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DELHI CRIME HINDI NEWS
राजधानी दिल्ली फिर एक बार अपराध की सुर्खियों में है। 10 अप्रैल 2025 को पश्चिम विहार में एक 53 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार दलाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों ने उनकी टोयोटा फॉर्च्यूनर SUV पर 16 राउंड फायरिंग की, जिसके बाद दलाल की मौके पर ही मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में दिल्ली पुलिस को संदेह है कि इस हत्या के पीछे 6 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर विवाद मुख्य कारण हो सकता है। इस सनसनीखेज मामले ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस के अनुसार, घटना शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे पश्चिम विहार के रिंग रोड पर हुई। राजकुमार दलाल, जो मूल रूप से गुरुग्राम के टिकरी गांव के रहने वाले थे, अपनी पत्नी और बेटे के साथ पश्चिम विहार में रहते थे। वह रोज की तरह जिम जाने के लिए अपनी टोयोटा फॉर्च्यूनर में निकले थे। जैसे ही उनकी गाड़ी रिंग रोड पर पहुंची, एक मारुति डिजायर कार में सवार दो अज्ञात हमलावरों ने उनकी SUV पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने इतनी तेजी से गोलियां चलाईं कि आसपास के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही दलाल की गाड़ी खून से लथपथ हो चुकी थी।
Crime | Crime in India | delhi : घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को 16 खाली खोखे मिले, जो इस हमले की भयावहता को दर्शाते हैं। दलाल को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके शरीर पर चार से पांच गोलियां लगी थीं, जिनमें से कुछ घातक साबित हुईं। पुलिस ने तत्काल हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
6 करोड़ की संपत्ति का हत्या का क्या कनेक्शन
दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि राजकुमार दलाल का प्रॉपर्टी के कारोबार में बड़ा नाम था। उनके पास दिल्ली और आसपास के इलाकों में कई संपत्तियां थीं, जिनमें से एक 6 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर हाल ही में विवाद सामने आया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दलाल ने कुछ महीने पहले इस संपत्ति को लेकर एक डील की थी, जिसके बाद उन्हें धमकियां मिल रही थीं। यह संपत्ति पश्चिम दिल्ली में स्थित है और इसके कई दावेदार होने की बात सामने आई है।
पुलिस का मानना है कि इस हत्या के पीछे संपत्ति विवाद, व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता, या निजी रंजिश हो सकती है। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (आउटर) सचिन शर्मा ने बताया, “हम सभी संभावित कोणों से जांच कर रहे हैं। संपत्ति से जुड़ा विवाद एक बड़ा कारण हो सकता है, लेकिन अभी हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।” पुलिस ने दलाल के परिवार, सहयोगियों और व्यापारिक साझेदारों से पूछताछ शुरू कर दी है।
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई और चुनौतियां
घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने तुरंत आसपास के इलाके को सील कर दिया और हमलावरों की तलाश शुरू की। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है। पुलिस ने मारुति डिजायर कार की पहचान करने के लिए कई चेकपॉइंट्स लगाए हैं। सूत्रों के मुताबिक, हमलावरों ने पेशेवर तरीके से वारदात को अंजाम दिया, जिससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि यह सुनियोजित हत्या थी।
हालांकि, पुलिस के सामने कई चुनौतियां भी हैं। अभी तक हमलावरों की पहचान नहीं हो पाई है, और न ही कोई गिरफ्तारी हुई है। इसके अलावा, दलाल के व्यापारिक रिकॉर्ड्स और संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की जांच में समय लग सकता है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि अगर उनके पास कोई जानकारी हो, तो वह सामने आएं।
दिल्ली में बढ़ते अपराध और लोगों का गुस्सा
यह हत्या दिल्ली में हाल के महीनों में हुई कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक घटनाओं में से एक है। पश्चिम विहार जैसे व्यस्त इलाके में दिनदहाड़े इतनी बड़ी वारदात ने स्थानीय निवासियों में डर और आक्रोश पैदा कर दिया है। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अगर इतने व्यस्त इलाके में कोई सुरक्षित नहीं है, तो फिर आम आदमी का क्या होगा?”
दिल्ली में प्रॉपर्टी के कारोबार से जुड़े विवाद और हिंसा की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई प्रॉपर्टी डीलरों को निशाना बनाया गया है, जिनमें से कुछ मामलों में माफिया और गैंगस्टरों का हाथ सामने आया है। इस मामले में भी पुलिस इस कोण से जांच कर रही है कि क्या कोई आपराधिक गिरोह इसमें शामिल है।
परिवार का दुख और सवाल
राजकुमार दलाल के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है। इस घटना से उनका परिवार गहरे सदमे में हैं। दलाल के एक रिश्तेदार ने बताया, “वह बहुत मेहनती और ईमानदार इंसान थे। हमें नहीं पता कि किसी को उनसे इतनी नफरत क्यों थी।” परिवार ने पुलिस से जल्द से जल्द हमलावरों को पकड़ने की मांग की है।
क्या है आगे की राह?
दिल्ली पुलिस ने इस मामले को प्राथमिकता पर लिया है और कई टीमें गठित की हैं। डीसीपी सचिन शर्मा ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मामले में प्रगति होगी। पुलिस अब दलाल के फोन रिकॉर्ड्स, बैंक खातों, और हाल के लेन-देन की जांच कर रही है ताकि कोई सुराग मिल सके। इसके साथ ही, आसपास के इलाकों में छापेमारी भी की जा रही है।
यह घटना न केवल एक व्यक्ति की हत्या की कहानी है, बल्कि दिल्ली में प्रॉपर्टी के कारोबार में बढ़ती हिंसा और असुरक्षा को भी उजागर करती है। क्या यह हत्या महज संपत्ति विवाद का नतीजा है, या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है? यह सवाल अभी अनुत्तरित हैं।
राजकुमार दलाल की हत्या ने दिल्ली में एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। 16 गोलियों ने न केवल एक प्रॉपर्टी डीलर की जान ले ली, बल्कि समाज में बढ़ती हिंसा और असुरक्षा को भी सामने ला दिया। दिल्ली पुलिस के सामने अब यह चुनौती है कि वह जल्द से जल्द हमलावरों को पकड़े और इस हत्या के पीछे की पूरी सच्चाई सामने लाए। तब तक, यह मामला दिल्ली की सड़कों पर चर्चा का विषय बना रहेगा।
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दिल्ली में पिछले 6 महीनों में संपत्ति विवाद से जुड़ी हत्याएं और दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
पिछले 6 महीनों (अक्टूबर 2024 से अप्रैल 2025) में दिल्ली में संपत्ति विवाद से जुड़ी हत्याओं के सटीक आंकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने इस अवधि के लिए विशेष रूप से संपत्ति विवाद से संबंधित हत्याओं का कोई आधिकारिक डेटा जारी नहीं किया है। हालांकि, हाल के कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों और समाचार रिपोर्ट्स के आधार पर, हम इस विषय पर एक सामान्य तस्वीर प्रस्तुत कर सकते हैं।
संपत्ति विवाद से जुड़ी हत्याएं: हाल के मामले
पश्चिम विहार प्रॉपर्टी डीलर हत्या (अप्रैल 2025) : 10 अप्रैल 2025 को पश्चिम विहार में 53 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार दलाल की 16 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच में 6 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर विवाद को हत्या का कारण माना जा रहा है। इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, और पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की जांच कर रही है।
दक्षिण दिल्ली ट्रिपल मर्डर (दिसंबर 2024): दिसंबर 2024 में दक्षिण दिल्ली के देवली गांव में 20 वर्षीय अर्जुन तंवर ने अपने माता-पिता और बहन की हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, अर्जुन को लगता था कि उसके माता-पिता उसकी बहन को ज्यादा तरजीह देते थे और संपत्ति उसके नाम कर सकते थे। इस मामले में अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया गया, और हत्या में इस्तेमाल चाकू और खून से सने कपड़े बरामद किए गए।
प्रॉपर्टी के अन्य संभावित मामले
संपत्ति विवाद से जुड़े छोटे-मोटे मामले, जैसे पारिवारिक झगड़े या प्रॉपर्टी डीलरों पर हमले, दिल्ली में अक्सर सामने आते हैं। उदाहरण के लिए, 2018 में दिल्ली पुलिस ने बताया था कि 38% हत्याएं निजी दुश्मनी या संपत्ति और धन विवाद के कारण होती हैं। हाल के रुझानों से संकेत मिलता है कि यह पैटर्न अभी भी मौजूद हो सकता है। हालांकि, पिछले 6 महीनों में ऐसी हत्याओं की कुल संख्या का कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है।
हत्याओं की संख्या: दिल्ली में हर साल औसतन 400-500 हत्याएं दर्ज होती हैं। 2018 में, दिल्ली पुलिस ने बताया था कि लगभग 38% हत्याएं संपत्ति या धन विवाद से जुड़ी थीं, जिसका मतलब है कि प्रति माह औसतन 12-15 ऐसी हत्याएं हो सकती हैं। अगर यह अनुपात 2024-25 में भी लागू होता है, तो पिछले 6 महीनों में संपत्ति विवाद से जुड़ी 70-90 हत्याएं होने का अनुमान लगाया जा सकता है। लेकिन, यह केवल एक अनुमान है, क्योंकि हाल के महीनों का विशिष्ट डेटा उपलब्ध नहीं है।
नवंबर 2024 में न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि दिल्ली और एनसीआर में एक महीने में 6 हत्याएं हुईं, जिनमें कुछ संपत्ति विवाद से जुड़ी हो सकती हैं। हालांकि, यह पूरी अवधि के लिए पर्याप्त नहीं है।
दिल्ली पुलिस की गिरफ्तारियां
पश्चिम विहार मामला: इस हाई-प्रोफाइल हत्या में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने जांच तेज कर दी है, लेकिन हमलावरों की पहचान नहीं हो पाई है।
दक्षिण दिल्ली ट्रिपल मर्डर: अर्जुन तंवर को हत्या के कुछ ही घंटों बाद गिरफ्तार कर लिया गया। यह दिल्ली पुलिस की त्वरित कार्रवाई का उदाहरण है।
अन्य मामले: दिल्ली पुलिस ने संपत्ति विवाद से जुड़े पुराने मामलों में कई गिरफ्तारियां की हैं। उदाहरण के लिए...
2022 में, एक 24 वर्षीय व्यक्ति को प्रॉपर्टी डीलर अमित गोयल की हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया था।
2019 में, एक बुजुर्ग प्रॉपर्टी सलाहकार की हत्या के लिए पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। हाल के 6 महीनों में, ऐसी गिरफ्तारियों की संख्या का सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन दिल्ली पुलिस का दावा है कि हत्या के मामलों में उनकी सॉल्व रेट 85% से अधिक है।
दिल्ली पुलिस की चुनौतियां
जांच में देरी: पश्चिम विहार जैसे मामलों में, सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के बावजूद, हमलावरों की पहचान में समय लग रहा है।
संपत्ति विवाद की जटिलता: संपत्ति से जुड़े मामले अक्सर परिवार, व्यापारिक साझेदारों, या आपराधिक गिरोहों से जुड़े होते हैं, जिससे जांच जटिल हो जाती है।
साक्ष्य की कमी: कई मामलों में, पेशेवर हत्यारों का इस्तेमाल होता है, जो सबूत छोड़ने से बचते हैं।
पिछले 6 महीनों में दिल्ली में संपत्ति विवाद से जुड़ी हत्याओं की सटीक संख्या का अभाव है, लेकिन अनुमान के आधार पर 70-90 ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। दिल्ली पुलिस ने कुछ मामलों, जैसे दक्षिण दिल्ली ट्रिपल मर्डर, में त्वरित गिरफ्तारियां की हैं, लेकिन पश्चिम विहार जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में अभी प्रगति नहीं हुई है। पुलिस की उच्च सॉल्व रेट (85%) के बावजूद, संपत्ति विवादों से जुड़ी हिंसा दिल्ली में एक गंभीर समस्या बनी हुई है।