नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने पर विचार नहीं कर रही है। सरकार के 2,000 रुपये से अधिक के UPI लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने पर विचार करने की खबरों पर सफाई देते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि ये पूरी तरह से गलत, भ्रामक और निराधार हैं।
सरकार ने कहा, कोई प्रस्ताव नहीं
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''फिलहाल सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।'' जीएसटी मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) जैसे कुछ खास शुल्कों पर लगाया जाता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जनवरी 2020 से ग्राहक से व्यापारी (पीटूएम) के बीच यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर हटा दिया है।
लेनदेन पर कोई जीएसटी लागू नहीं
मंत्रालय ने कहा, ''चूंकि इस समय यूपीआई लेनदेन पर कोई एमडीआर नहीं लगाया जाता है, इसलिए इन लेनदेन पर कोई जीएसटी लागू नहीं है।'' यूपीआई लेनदेन में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 21.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2025 तक 260.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार यूपीआई के जरिये डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर यह खबर चल रही थी कि सरकार 2000 रुपये से अधिक के लेन-देन पर GST लगाने पर विचार कर रही है।