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क्या प्राइवेट कर्मचारियों को 7500 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी? सरकार ने संसद में दिया जवाब

चर्चा है कि क्या सरकार ईपीएस के तहत पेंशन राशि बढ़ाकर 7500 प्रतिमाह कर सकती है। मानसून सत्र में भी यह मुद्दा उठा। सांसद वाइको और एम. षणमुगम ने न्यूनतम पेंशन पर कई प्रश्न पूछे। न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग सरकार के समक्ष लंबे समय से विचाराधीन है? 

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Mukesh Pandit
EPFO
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।कर्मचारी भविष्य निधि संघगठन (EPFO) निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) चला रहा है। वर्तमान में ईपीएस-95 के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये है। लंबे समय से ट्रेड यूनियन, पेंशनभोगी संघ और जनप्रतिनिधि सरकार से इस राशि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं और कुछ संगठनों ने ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन 7500 प्रतिमाह करने का सरकार को प्रस्ताव दिया है।

तभी से इस बात की चर्चा है कि क्या सरकार ईपीएस के तहत पेंशन राशि बढ़ाकर 7500 प्रतिमाह कर सकती है। संसद के चालू मानसून सत्र में भी यह मुद्दा उठा। सांसद वाइको और एम. षणमुगम ने न्यूनतम पेंशन पर कई प्रश्न पूछे। उन्होंने सरकार से पूछा, क्या ईपीएस-95 में न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग सरकार के समक्ष लंबे समय से विचाराधीन है? यदि हां, तो सरकार कब तक निर्णय लेगी, विशेष रूप से ट्रेड यूनियनों के बढ़ते दबाव और न्यायालयीन निर्णयों को देखते हुए? साथ ही सांसदों ने यह भी सवाल किया कि जब कॉर्पस फंड और अघोषित निधियों में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, तो ईपीएफ पेंशन बढ़ाने में क्या बाधाएं हैं?

संसद में सरकार ने दिया ये जवाब

संसद में इन सवालों का जवाब देते हुए सरकार ने बताया कि कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के तहत मौजूदा न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने के लिए ट्रेड यूनियनों और जनप्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। ईपीएस, 1995 "परिभाषित अंशदान-परिभाषित लाभ" सामाजिक सुरक्षा योजना है। कर्मचारी पेंशन निधि का कोष (1) नियोक्ता द्वारा वेतन के 8.33 प्रतिशत की दर से अंशदान; और (2) केंद्र सरकार द्वारा बजटीय सहायता के माध्यम से वेतन के 1.16 प्रतिशत की दर से 15,000 रुपये प्रति माह तक के अंशदान से बना है। ईपीएस के तहत सभी लाभ ऐसे संचयों से दिए जाते हैं। ईपीएस, 1995 के पैराग्राफ 32 के तहत निधि का मूल्यांकन वार्षिक रूप से किया जाता है और 31 मार्च 2019 तक निधि के मूल्यांकन के अनुसार, एक बीमांकिक घाटा है।

1000 रुपये प्रति माह की पेंशन देने की योजना है

सरकार ने आगे कहा कि ईपीएस, 1995 के तहत पेंशनभोगियों को बजटीय सहायता प्रदान करके 1000 रुपये प्रति माह की पेंशन देने की योजना है, जो ईपीएफओ को ईपीएस के लिए प्रतिवर्ष प्रदान की जाने वाली वेतन के 1.16 प्रतिशत की बजटीय सहायता के अतिरिक्त है। सरकार ने कहा कि फिलहाल पेंशन वृद्धि पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है और न ही सरकार ने इसके लिए कोई समय-सीमा तय नहीं की है। सरकार ने कहा कि वह न्यूनतम 1,000 रुपये पेंशन सुनिश्चित करने के लिए बजटीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगी। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

ईपीएस पेंशन क्या है?

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भारत सरकार ने 1995 में कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) शुरू की थी, जो सेवानिवृत्ति लाभ योजना है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह ईपीएफ का हिस्सा है और इसका प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन करता है। सेवानिवृत्ति के बाद ईपीएफ एकमुश्त मिलता है। जबकि ईपीएस पेंशन प्रदान करता है। यह पेंशन कर्मचारी के वेतन और सेवा के वर्षों के आधार पर अलग-अलग होती है।

Pension Scheme for Private Sector Private Employees Pension 7500 Monthly Pension Scheme
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