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अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है जो हमें हमारी साझा विरासत, संस्कृति और इतिहास के प्रति जागरूक करता है। यह दिन संग्रहालयों की बहुआयामी भूमिका—शिक्षा, संरक्षण, समावेशन और सामाजिक परिवर्तन—को रेखांकित करता है। भारत जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में, यह दिन हमें अपनी विविधता को समझने और उसका सम्मान करने का अवसर देता है। संग्रहालयों को और अधिक सुलभ, समावेशी और प्रासंगिक बनाने के लिए, हमें इस दिन को उत्साह एवं गंभीरता से के साथ मनाना चाहिए और इन संस्थानों के साथ अपने जुड़ाव को और गहरा करना चाहिए।
कब और क्यों मनाया जाता है
हर साल 18 मई को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (International Museum Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य संग्रहालयों की सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक भूमिका को उजागर करना तथा लोगों को उनकी विरासत और इतिहास के प्रति जागरूक करना है। अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद द्वारा 1977 में इसकी शुरुआत की गई थी। तब से यह दिन विश्व स्तर पर संग्रहालयों के महत्व को रेखांकित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है।
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क्या है इस वर्ष की थीम
प्रत्येक वर्ष इस दिन के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है, जो संग्रहालयों की बदलती भूमिका और समकालीन चुनौतियों को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, 2025 की थीम संग्रहालयों की शैक्षिक भूमिका और सामाजिक समावेशन पर केंद्रित हो सकती है, जो वैश्विक स्तर पर उनकी प्रासंगिकता को और गहराई प्रदान करती है।
वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है यह दिवस
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस विश्व भर के हजारों संग्रहालयों द्वारा मनाया जाता है। छोटे स्थानीय संग्रहालयों से लेकर विश्व प्रसिद्ध संस्थानों, जैसे लूव्र (पेरिस) या मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट (न्यूयॉर्क), तक सभी इस दिन विशेष प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। भारत में भी, राष्ट्रीय संग्रहालय (नई दिल्ली), छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (मुंबई) और अन्य संस्थान इस अवसर पर सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
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थीम-आधारित उत्सव
प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद International Council of Museums (ICOM) द्वारा एक विशेष थीम की घोषणा की जाती है, जो संग्रहालयों को अपने कार्यक्रमों को केंद्रित करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, 2024 की थीम थी "Museums for Education and Research" (शिक्षा और अनुसंधान के लिए संग्रहालय), जिसने संग्रहालयों की शैक्षिक भूमिका पर बल दिया। यह थीम समुदायों को संग्रहालयों के साथ जोड़ने और ज्ञान के प्रसार को बढ़ावा देने में सहायक होती है।
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निःशुल्क प्रवेश और कार्यक्रम
कई संग्रहालय इस दिन निःशुल्क प्रवेश, निर्देशित दौरों, व्याख्यान, और बच्चों के लिए कार्यशालाओं जैसे आयोजनों की पेशकश करते हैं। यह विशेषता अधिक से अधिक लोगों को संग्रहालयों से जोड़ने और उनकी पहुंच को बढ़ाने में मदद करती है। भारत में, विशेष रूप से ग्रामीण और छोटे शहरों में, यह अवसर लोगों को अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने का मौका देता है।
डिजिटल पहल
हाल के वर्षों में, डिजिटल तकनीक ने संग्रहालयों की पहुंच को और विस्तार दिया है। अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर कई संग्रहालय वर्चुअल टूर, ऑनलाइन प्रदर्शनियाँ और सोशल मीडिया अभियान चलाते हैं। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो भौतिक रूप से संग्रहालयों तक नहीं पहुंच सकते। उदाहरण के लिए, भारत के कई संग्रहालय, जैसे इंडिया म्यूज़ियम (कोलकाता), डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी संग्रहित वस्तुओं को प्रदर्शित करते हैं।
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सांस्कृतिक संरक्षण
संग्रहालय इतिहास, कला, संस्कृति और विज्ञान के संरक्षक हैं। ये संस्थान प्राचीन कलाकृतियों, दस्तावेजों और परंपराओं को सुरक्षित रखते हैं, जो भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य हैं। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस इस संरक्षण कार्य को रेखांकित करता है और लोगों को अपनी विरासत के प्रति संवेदनशील बनाता है। भारत जैसे देश में, जहां सांस्कृतिक विविधता प्रचुर है, संग्रहालय क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शिक्षा और जागरूकता
संग्रहालय केवल प्रदर्शन स्थल नहीं हैं; वे शिक्षा के केंद्र भी हैं। ये संस्थान बच्चों, छात्रों और शोधकर्ताओं को इतिहास, विज्ञान और कला के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराते हैं। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस इस शैक्षिक भूमिका को बढ़ावा देता है और लोगों को औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा के लिए संग्रहालयों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
सामाजिक समावेशन
संग्रहालय सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये विभिन्न समुदायों, संस्कृतियों और पृष्ठभूमियों के लोगों को एक मंच पर लाते हैं। इस दिन आयोजित कार्यक्रम अक्सर सामाजिक मुद्दों, जैसे लैंगिक समानता, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विविधता, पर केंद्रित होते हैं। भारत में, जहाँ सामाजिक और आर्थिक असमानताएँ मौजूद हैं, संग्रहालय सभी के लिए सुलभ और समावेशी स्थान प्रदान करते हैं।
आर्थिक योगदान
संग्रहालय पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, जो स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष प्रदर्शनियाँ और कार्यक्रम पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में ताजमहल के पास स्थित संग्रहालय या जयपुर के सिटी पैलेस संग्रहालय पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण हैं।
वैश्विक चुनौतियों का समाधान
संग्रहालय समकालीन वैश्विक चुनौतियों, जैसे जलवायु परिवर्तन, सामाजिक न्याय और डिजिटल परिवर्तन, पर विचार-विमर्श के लिए मंच प्रदान करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस इन मुद्दों पर केंद्रित प्रदर्शनियों और चर्चाओं को प्रोत्साहित करता है, जिससे संग्रहालय समाज के लिए और अधिक प्रासंगिक बनते हैं।