/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/27/mixed-food-2025-08-27-18-21-21.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।बाजार में मिलने वाली खाने की वस्तुएं कितनी सुरक्षित और शुद्ध है, कहना मुश्किल है। यह रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में खाने की वस्तुओ में सबसे ज्यादा मिलावट हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2020-21 से 2024-25 तक विश्लेषण किए गए कुल 130,870 फूड सैंपल में से कुल 65,193 मिलावटी पाए गए है। जबकि इसी प्रकार, तमिलनाडु में विश्लेषण किए गए कुल 87,534 खाद्य नमूनों में से 2020-21 से 2024-25 के बीच कुल 19,622 मिलावटी पाए गए हैं, जबकि मध्य प्रदेश में इसी अवधि के दौरान विश्लेषण किए गए कुल 67,370 खाद्य नमूनों में से कुल 10,811 खाद्य पदार्थ मिलावटी पाए गए।
उत्तर प्रदेश में 59,090 मामलों में जुर्माना लगाया गया
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अधिनियम 2006 और रूल्स एंड रेगुलेशन के प्रावधानों का कार्यान्वयन और प्रवर्तन मुख्य रूप से राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के अधीन है। आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 से 2024-25 के बीच उत्तर प्रदेश में 59,090 मामलों में जुर्माना लगाया गया, इसके बाद तमिलनाडु में 11,692 और मध्य प्रदेश में 10,360 मामलों में जुर्माना लगाया गया।
चीनी और नमक की मात्रा अधिक मिली
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अल्ट्रा प्रोसेस फूड्स में आमतौर पर वसा, चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम, 2020 को अधिसूचित किया है. रेगुलेशन के सब-रेगुलेशन 5(3)(बी) के अनुसार लेबल पर पोषण संबंधी जानकारी का उल्लेख अनिवार्य है, जिसमें कुल फैट, सेचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शामिल है।
लेबल पर पोषण संबंधी जानकारी
FSSAI ने पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के लेबल पर पोषण संबंधी जानकारी, विशेष रूप से अतिरिक्त चीनी, नमक और सेचुरेटेड फैट को मोटे अक्षरों में और अपेक्षाकृत बड़े फ़ॉन्ट आकार में प्रदर्शित करने के संबंध में खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) संशोधन विनियमन, 2020 का मसौदा भी अधिसूचित किया है. इस उपाय का उद्देश्य ट्रांसपेरेंसी बढ़ाना और उपभोक्ताओं को सूचित आहार विकल्प चुनने में मदद करना है।
अल्ट्रा प्रोसेस खाद्य पदार्थों में आमतौर पर फैट, चीनी और नमककी मात्रा अधिक होती है और इनमें विशेष रूप से सेचुरेटेड और/या ट्रांस फेट, नमक और अतिरिक्त शर्करा की मात्रा अधिक होती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. आमतौर पर प्रोसेस फूड पदार्थों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उनमें फैट के सोर्स के रूप में पाम ऑयल और आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल का उपयोग किया जाता है। food adulteration India | Desi Superfood | best foods for hair growth | energy giving food no