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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व प्रसिद्ध और लंबे समय से शांत चल रहे जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार को हुई गोलीबारी की कायरना हरकत ने फिर एक बार पाकिस्तान परस्त आतंकवाद का घिनौना चेहरा उजागर कर दिया है। हाल के वर्षों में, आतंकवादियों ने न केवल सुरक्षा बलों और स्थानीय निवासियों को, बल्कि पर्यटकों को भी निशाना बनाया है, जिससे क्षेत्र की पर्यटन अर्थव्यवस्था और सुरक्षा स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा है। खबर है कि पांच आतंकियों ने पांच तरफ से घेरकर पर्यटकों पर हमला किया । इस दौरान आतंकियों ने करीब 300 राउंड फायरिंग भी की । Anti-terror operation | India terrorism | terrorist | terror attacks terror attacks India
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सैलानियों पर आतंकी हमलों की वारदातें
उपलब्ध जानकारी के आधार पर जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों को निशाना बनाकर वर्ष 2023 से अप्रैल 2025 तक सैलानियों को लक्षित करके कम से कम दो प्रमुख आतंकी हमले किए गए हैं। इससे पहले आतंकियों ने प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाया था। वर्ष 2024 में 09 जून को रियासी में आतंकियों ने तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमला किया, जिसमें 9 श्रद्धालु मारे गए और 41 अन्य घायल हो गए। यह हमला जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले में हुआ, जो अपेक्षाकृत शांत माना जाता था। ताजा घटना के अनुसार, 22 अप्रैल 2025, के बैसरन क्षेत्र में आतंकियों ने घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में रात 9.30 बजे तक 26 पर्यटकों के मारे जाने की खबर मिल रही है, घायलों में तीन स्थानीय लोग और तीन पर्यटक शामिल थे। कुछ घोड़े भी इस हमले में घायल हुए।
J&K : आतंकी हमले के शिकार पर्यटकों की जुबानी सुनिए...
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) April 22, 2025
"हम यहां पर भेलपुरी खा रहे थे। एक इंसान आया, उसने मेरे पति को गोली मार दी" pic.twitter.com/BSjYvAW9n0
पर्यटकों को टारगेट करके हमला
ये दो घटनाएं विशेष रूप से पर्यटकों को लक्षित प्रमुख हमले हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का दायरा बड़ा है। जनवरी 2023 से अप्रैल 2025 तक, जम्मू क्षेत्र में 29 आतंकी घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें नागरिकों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया। इनमें से कुछ घटनाओं में पर्यटक परोक्ष रूप से प्रभावित हुए , लेकिन उपरोक्त दो घटनाएं ही स्पष्ट रूप से सैलानियों को लक्षित करती हैं। इनके अलावा, जम्मू-कश्मीर में अन्य आतंकी हमलों में नागरिक भी प्रभावित हुए हैं। उदाहरण के लिए, 20 अक्टूबर 2024 को गांदरबल के गगनगीर में एक सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूरों पर हुए हमले में 7 लोग मारे गए (जिनमें एक डॉक्टर शामिल था) और 5 घायल हुए। हालांकि यह हमला मजदूरों पर केंद्रित था, लेकिन यह क्षेत्र पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है, जिससे पर्यटन पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा।
व्यापक संदर्भ और प्रभाव
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों का पैटर्न हाल के वर्षों में बदल रहा है। पहले कश्मीर घाटी आतंकवाद का प्रमुख केंद्र थी, लेकिन अब जम्मू क्षेत्र, विशेष रूप से राजौरी, पुंछ, रियासी, और डोडा जैसे जिलों में आतंकी गतिविधियां बढ़ रही हैं। आतंकियों ने रणनीति बदलकर पर्यटकों और तीर्थयात्रियों जैसे आसान टारगेट को निशाना बनाना शुरू किया है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में भय का माहौल पैदा करना और पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना है।
पर्यटन पर प्रभाव
जम्मू-कश्मीर का पर्यटन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पहलगाम, गुलमर्ग, और सोनमर्ग जैसे क्षेत्र हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हालांकि, आतंकी हमले पर्यटकों के बीच डर पैदा करते हैं, जिससे पर्यटन में कमी आ सकती है। उदाहरण के लिए, पहलगाम हमला अमरनाथ यात्रा शुरू होने से कुछ महीने पहले हुआ, जिसने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया।
सुरक्षा बलों की त्वरित कारवाई
हर आतंकी हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने त्वरित कार्रवाई की है। पहलगाम हमले के बाद, सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी तरह, रियासी हमले के बाद, एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, सेना और पुलिस ने घुसपैठ रोकने के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) पर सतर्कता बढ़ा दी है। 2024 और 2025 में कई मुठभेड़ों में आतंकियों को मार गिराया गया, जैसे कि कुलगाम (जुलाई 2024) और कुपवाड़ा (मार्च 2025) में।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पहलगाम और गांदरबल हमलों की कड़ी निंदा की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांदरबल हमले के बाद आतंकियों को कठोर जवाब देने की बात कही। इसके अलावा, स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर इन हमलों को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जोड़ा गया, जिसने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण किया।
आतंकियों के निशाने पर सॉफ्ट टारगेट
जम्मू-कश्मीर में सैलानियों पर आतंकी हमले, हालांकि संख्या में सीमित, क्षेत्र की सुरक्षा और पर्यटन उद्योग के लिए गंभीर चुनौती पेश करते हैं। 2023 से अप्रैल 2025 तक, दो प्रमुख हमलों में 10 लोगों की जान गई और 53 लोग घायल हुए। ये घटनाएं आतंकियों की बदलती रणनीति को दर्शाती हैं, जो अब जम्मू क्षेत्र और नरम लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई और सरकार की सख्त नीतियों के बावजूद, आतंकवाद का खतरा बना हुआ है। भविष्य में, क्षेत्र में शांति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए घुसपैठ पर नियंत्रण, स्थानीय समुदायों का सहयोग, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करना आवश्यक होगा।