नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में है। 31 मई को शिव प्रतिमा की स्थापना होगी और 3 जून से सभी मूर्तियों की पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी। दो महीनों के भीतर मंदिर के सभी हिस्से आम भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। मंदिर का 90% परकोटा जून-जुलाई तक और शेष काम सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर को लेकर एक और बड़ा अपडेट सामने आया है। मंदिर निर्माण की निगरानी कर रही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी दी है कि 31 मई को भगवान शिव की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। इसके बाद 3 जून से सभी मूर्तियों की नियमित पूजा-अर्चना आरंभ कर दी जाएगी।
इस खबर ने राम भक्तों के बीच उत्साह की लहर दौड़ा दी है। मंदिर का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में है और जून-जुलाई तक लगभग 90% परकोटे का कार्य पूर्ण हो जाएगा। नृपेंद्र मिश्र के अनुसार, सितंबर 2025 तक पूरा परकोटा बनकर तैयार हो जाएगा, और दिसंबर 2025 तक संपूर्ण मंदिर निर्माण कार्य संपन्न कर लिया जाएगा।
जल्द खुलेंगे भक्तों के लिए सभी हिस्से
इस बहुप्रतीक्षित मंदिर के दर्शन को लेकर एक और खुशखबरी है। ट्रस्ट का कहना है कि अगले दो महीनों के भीतर भक्तों को मंदिर के सभी हिस्सों में जाने की अनुमति दे दी जाएगी। अभी तक केवल सीमित क्षेत्र में दर्शन की सुविधा थी, लेकिन यह बदलाव लाखों श्रद्धालुओं को बड़ा सुकून देने वाला होगा।
ऑडिटोरियम और प्रदर्शनी हॉल का निर्माण भी जारी
ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर के साथ-साथ प्रदर्शनी हॉल और एक भव्य ऑडिटोरियम का निर्माण भी शुरू हो गया है, जो मार्च 2026 तक पूरा किया जाएगा। ये सुविधाएं मंदिर आने वाले भक्तों को श्रीराम के जीवन, मंदिर इतिहास और संस्कृति से अवगत कराएंगी।
करोड़ों की आस्था का प्रतीक बनेगा यह मंदिर
अयोध्या का यह मंदिर आस्था, संस्कृति और एकता का प्रतीक बनकर उभर रहा है। देश-विदेश से श्रद्धालु इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। ट्रस्ट की पारदर्शिता और प्रतिबद्धता ने इस परियोजना को ऐतिहासिक बना दिया है।
- 31 मई: भगवान शिव की मूर्ति की स्थापना
- 3 जून: सभी मूर्तियों की पूजा-अर्चना शुरू
- जून-जुलाई: परकोटे का 90% काम पूरा
- सितंबर 2025: पूरा परकोटा तैयार
- दिसंबर 2025: संपूर्ण मंदिर निर्माण पूर्ण
- मार्च 2026: ऑडिटोरियम और प्रदर्शनी हॉल का उद्घाटन
- अगले 2 महीने में भक्तों को सभी हिस्सों में प्रवेश
भावनात्मक जुड़ाव और आस्था का पर्व
राम मंदिर निर्माण की ये सभी गतिविधियां एक भावनात्मक जुड़ाव पैदा कर रही हैं। लोगों की आस्था मंदिर के हर पत्थर में बसती है और अब वह क्षण करीब आ रहा है जब रामलला के दरबार में हर भक्त निर्बाध रूप से दर्शन कर सकेगा।
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