहीं!

Gemini Apps Activity क्या है?

यह असल में Google Gemini के “Extensions” का नया नाम है। इसके ज़रिए यूजर Google Gemini को कुछ थर्ड-पार्टी और फर्स्ट-पार्टी ऐप्स के साथ काम करने की इजाज़त देते थे।

अब तक यूजर्स खुद तय कर सकते थे कि Gemini किन ऐप्स तक पहुंच पाए, लेकिन नए अपडेट के बाद यह विकल्प धीरे-धीरे खत्म हो सकता है।

सबसे बड़ा खतरा: आपकी प्राइवेसी!

Google Assistant पहले से ऐप्स से इंटरैक्ट कर सकता था, लेकिन Gemini एक AI मॉडल है—जो डेटा को समझता है, प्रोसेस करता है और उसका इस्तेमाल करता है।

अब दिक्कत ये है कि यह स्पष्ट नहीं है कि Gemini आपका डेटा कहां भेजता है, कैसे स्टोर करता है और किसके साथ शेयर करता है।

AI की आज़ादी या यूजर की आज़ादी पर हमला?

AI को स्मार्ट बनाने की इस दौड़ में टेक कंपनियां धीरे-धीरे यूजर की मर्जी को दरकिनार कर रही हैं।

Gemini अब आपके व्हाट्सएप संदेशों, फोन कॉल्स और ऐप एक्सेस को स्कैन कर सकता है, और यह सब तब भी संभव होगा जब आपने उस विकल्प को बंद किया हो।

Google का विरोधाभासी ईमेल

ईमेल में अंत में लिखा गया:

“अगर आप इन फीचर्स का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो आप Apps Settings पेज में जाकर इन्हें बंद कर सकते हैं।” लेकिन यही ईमेल पहले ही कह चुका था कि Gemini फीचर ऑन हो या ऑफ, यह काम करेगा।

यानी, यूजर कन्फ्यूजन का शिकार है और उसे यह भी नहीं पता कि वह सच में इसे कंट्रोल कर सकता है या नहीं।

यूजर के पास क्या विकल्प हैं?

फिलहाल, यूजर्स केवल Gemini ऐप की Settings में जाकर Apps Access को बंद कर सकते हैं। लेकिन 7 जुलाई के बाद इस सेटिंग का असर भी सीमित हो जाएगा।

कुछ टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लिए गूगल को स्पष्ट और पारदर्शी UI देना चाहिए जहां यूजर एक क्लिक में यह तय कर सके कि Gemini को किन ऐप्स तक पहुंचने की इजाज़त है।

डेटा की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

  • यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि AI जितना ताकतवर बन रहा है, उतनी ही तेज़ी से हमारी डिजिटल आज़ादी सीमित हो रही है।
  • क्या आने वाले दिनों में हमें हर ऐप की परमिशन को बार-बार चेक करना पड़ेगा? या फिर AI को हमारी हर हरकत पर नज़र रखने की खुली छूट मिल जाएगी?

Gemini पर भरोसा करें या ना करें?

  • Google के इस कदम ने AI की आज़ादी और यूजर की आज़ादी के बीच एक स्पष्ट टकराव खड़ा कर दिया है।
  • अगर आज आप अपने मोबाइल के AI को "ना" नहीं कह सकते, तो कल शायद वह आपकी जगह सोचने भी लगे!

क्या आप भी अपनी प्राइवेसी को लेकर चिंतित हैं? क्या आपको लगता है कि AI को सीमाएं चाहिए? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताएं। आपके विचार ही असली बदलाव की शुरुआत हैं!

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