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Allahabadia Controversy: ‘यूट्यूबर’ Ashish Chanchlani ने सुप्रीम कोर्ट से FIR रद्द करने का किया अनुरोध

गौहाटी हाई कोर्ट ने यूट्यूबर आशीष चंचलानी को जमानत दी है। वह रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना से जुड़े शो 'इंडियाज गॉट लैटेंट' में शामिल हुए थे, जिसमें माता-पिता को लेकर अश्लील मजाक किया गया था। उनके खिलाफ असम में एक शिकायत दर्ज हुई थी।

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YBN News
Femash Utuber

Photograph: (file)

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

चर्चित 'यूट्यूबर' आशीष चंचलानी ने एक ऑनलाइन शो में कथित तौर पर अश्लीलता को बढ़ावा देने के मामले में गुवाहाटी में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने या मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। चंचलानी असम में दर्ज मामले में नामजद व्यक्तियों में से एक हैं, जिसमें ‘पॉडकास्टर’ रणवीर इलाहाबादिया यूट्यूब शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' पर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के कारण मुख्य आरोपी हैं। 

एफआइआर रद्द करने का अनुरोध

याचिका को शुक्रवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। अधिवक्ता मंजू जेटली द्वारा दायर याचिका में चंचलानी ने असम के गुवाहाटी में साइबर थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है, “साइबर पुलिस स्टेशन पुलिस आयुक्तालय, गुवाहाटी अपराध शाखा, असम में दर्ज प्राथमिकी संख्या 03/2025 रद्द की जाए।” यूट्यूबर ने वैकल्पिक रूप से, इस प्राथमिकी को मुंबई पुलिस थाने नोडल साइबर, मुंबई में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। 

क्या है पूरा मामला 

आशीष चंचलानी के अलावा असम में इसी मामले में नामित अन्य लोगों में कॉमेडियन समय रैना, रणवीर अल्लाहबादिया, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा  भी शामिल हैं। इन सब पर इसलिए शिकायत दर्ज हुई क्योंकि ये समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में शामिल हुए थे, जहां पर माता-पिता को लेकर अश्लील जोक्स कहे गए। इसके बाद असम के अलावा कई राज्यों में इन सभी लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई। 

आशीष के वकील ने दी ये दलील 

आशीष चंचलानी के वकील दिगंत दास और जॉयराज बोरा ने कोर्ट में तर्क दिया कि उनके मुवक्किल ने शो में कुछ भी नहीं कहा और एफआईआर में आरोप केवल सह-आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए थे। गौहाटी पुलिस ने 10 फरवरी को एक व्यक्ति की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और महिलाओं के अश्लील चित्रण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी, इसमें आशीष का नाम भी शामिल था। 

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