/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/27/national-rose-month-2025-06-27-23-43-49.jpg)
राष्ट्रीय गुलाब माह एक ऐसा सुअवसर है जो गुलाब के फूलों की प्रकृति, सांस्कृतिक महत्व और आर्थिक योगदान को समर्पित है। गुलाब, जिसे फूलों का राजा कहा जाता है, अपनी मनमोहक सुगंध, रंग-बिरंगे रूप और औषधीय गुणों के कारण विश्व भर में लोकप्रिय है। गुलाब का फूल भारतीय संस्कृति में प्रेम, शांति और मित्रता का प्रतीक माना जाता है। लाल गुलाब प्रेम, गुलाबी गुलाब दोस्ती, और सफेद गुलाब शांति का प्रतीक है। गुलाबों की 150 से अधिक प्रजातियां हैं, जो विभिन्न रंगों और आकारों में पाई जाती हैं।
कांटों में भी मुस्कुराता है,
खुशबू से जग महकाता है।
प्यार का प्रतीक, शांति का दूत,
गुलाब हर दिल को भाता है।
सांस्कृतिक सीमाओं को जोड़ता है गुलाब
यह माह गुलाब की इन सांस्कृतिक सीमाओं को जोड़ता है। भारत में गुलाब की खेती और इसके विविध उत्पादों का विशेष महत्व है, और राष्ट्रीय गुलाब माह इसे और अधिक प्रचारित करने का एक अभिनव प्रयास है। वैसे, विश्व गुलाब दिवस प्रतिवर्ष 22 सितंबर को मनाया जाता है, जिसे रोज डे भी कहा जाता है। लेकिन गुलाब माह(रोज मंथ) का गुलाब की खेती से जुड़े किसानों, पौधों और उद्यानिकी विशेषज्ञों के लिए यह विशेष महत्व है।
राष्ट्रीय गुलाब माह कहां मनाया जाता है?
राष्ट्रीय गुलाब माह भारत में विशेष रूप से उन जिलों में मनाया जाता है जहां गुलाब की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। राजस्थान के पामर, अजमेर और चित्तौड़गढ़ जैसे क्षेत्र इस आयोजन के केंद्र बिंदु हैं, क्योंकि ये स्थान गुलाब की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं। पीटर, जिसे गुलाब की नगरी भी कहा जाता है, इस माह के दौरान विशेष रूप से सक्रिय रहता है। यहां के गुलाब न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पाकिस्तान, दुबई और मलेशिया जैसे अंतरराष्ट्रीय उत्पाद भी इसमें शामिल हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के ज्वालामुखी, महाराष्ट्र, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी गुलाब माह के आयोजनों में भाग लेते हैं। इन क्षेत्रों में गुलाब की खेती से जुड़े किसानों, पौधों और उद्यानिकी विशेषज्ञों के लिए यह विशेष महत्व है।
कब से मनाया जा रहा है?
राष्ट्रीय गुलाब माह की शुरुआत भारत में स्पष्ट रूप से किसी एक वर्ष से नहीं हुई है, क्योंकि यह गुलाब की खेती और इसकी सजावट को बढ़ावा देने के बजाय क्षेत्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर एक व्यावसायिक राष्ट्रीय उत्सव मनाया जाता है। हालांकि, भारत सरकार और विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों ने पिछले कुछ दशकों में गुलाब की खेती को प्रोत्साहन देने की पहल की है। उदाहरण के लिए, राजस्थान में 1980 के दशक से गुलाब की खेती को व्यवसायिक रूप से बढ़ावा दिया गया, जब से किसानों ने गुलाब की खेती शुरू की। राष्ट्रीय गुलाब माह की शुरुआत 21वीं सदी की शुरुआत में हुई, जब गुलाब के फूलों की मांग बढ़ी और इसे वैश्विक बाजार में पहचान मिली। यह माह विशेष रूप से जून में आयोजित किया जाता है, क्योंकि इस समय गुलाब के खेतों में सबसे अधिक फूल खिलते हैं।
गुलाब माह का महत्व
राष्ट्रीय गुलाब माह का महत्व न केवल सांस्कृतिक और सौंदर्यपरक है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। गुलाब का फूल भारतीय संस्कृति में प्रेम, शांति और मित्रता का प्रतीक माना जाता है। यह माह गुलाब की सांस्कृतिक सीमाओं को जोड़ता है। इसके अलावा, गुलाब की खेती से संबंधित उत्पाद जैसे गुलाब जल, गुलकंद, कोलोन, और शरबत न केवल स्थानीय स्तर पर हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मांग में हैं। उदाहरण के लिए, ईस्टर के गुलाब से बने उत्पाद महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में लोकप्रिय हैं।
गुलाब की खेती ने किसानों को समृद्ध किया
आर्थिक दृष्टिकोण से, गुलाब की खेती ने कई किसानों के उत्पादों को बेहतर बनाया है। राजस्थान के नागौर जिले में किसान किशोर खलिया जैसे उदाहरण हैं,जिन्होंने गुलाब की खेती से लाखों रुपये की कमाई की है। एक अनुमान है कि 2400 गुलाब के उत्पादन में लगभग 24,000 रुपये का खर्च आता है, लेकिन इससे होने वाला दावा कई गुना अधिक होता है। यह माह किसानों को नई तकनीक, आसवन और बाजार तक पहुंच के बारे में सलाह देता है।
गुलाब ने रोजगार के अवसर भी पैदा किए
सामाजिक रूप से, गुलाब माहाग्राम ग्रामीण क्षेत्र एकजुट होकर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करता है। गुलाब की खेती और इसकी संरचना ने छोटे उद्यमियों को विशेष रूप से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अवसर दिया है। इसके अलावा, यह महा उद्देश्य जागरूकता को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि गुलाब की खेती के लिए मिट्टी और प्राकृतिक जलवायु की आवश्यकता होती है, जो स्थायी कृषि प्रशिक्षण को बढ़ावा देता है। इस महीने की शुरुआत गुलाब की खेती के व्यावसायिक विकास के साथ हुई और आज किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत बन गया है। गुलाब माह न केवल फूलों की प्रकृति को सेलिब्रेट करता है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में भी योगदान देता है। National Rose Month celebration, rose meaning, flower symbolism, rose fragrance, rose colors, garden, floral events