Advertisment

जानकर हैरान रह जाएंगे! एक तानाशाह की विरासत से जन्मी  कंपनी का Global Empire, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

फॉक्सवैगन, जो आज ऑडी, पोर्शे, लैम्बोर्गिनी, स्कोडा और बुगाटी जैसी लग्जरी कार ब्रांड्स का हिस्सा है, की शुरुआत हिटलर के सपने से में हुई थी।

author-image
Ajit Kumar Pandey
Car Company

Car Company

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

usiness news | Global Business News | आज फॉक्सवैगन (Volkswagen) दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है, जिसके पोर्टफोलियो में ऑडी, पोर्शे, लैम्बोर्गिनी, स्कोडा और बुगाटी जैसी लग्जरी कार ब्रांड्स शामिल हैं।

क्या आप जानते हैं कि इस कंपनी की शुरुआत जर्मन तानाशाह अडोल्फ हिटलर के सपने से हुई थी? हिटलर चाहता था कि जर्मनी का हर नागरिक एक सस्ती और टिकाऊ कार खरीद सके। इसी सपने को साकार करने के लिए 1937 में फॉक्सवैगन की स्थापना हुई, जिसने आगे चलकर दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई।

 Latest Business News | automobile : आइए अब हम फॉक्सवैगन कंपनी के इतिहास, हिटलर के सपने, कंपनी के विकास और इसके अधिग्रहणों (जैसे पोर्शे, लैम्बोर्गिनी, बुगाटी) की पूरी कहानी जानते हैं: 

HITLAR
HITLAR

हिटलर का सपना: जर्मनी के हर नागरिक के लिए एक कार

Advertisment

1930 के दशक में जर्मनी में कारें केवल अमीरों तक ही सीमित थीं। अडोल्फ हिटलर, जो उस समय जर्मनी का चांसलर था, चाहता था कि उसका देश दुनिया में सबसे आगे हो। उसने "पीपल्स कार" (Volkswagen) के विचार को प्रोत्साहित किया, जो हर आम जर्मन नागरिक के लिए सस्ती और टिकाऊ हो।

हिटलर ने फर्डिनेंड पोर्शे (Porsche के संस्थापक) को इस प्रोजेक्ट का हेड बनाया। पोर्शे ने एक ऐसी कार डिजाइन की जो...

  • 100 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ सके।
  • 4 लोगों को आराम से बैठा सके।
  • 1 लीटर पेट्रोल में 14 किमी चले।
  • कीमत 990 रीच्समार्क (उस समय एक मोटरसाइकिल की कीमत) से कम हो।
  • इसी ड्रीम कार का नाम "वोक्सवैगन बीटल" (Volkswagen Beetle) रखा गया, जो आगे चलकर दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में से एक बनी।

फॉक्सवैगन का जन्म और द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव

Advertisment
  • 1937 में "गेसेलशाफ्ट ज़ुर वोरबेरिटुंग डेस डॉयचेन फोक्सवैगन" (Company for the Preparation of the German Volkswagen Ltd.) नाम से कंपनी बनी, जिसे बाद में "वोक्सवैगनवर्क GmbH" नाम दिया गया।
  • हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के कारण बीटल कार का प्रोडक्शन रुक गया। इस दौरान फॉक्सवैगन फैक्ट्री का इस्तेमाल मिलिट्री व्हीकल्स बनाने में किया गया। युद्ध के बाद, जर्मनी की हार के साथ ही फॉक्सवैगन फैक्ट्री ब्रिटिश कंट्रोल में आ गई।
CAR
CAR

युद्ध के बाद फॉक्सवैगन का पुनर्जन्म

1945 के बाद, ब्रिटिश मेजर इवान हर्स्ट ने फैक्ट्री को दोबारा शुरू किया और बीटल कार का प्रोडक्शन शुरू हुआ। 1950 तक फॉक्सवैगन ने 1 लाख बीटल कारें बेच दीं और यह दुनिया की सबसे पॉपुलर कार बन गई।

फॉक्सवैगन ग्रुप: ऑडी, पोर्शे, लैम्बोर्गिनी और बुगाटी का सफर

Advertisment
  • साल 1960 के बाद फॉक्सवैगन ने कई बड़ी कार कंपनियों को खरीदकर अपना साम्राज्य बढ़ाया। आज यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी (टोयोटा के बाद) है।

1. ऑडी (Audi) : 1964 में शामिल हुई

  • ऑडी की स्थापना 1909 में हुई थी।
  • 1964 में फॉक्सवैगन ने ऑडी को खरीद लिया।
  • आज ऑडी लग्जरी सेगमेंट की टॉप कारों में गिनी जाती है।

2. स्कोडा (Skoda) : 1991 में शामिल हुई

  • स्कोडा एक चेक कंपनी थी, जिसे फॉक्सवैगन ने 1991 में खरीदा।
  • आज स्कोडा भारत समेत कई देशों में पॉपुलर ब्रांड है।

3. बेंटले (Bentley), बुगाटी (Bugatti), लैम्बोर्गिनी (Lamborghini) – 1998 में शामिल हुईं

  • बुगाटी (सुपरफास्ट कार्स) और लैम्बोर्गिनी (स्पोर्ट्स कार्स) को फॉक्सवैगन ने 1998 में खरीदा।
  • बेंटले (लग्जरी कार्स) भी इसी ग्रुप का हिस्सा है।

4. पोर्शे (Porsche) – 2012 में शामिल हुई

  • दिलचस्प बात यह है कि पोर्शे और फॉक्सवैगन का कनेक्शन शुरू से ही था, क्योंकि फॉक्सवैगन बीटल को फर्डिनेंड पोर्शे ने डिजाइन किया था।
  • 2012 में फॉक्सवैगन ने पोर्शे को अपने अंडर में ले लिया।

फॉक्सवैगन आज: 153 देशों में मौजूदगी

  • आज फॉक्सवैगन ग्रुप : 10+ ब्रांड्स को कंट्रोल करता है।
  • 153 देशों में अपनी कारें बेचता है।
  • 6 लाख से ज्यादा एम्प्लॉयीज के साथ काम करता है।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों (जैसे ID.4, ID. Buzz) में भी बड़ा निवेश कर रहा है।

एक तानाशाह के सपने से लेकर ग्लोबल ऑटोमोबाइल एम्पायर तक

फॉक्सवैगन की कहानी साबित करती है कि कैसे एक राजनीतिक विजन ने दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक को जन्म दिया। हिटलर का सपना था कि हर जर्मन के पास एक कार हो, लेकिन आज फॉक्सवैगन दुनिया भर के करोड़ों लोगों की पसंद बन चुका है।

20 साल में फॉक्सवैगन कंपनी का टर्नओवर चार गुना हुआ

साल 2000 : 4.92 लाख करोड़ रुपए

साल 2005 : 4.3 लाख करोड़ रुपए

साल 2010 : 16.7 लाख करोड़ रुपए

साल 2015 : 19.8 लाख करोड़ रुपए

साल 2020 : 20.5 लाख करोड़ रुपए

business news Global Business News Latest Business News automobile
Advertisment
Advertisment