Advertisment

Agri Gold Group Fraud : ईडी  वापस दिलाएगी Ponzi पीड़ितों को 3,300 करोड़ रुपये की संपत्ति

यह मामला एग्री गोल्ड समूह की कंपनियों से जुड़ा हुआ है, जिस पर आरोप है कि उसने उच्च रिटर्न या आवासीय भूखंड का झांसा देकर लगभग 19 लाख ग्राहकों से रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर कुल 32 लाख खातों में राशि जमा कराई।

author-image
Mukesh Pandit
fraud case Against Agri gold

Photograph: (File)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईवीएन नेटवर्क।

प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने कहा कि उसने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कुछ अन्य राज्यों में संचालित कथित पोंजी योजनाओं के पीड़ितों को 3,339 करोड़ रुपये की संपत्ति वापस दिलाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। ईडी ने  बताया कि यह मामला एग्री गोल्ड समूह की कंपनियों से जुड़ा हुआ है, जिस पर आरोप है कि उसने उच्च रिटर्न या आवासीय भूखंड का झांसा देकर लगभग 19 लाख ग्राहकों से रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर कुल 32 लाख खातों में राशि जमा करायी। 

ईडी ने की थी मामले की जांच

ईडी के बयान के मुताबिक, मामले में ईडी ने 2018 में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में दर्ज कई प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए धन शोधन संबंधी जांच शुरू की थी। बयान के अनुसार, ईडी ने पाया कि एग्री गोल्ड समूह ने रियल एस्टेट व्यवसाय की आड़ में एक फर्जी निवेश योजना चलाई, जिसके लिए 130 से अधिक कंपनियां बनाई गईं। बयान में कहा गया है, ये कंपनियां जमाकर्ताओं से भूखंडों के लिए अग्रिम राशि के रूप में राशि एकत्र करती थीं, जबकि कंपनी के पास इसके अनुरूप भूमि उपलब्ध नहीं थी। 

लाखों भोले-भाले लोगों को लालच दिया गया

यह बिजनेस मॉड्यूल पर अमल करके आरोपियों ने लाखों भोले-भाले लोगों को लालच दिया और उनसे राशि प्राप्त की।” इसमें कहा गया है, “एकत्रित राशि बाद में जमाकर्ताओं की ‘जानकारी के बिना’ बिजली, ऊर्जा, डेयरी, मनोरंजन, स्वास्थ्य (आयुर्वेदिक) जैसे विभिन्न उद्योगों में ‘लगाई गई’ तथा कंपनियों ने नकद या अन्य स्वरूप में जमा राशि लौटाने में ‘चूक’ की।” ईडी ने दावा किया, “जांच में पाया गया कि एग्री गोल्ड समूह ने लोगों को लुभाने के लिए हजारों कमीशन एजेंट नियुक्त किए थे और वे 32 लाख से अधिक निवेशक खातों से लगभग 6,380 करोड़ रुपये इकट्ठा करने में कामयाब रहे।” 

4,141.2 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की

एजेंसी ने जांच के दौरान 4,141.2 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की, तीन लोगों को गिरफ्तार किया और दो आरोपपत्र दायर किए। अदालत ने 21 फरवरी को क्षतिपूर्ति के लिए ईडी की याचिका स्वीकार कर ली, जिससे पीड़ितों को कुर्क की गई 3,339 करोड़ रुपये की संपत्तियों को लौटाने का मार्ग प्रशस्त हो गया। भाषा पारुल अविनाशअविनाश

Advertisment
Advertisment