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MP के फर्जी डॉक्टर ने ली थी Chhattisgarh के पहले विधानसभा स्पीकर की जान! बेटे के खुलासे से मचा हड़कंप

Damoh Doctor: मध्य प्रदेश के दमोह में एक फर्जी डॉक्टर का भंडाफोड़ हुआ है। आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है।

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Pratiksha Parashar
Damoh fake doctor, Chhattisgarh first assembly speaker Rajendra Shukla
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भोपाल, वाईबीएन नेटवर्क। 

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Damoh Doctor: मध्य प्रदेश के दमोह में एक फर्जी डॉक्टर का भंडाफोड़ हुआ है, ये जाली डॉक्टर खुद को लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट बताता था। इस तरह से फर्जी डॉक्टर ने कई लोगों के हार्ट की सर्जरी भी कर डाली। फर्जी डॉक्टर के ऑपरेशन से सात लोगों की मौत हो चुकी है।  आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है।

छत्तीसगढ़ के पहले विधानसभा अध्यक्ष की मौत

फर्जी डॉक्टर का असली नाम विक्रमादित्य यादव है, जो खुद को लंदन का मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट एनजोन केम बताता था। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला के बेटे ने दावा किया कि 2006 में एक प्राइवेट अस्पताल में राजेंद्र शुक्ला की सर्जरी की गई थी, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला के सबसे छोटे बेटे प्रदीप शुक्ला ने कहा कि फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव 2006 में अपोलो अस्पताल में काम कर रहे थे, जब उनके पिता वहां भर्ती हुए थे। उन्हें अपोलो अस्पताल ने बताया था कि यादव बेस्ट कार्डियोलॉजिस्ट हैं और वो लेजर का इस्तेमाल कर के सर्जरी करते हैं। प्रदीप शुक्ला ने कहा कि डॉ. यादव ने उनके पिता राजेंद्र प्रसाद शुक्ला के हार्ट सर्जरी की थी। इसी के बाद वो 18 दिन तक वेंटिलेटर पर थे, इसके बाद उनकी मृत्यु हो गई थी।  

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कौन हैं राजेंद्र प्रसाद शुक्ला?

आपको बता दें कि विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला उस समय कांग्रेस के कोटा से विधायक थे। उन्होंने साल 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष के रूप में काम किया था। 
प्रदीप शुक्ला ने यह आरोप लगाते हुए कि डॉ. यादव ने जिन मरीजों का इलाज किया उनमें से लगभग 80 प्रतिशत मरीजों की अस्पताल में मृत्यु हो गई। 

कैसे हुआ खुलासा? 

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यह मामला तब सुर्खियों में आया, जब दमोह के निवासी दीपक तिवारी ने खुलासा किया और मामले की शिकायत की। दीपक तिवारी ने दावा किया कि मिशन अस्पताल के डॉक्टर ने जनवरी 2024 से लेकर फरवरी 2025 के बीच 15 लोगों के हार्ट का ऑपरेशन किया। डॉक्टर ने लंदन के मशहूर कार्डियोलोजिस्ट के नाम एनजोन केम का इस्तेमाल किया, लेकिन यह फर्जी डॉक्टर असल में विक्रमादित्य यादव है। इस मामले को लेकर दीपक तिवारी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को चिट्ठी लिखी, जिसके बाद पड़ताल शुरू हुई और एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हुए।

जांच में जुटी टीम

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की 3 सदस्यीय टीम सोमवार को दमोह के सर्किट हाउस पहुंची। टीम लगातार मृतकों के परिजनों से बातचीत कर दस्तावेज खंगालने में जुटी हुई है। ये टीम तीन दिनों तक दमोह में रहेगी और हर एक पहलू पर बारीकी से जांच करेगी। एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने कहा, "कई मौतें चिकित्सकों की लापरवाही, मरीज की देखभाल में कमी या पहले से मौजूद बीमारियों के कारण हो रही हैं। ये पहलू जांच का हिस्सा है। मेडिकल कॉलेज की टीम उन मामलों की जांच कर रही है जो उन्हें भेजे जा रहे हैं।"

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फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ अभियान

मध्य प्रदेश पुलिस ने डॉक्टर को उत्तर प्रदेश के प्रायगराज से गिरफ्तार कर लिया है। मामले के खुलासे के बाद मध्य प्रदेश सरकार भी एक्शन में आ गई है। फर्जी डॉक्टर का मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने जांच और कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सीएम मोहन ने कहा कि फर्जी डॉक्टरों को ढूंढने का अभियान चलाया जाएगा।

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