नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से बेहिसाब नकदी मिलने के आरोपों की जांच के लिए भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने शनिवार को तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर वीडियो अपलोड किया है, जो 1 मिनट 7 सेकेंड का है, जिसमें नोटों की जली हुई गड्डियां नजर आ रही हैं। इस वीडियो में मोबाइल से जले हुए नोटों की तस्वीर खींचते हुए दमकल कर्मी भी नजर आ रहे हैं। इससे साफ हो गया है कि जज के घर में भारी मात्रा में कैश था, जबकि दिन में फायर सर्विस के एक अधिकारी ने नोटों के होने से इनकार करके पर्दा डालने की कोशिश की थी।
तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था
उधर,दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से बेहिसाब नकदी मिलने के आरोपों की जांच के लिए भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने शनिवार को तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। सीजेआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय से रिपोर्ट मिलने के बाद आंतरिक जांच का आदेश दिया और उनसे जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपने के लिए कहा। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को यह रिपोर्ट सौंप दी गई।
ये थे जांच समिति में
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की न्यायाधीश अनु शिवरामन को जांच समिति का सदस्य बनाया गया है। शीर्ष अदालत की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट, जस्टिस वर्मा का जवाब और अन्य दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पूरी की थी जांच
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी मिलने के मामले में अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना को सौंप दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने आंतरिक जांच की है और जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव अलग है। बताया जाता है कि जस्टिस उपाध्याय ने 20 मार्च को कॉलेजियम की बैठक से पहले ही जांच शुरू कर दी थी। इसके बाद जस्टिस वर्मा के अलावा सुप्रीम कोर्ट के परामर्श देने वाले न्यायाधीशों और संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को पत्र भेजे गए थे।
14 मार्च को लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में लगी थी आग
बता दें, 14 मार्च की रात वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास पर आग लगने के बाद दमकल कर्मियों को नकदी मिली थी। घटना के समय वर्मा घर पर नहीं थे। मुख्य न्यायाधीश ने आंतरिक जांच कर साक्ष्य और जानकारी जुटाई। अब सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम रिपोर्ट की जांच करेगा, जिसके बाद वर्मा के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।