Advertisment

Explainer: चीन के लिए रणनीतिक औजार बन गया है रेयर अर्थ एलिमेंट्स, फिर नया व्यापार युद्ध प्रारंभ

इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोटिव और रक्षा प्रणालियों के लिए रेयर अर्थ एलिमेंट्स काफी जरूरी हैं। चीन का इस पर प्रभुत्व कायम है। वह इसीलिए दुनियाभर के देशों को आंखें दिखा रहा है। इसी की वजह से वह दबाव बना रहा है।

author-image
Mukesh Pandit
Donald Trump with Xi Jinping

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप व चीन के प्रेसीडेंट शी चिनपिंग। फाइल फोटो

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच नए सिरे से फिर टैरिफ युद्ध छिड़ गया है। टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन आमने-सामने आ गए हैं। यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने बीजिंग द्वारा अतिरिक्त रेयर अर्थ एलिमेंट्स  पर नए निर्यात नियंत्रणों की घोषणा के बाद चीनी आयात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही, ट्रंप ने महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर भी नए निर्यात नियंत्रण लागू किए हैं। दरअसल, चीन के लिए रेयर अर्थ मैटिरियल आज रणनीतिक औजर बन गया है।

रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर चीन का वर्चस्व

बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोटिव और रक्षा प्रणालियों के लिए रेयर अर्थ एलिमेंट्स काफी जरूरी हैं। चीन का इस पर प्रभुत्व कायम है। वह इसीलिए दुनियाभर के देशों को आंखें दिखा रहा है। रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर यही पकड़ उसे व्यापार से जुड़ी बातचीत के दौरान अमेरिका पर काफी ज्यादा दबाव बनाने की स्थिति में बनाए हुए है। वैश्विक स्तर पर रेयर अर्थ के 60 फीसदी उत्पादन और 90 फीसदी रिफाइनिंग पर चीन का नियंत्रण है। इस वजह से, वह रेयर अर्थ खनिजों और परमानेंट मैग्नेट के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर अपनी पकड़ को और मजबूत कर रहा है। 

टैरिफ के जवाब में चीन का रेयर अर्थ पर प्रतिबंध

चीनी निर्यात पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए ज्यादा शुल्कों के जवाब में चीन ने इन खनिजों के निर्यात पर जो प्रतिबंध लगाए थे, उनमें बाद में थोड़ी ढील दी गई थी। ऐसा इसलिए किया गया था, ताकि अमेरिका के साथ व्यापार से जुड़ी बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके। हालांकि, गुरुवार को चीन ने एक बार फिर से रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर बड़े स्तर पर नए निर्यात प्रतिबंधों को लागू करने की घोषणा की। इसमें प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी पर लगे प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाया गया। साथ ही, विदेशी रक्षा एवं सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को किए जाने वाले निर्यात को स्पष्ट रूप से सीमित कर दिया गया।  यह कदम अमेरिकी विदेश प्रत्यक्ष उत्पाद नियम पर बीजिंग का पलटवार माना जा रहा है। दरअसल, अमेरिका ने अपने विदेश प्रत्यक्ष नियम के तहत तीसरे देशों से चीन को होने वाले चिप निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन के रा्ष्ट्रपति शी चिनपिंग स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि चीन किसी के आगे नहीं झुकेगा।

Rare Earth Elements

भारत के पास रेयर अर्थ एलिमेंट्स का खजाना

आइए जानते हैं भारत के पास क्या है स्थिति। भारत के पास रेयर अर्थ मेटल्स का बड़ा भंडार है, लेकिन तकनीकी कमी, पर्यावरणीय नियम और इन्वेस्टमेंट की कमी के चलते बड़े पैमाने पर उत्पादन करना मुश्किल है। वहीं इस मामले में , चीन ने तकनीक और सप्लाई चेन में बढ़त हासिल कर ली है। रेयर अर्थ एलिमेंट्स (Rare Earth Elements or REE) आज के दौर की सबसे कीमती धातुओं में से एक हैं। ये 17 खास मेटल्स का समूह हैं, जिनका इस्तेमाल स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, सोलर पैनल, विंड टर्बाइन, और यहां तक कि मिसाइल और सैटेलाइट जैसी हाई-टेक चीजों में होता है। भारत के पास इन धातुओं का विशाल भंडार है, फिर भी हम इनके लिए चीन पर निर्भर हैं। 

Advertisment

भारत में है रेयर अर्थ एलिमेंट्स का खजाना

भारत के कई राज्यों, जैसे ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, और केरल में रेयर अर्थ मेटल्स के भंडार मौजूद हैं। खास तौर पर, तटीय इलाकों में मोनाजाइट रेत में ये धातुएं पाई जाती हैं। एक अनुमान के मुताबिक, भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रेयर अर्थ भंडार है, जो ब्राजील के बाद और चीन से पहले आता है। फिर भी तकनीक, निवेश, और पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों के चलते इन धातुओं का खनन और रिफाइनिंग भारत में बहुत कम हो पाता है।

रेयर अर्थ एलिमेंट्स का खनन आसान नहीं

रेयर अर्थ मेटल्स को जमीन से निकालना आसान काम नहीं है। ये धातुएं पृथ्वी की सतह के नीचे गहरे दबी होती हैं और इन्हें निकालने के लिए जटिल प्रक्रियाओं की जरूरत पड़ती है। खनन के दौरान मिट्टी और चट्टानों को अलग करना पड़ता है, जिसमें समय और पैसे दोनों खर्च होते हैं। इसके अलावा, रिफाइनिंग की प्रक्रिया और भी मुश्किल है। इसमें भारी मशीनरी, उन्नत तकनीक, और विशेषज्ञों की जरूरत होती है। भारत में ऐसी आधुनिक सुविधाओं और टेक्नोलॉजी का अभाव है, जिसके कारण हम इन धातुओं को पूरी तरह उपयोग नहीं कर पाते।

पर्यावरण के लिए भी जोखिम भरा है खनन

रेयर अर्थ मेटल्स का खनन पर्यावरण के लिए भी जोखिम भरा है। इस प्रक्रिया में जहरीले रसायन निकलते हैं, जो मिट्टी, पानी, और हवा को प्रदूषित कर सकते हैं। कई बार खनन वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भारत में पर्यावरण नियम बहुत सख्त हैं, और ये जरूरी भी हैं। लेकिन इन नियमों के कारण खनन की प्रक्रिया और धीमी हो जाती है। दूसरी ओर, चीन ने पर्यावरण नियमों को कुछ हद तक नजरअंदाज करके रेयर अर्थ मेटल्स के खनन और रिफाइनिंग में तेजी लाई है। यही वजह है कि आज दुनिया का 60-70% रेयर अर्थ मेटल्स का उत्पादन चीन में होता है।

Advertisment

बाजार पर चीन ने बनाई है मजबूत पकड़

चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स के बाजार पर अपनी मजबूत पकड़ बना रखी है। उसने न सिर्फ खनन और रिफाइनिंग में भारी निवेश किया, बल्कि सस्ते श्रम और कम सख्त नियमों का फायदा भी उठाया। इसके अलावा, चीन ने अपनी सप्लाई चेन को इतना मजबूत किया कि बाकी देश उस पर निर्भर हो गए। भारत में रेयर अर्थ मेटल्स का खनन करने वाली कुछ कंपनियां, जैसे इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (IREL), काम कर रही हैं, लेकिन उनकी क्षमता और संसाधन सीमित हैं।

मौजूदा हालात में भारत क्या कर सकता है?

भारत के पास रेयर अर्थ मेटल्स भारी मात्रा में मौजूद है, लेकिन इसे इस्तेमाल करने के लिए कुछ बड़े कदम उठाने होंगे। सबसे पहले, भारत को आधुनिक टेक्नोलॉजी में निवेश करना होगा। विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करके भारत खनन और रिफाइनिंग की प्रक्रिया को बेहतर बना सकता है। दूसरा, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना खनन के तरीके विकसित करने होंगे। तीसरा, रेयर अर्थ मेटल्स की रिसाइक्लिंग पर ध्यान देना होगा, ताकि पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामानों से इन धातुओं को दोबारा निकाला जा सके।

आखिर क्यों जरूरी हैं रेयर अर्थ मेटल्स?

रेयर अर्थ मेटल्स भविष्य की अर्थव्यवस्था का आधार हैं। अगर भारत अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है, तो उसे अपने संसाधनों का सही इस्तेमाल करना होगा। सरकार, निजी कंपनियां, और वैज्ञानिक मिलकर इस दिशा में काम कर सकते हैं। साथ ही, युवाओं को इस क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर विशेषज्ञ तैयार किए जा सकते हैं। अगर भारत इन कदमों को उठाए, तो न सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी कर सकेगा, बल्कि दुनिया के बाजार में भी अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा सकेगा।

Advertisment

donald trump DonaldTrump China trade deal Trump china news today china news
Advertisment
Advertisment