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प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद । फाइल फोटो
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने अपना पासपोर्ट जारी करने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनके खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर कुछ विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के लिए मई में मामला दर्ज किया गया था। महमूदाबाद का पासपोर्ट जमानत के लिए एक पूर्व शर्त के रूप में जमा किया गया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि उनके पासपोर्ट जारी करने की याचिका पर 18 नवंबर को विचार किया जाएगा।
सिब्बल ने कहा, पासपोर्ट जारी कर देना चाहिए
हरियाणा सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि यदि वह विदेश जाना चाहते हैं तो वह अपना यात्रा कार्यक्रम प्रस्तुत करने के बाद ऐसा कर सकते हैं। महमूदाबाद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि राज्य को कोई आपत्ति नहीं है तो उन्हें पासपोर्ट जारी कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, “इसे रखने का क्या फायदा है? उन्हें पासपोर्ट जारी कर देना चाहिए।” पीठ ने कहा कि प्रोफेसर कल विदेश नहीं जा रहे हैं और पासपोर्ट जारी करने के आवेदन पर 18 नवंबर को विचार किया जा सकता है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 18 मई को गिरफ्तार किया था
हरियाणा पुलिस ने महमूदाबाद को उनके खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 18 मई को गिरफ्तार किया था। एक प्राथमिकी हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर और दूसरी सोनीपत जिले की राई पुलिस द्वारा एक गांव के सरपंच की शिकायत पर दर्ज की गयी थी। महमूदाबाद को 21 मई को अंतरिम जमानत देते हुए शीर्ष अदालत ने उन्हें सोनीपत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष उनका पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था और दोनों प्राथमिकी की जांच में पूरा सहयोग करने को कहा था।
हरियाणा एसआईटी द्वारा दायर आरोपपत्र
शीर्ष अदालत ने अधीनस्थ अदालत को उनके खिलाफ दर्ज एक एफआईआर में हरियाणा एसआईटी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से 25 अगस्त को रोक दिया था। इसके अलावा, न्यायालय ने अधीनस्थ अदालत को मामले में कोई भी आरोप तय करने से रोक दिया है। महमूदाबाद के खिलाफ उनके विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज दो प्राथमिकी की जांच के लिए शीर्ष अदालत द्वारा गठित एसआईटी ने अदालत को सूचित किया था कि उनमें से एक में उसने क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है जबकि दूसरे में 22 अगस्त को आरोप पत्र दायर किया गया था। supreme court | Supreme Court caste case | supreme court cbse | court | civil court
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