दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
Jaguar Fighter Jet Crash: भारतीय वायुसेना का दो सीटर जगुआर फाइटर एयरक्राफ्ट नाइट मिशन के दौरान गुजरात के जामनगर हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह घटना 2 अप्रैल की रात को हुई, जब विमान प्रशिक्षण उड़ान पर था। भारतीय वायुसेना ने इस दुर्घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा हुआ। विमान में सवार दोनों पायलटों ने आपात स्थिति में इजेक्शन की प्रक्रिया शुरू की ताकि हवाई अड्डे और आसपास की सैकड़ों लोगों की आबादी को नुकसान से बचाया जा सके। हालांकि, इस हादसे में एक पायलट की दुखद रूप से मृत्यु हो गई, जबकि दूसरा पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए जामनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सुवारडा गांव में गिरा फाइटर प्लान
यह दुर्घटना जामनगर के पास सुवारडा गांव में हुई, जो शहर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, विमान जमीन पर गिरते ही टुकड़ों में बिखर गया और उसमें आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि घटनास्थल पर दूर से ही धुआं और प्रकाश दिखाई दे रहा था। स्थानीय पुलिस, अग्निशमन दल और वायुसेना की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया। आग को बुझाने और स्थिति को नियंत्रित करने में काफी प्रयास करना पड़ा। सौभाग्य से, यह हादसा एक खुले मैदान में हुआ, जिसके कारण आसपास के नागरिक क्षेत्रों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
जांके लिए कोर्ट आफ इन्क्वारी गठित
भारतीय वायुसेना ने इस घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया है ताकि दुर्घटना के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तकनीकी खराबी ही इस हादसे का मुख्य कारण मानी जा रही है। जगुआर फाइटर प्लेन, जो 1970 के दशक के अंत में वायुसेना में शामिल किया गया था, यह एक ब्रिटिश-फ्रांसीसी संयुक्त डिजाइन है और यह भारतीय वायुसेना के लिए ग्राउंड अटैक और गहरे पैठ वाले मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
7 मार्च को हरियाणा में भी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था विमान
यह पहली बार नहीं है जब जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ हो। इससे पहले 7 मार्च 2025 को हरियाणा के अंबाला के पास भी एक जगुआर फाइटर जेट क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट सुरक्षित रूप से बाहर निकलने में सफल रहा था। इन लगातार घटनाओं ने वायुसेना के पुराने विमानों की स्थिति और रखरखाव पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उम्रदराज हो चुके इन विमानों को आधुनिक तकनीक से बदलने की जरूरत है, हालांकि वायुसेना स्वदेशी और उन्नत लड़ाकू विमानों को शामिल करने की दिशा में भी काम कर रही है।
तकनीकी विश्वनीयता पर फिर उठे सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर सैन्य उड्डयन में सुरक्षा और तकनीकी विश्वसनीयता के मुद्दों को उजागर किया है। वायुसेना के लिए प्रशिक्षण मिशन महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन ऐसे हादसे न केवल मानवीय क्षति का कारण बनते हैं, बल्कि देश की रक्षा तैयारियों पर भी प्रभाव डालते हैं। घायल पायलट की स्थिति स्थिर बताई जा रही है, और पूरा देश उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहा है। इस घटना से प्रभावित परिवारों और वायुसेना के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।
शुक्रवार को होगा अंतिम संस्कार
सिद्धार्थ यादव के पिता सुशील यादव ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘वह एक मेधावी छात्र था। हमें उसपर हमेशा गर्व रहेगा। मेरे पिता और दादा भी सेना में ही थे। मैं भी एयरफोर्स में था। मुझे उस पर गर्व है। उसने एक जान बचाते हुए अपनी जान गंवाई है। दुख इस बात का है कि वो मेरा इकलौता बेटा था.’ सिद्धार्थ की एक छोटी बहन भी है। कल शुक्रवार (04 अप्रैल, 2025) की सुबह उनका पार्थिव शरीर रेवाड़ी पहुंचेगा। रेवाड़ी सेक्टर -18 स्थित घर लाने के बाद पैतृक गांव भालकी में शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पिछले हफ्ते ही हुई थी सिद्धार्थ की सगाई
फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के पिता ने बताया कि उनकी पिछले सप्ताह 23 मार्च को सगाई हुई थी और 31 मार्च को जामनगर एयरफोर्ट स्टेशन पहुंचे थे। उन्होंने आगे बताया कि भारतीय वायुसेना के पायलट पुणे के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के कोर्स 135 से थे, जिसके लिए उन्होंने जनवरी 2016 में नामांकन कराया था। उन्होंने आगे कहा, ‘कमांडिंग एयर ऑफिसर ने कल रात 11 बजे के आसपास फोन किया और इस दुर्घटना के बारे में हमें बताते हुए कहा कि एक एयरक्राफ्ट क्रैश हुआ है और एक पायलट को रेस्क्यू कर लिया गया है और दूसरे पायलट हमारे बेटे की मौत हो गई है।’