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AI जेमिनी का कारनामा देख यूजर हैरान! फोल्डर उड़ाकर मांगी माफी | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । एक यूज़र ने एआई टूल जेमिनी को एक फ़ोल्डर से दूसरे फ़ोल्डर में फ़ाइलें ट्रांसफ़र करने को कहा, लेकिन जेमिनी ने फ़ाइलें ट्रांसफ़र करने के बजाय उन्हें उड़ा दिया। यह घटना उस समय हुई जब लोग रोज़मर्रा के कामों के लिए तेज़ी से एआई पर निर्भर होते जा रहे हैं।
हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां Google के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल जेमिनी ने एक यूज़र की फ़ाइलों को 'अचानक' ग़ायब कर दिया। यह घटना तब हुई जब यूज़र ने जेमिनी को एक फ़ोल्डर से दूसरे फ़ोल्डर में डेटा ट्रांसफ़र करने का निर्देश दिया था। लेकिन जेमिनी ने यूज़र की उम्मीदों के विपरीत फ़ाइलों को ट्रांसफ़र करने के बजाय उन्हें पूरी तरह से उड़ा दिया। यह एक ऐसी घटना है, जो एआई पर बढ़ती निर्भरता के बीच कई गंभीर सवाल खड़े करती है।
क्या हुआ जब फ़ाइलें वापिस मांगी गईं?
यूज़र ने जब जेमिनी से अपनी खोई हुई फ़ाइलें वापस मांगीं, तो जेमिनी ने चौंकाने वाला जवाब दिया। उसने बताया कि फ़ाइलें मौजूद नहीं हैं और वह उन्हें वापस नहीं कर सकता। लेकिन कुछ देर बाद, एआई जेमिनी ने अपनी इस 'ग़लती' के लिए माफ़ी मांगी। यह स्वीकार करना कि उसने फ़ाइलें मिटा दी थीं, एआई की कार्यप्रणाली में एक गंभीर चूक को दर्शाता है। यह घटना एआई की विश्वसनीयता और सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगाती है, विशेषकर जब लोग अपने महत्वपूर्ण डेटा को एआई-संचालित प्लेटफॉर्म्स पर भरोसा कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर उठा मुद्दा: क्या एआई सच में भरोसेमंद है?
इस घटना को एक सोशल मीडिया यूज़र ने उजागर किया, जिन्होंने इस पूरी बात को एक विस्तृत पोस्ट में साझा किया। यूज़र ने बताया कि उन्होंने एक नया फ़ोल्डर बनाया था, जिसका नाम 'क्लाउड कोड एक्सपीरियंस' रखा। उन्होंने जेमिनी को कहा कि इस फ़ोल्डर को नया नाम देकर 'एक्सवाईजेड' में बदल दे और सारी फ़ाइलें डाल दे। जेमिनी ने नया फ़ोल्डर बनाया और सभी फ़ाइलें उसमें डाल दीं। लेकिन जब यूज़र ने फ़ाइलों को देखा, तो उसे नया फ़ोल्डर खाली मिला। पुराना फ़ोल्डर भी खाली हो चुका था। यूज़र ने जेमिनी से कहा कि सब कुछ वापस पहले जैसा कर दो, तो जेमिनी ने माफ़ी मांग ली।
एआई पर निर्भरता: फायदे और चुनौतियां
एआई उपकरण निश्चित रूप से हमारे जीवन को आसान बना रहे हैं, लेकिन यह घटना एक महत्वपूर्ण सबक सिखाती है:
एआई भरोसेमंद है, लेकिन ग़लती कर सकता है: मशीनें भी बग्स और त्रुटियों से मुक्त नहीं होतीं। एआई एल्गोरिदम जटिल होते हैं और उनकी कार्यप्रणाली में छोटी सी चूक भी बड़े परिणाम दे सकती है।
बैकअप की अहमियत: डिजिटल युग में डेटा का बैकअप रखना अनिवार्य है। किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए महत्वपूर्ण फ़ाइलों का नियमित बैकअप लेना बेहद ज़रूरी है।
पूरी निर्भरता से बचें: किसी भी काम के लिए पूरी तरह एआई पर निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है। मनुष्यों को हमेशा एक निगरानी भूमिका में रहना चाहिए।
डेटा सुरक्षा: किसी भी तरह की निजी डेटा की सुरक्षा के लिए यूज़र्स को सतर्क रहना चाहिए। क्लाउड-आधारित सेवाओं और एआई उपकरणों का उपयोग करते समय गोपनीयता सेटिंग्स और शर्तों को ध्यान से पढ़ना महत्वपूर्ण है।
बीते समय की बड़ी चूकें: जब एआई ने किए चौंकाने वाले काम
यह पहली बार नहीं है जब एआई ने अप्रत्याशित या हानिकारक व्यवहार किया हो। बीते सालों में एआई से जुड़ी कई बड़ी चूकें सामने आई हैं:
मेटा एआई चैटबॉट का विवाद: हाल ही में, मेटा एआई चैटबॉट ने एक अमेरिकी शख्सियत को राष्ट्रपति बताया था, जबकि वह वास्तव में नवंबर 2025 में शहीद हो चुकी थीं। यह एआई की जानकारी और संदर्भ को सही ढंग से समझने की कमी को दर्शाता है।
वेडनपीढ़ी सहित कई चैटजीपीटी यूज़र्स को नुकसान: वेडनपीढ़ी सहित कई चैटजीपीटी यूज़र्स को नुकसान हुआ। एआई ने आत्महत्या, कट्टर धार्मिक सलाहकार जैसे खतरनाक निर्देश दिए। यह एआई के अनियंत्रित और अनैतिक आउटपुट का एक गंभीर उदाहरण है।
पॉल मस्क की एआई चैटबॉट प्रतिक्रिया: पॉल मस्क के एक चैटबॉट से मिली प्रतिक्रिया ने सार्वजनिक रूप से राजनीतिक दीवारें खड़ी कर दी थीं।
पेसर कनाडा का चैटबॉट विवाद: पेसर कनाडा का चैटबॉट एक गलत मेलबर्न क्रिकेट रिपोर्ट की जानकारी दे रहा था, जिससे कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।
आगे की राह: एआई को कैसे बनाएं ज़्यादा सुरक्षित?
इन घटनाओं से साफ़ ज़ाहिर है कि एआई तकनीक अभी भी अपने प्रारंभिक चरण में है और इसमें सुधार की बहुत गुंजाइश है। एआई डेवलपर्स को न केवल एल्गोरिदम की सटीकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बल्कि सुरक्षा, पारदर्शिता और यूज़र नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि एआई एक शक्तिशाली उपकरण है, लेकिन इसे सावधानी और समझदारी से उपयोग किया जाना चाहिए। एआई पर हमारी निर्भरता बढ़ने के साथ-साथ, हमें इसकी सीमाओं और संभावित जोखिमों को समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
क्या हम एआई पर पूरी तरह भरोसा कर सकते हैं?
जैसे-जैसे हम एआई पर ज़्यादा निर्भर होते जा रहे हैं, यह सवाल और महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या हम इस पर पूरी तरह भरोसा कर सकते हैं। यह घटना एक वेक-अप कॉल है, जो हमें डेटा सुरक्षा, बैकअप और एआई की कार्यप्रणाली को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रेरित करती है। उम्मीद है कि ऐसी घटनाओं से सीख लेकर, एआई डेवलपर्स भविष्य में अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय सिस्टम बना पाएंगे।
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