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भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग को मिला नया अध्यक्ष, अभिजीत शेठ को दायित्व

केंद्र सरकार ने अभिजीत शेठ को शीर्ष चिकित्सा शिक्षा नियामक संस्था राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह डॉ. बी. एन. गंगाधर का स्थान लेंगे जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।

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Mukesh Pandit
MNC New Prasident
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।केंद्र सरकार ने अभिजीत शेठ को शीर्ष चिकित्सा शिक्षा नियामक संस्था राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह डॉ. बी. एन. गंगाधर का स्थान लेंगे जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, इस पद के लिए कोई उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने के कारण उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया, इसलिए वे इस पद पर बने रहे।

भारतीय चिकित्सा परिषद के स्थान पर मोदी सरकार ने एनएमसी का गठन किया था। यह काफी ताकतवर और प्रभावशाली संस्था है, जो देश में मेडिकल कालेजों और चिकित्सा संस्थानों को मान्यता देता है। इस संस्थान की साख दांव पर है, क्योंकि  हाल ही में, सीबीआई ने एनएमसी में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ यूजीसी के पूर्व प्रमुख भी शामिल हैं। 

डॉ. एमके रमेश एमएआरबी के अध्यक्ष  नियुक्त

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा बोर्ड (पीजीएमईबी) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एमके रमेश को चिकित्सा मूल्यांकन बोर्ड (एमएआरबी) का अध्यक्ष भी नियुक्त किया। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा 11 जुलाई को जारी आदेश में कहा गया, ‘‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें निम्नलिखित व्यक्तियों को पदभार ग्रहण करने की तिथि से चार वर्षों के लिए या 70 वर्ष की आयु पूरी करने तक या अगले आदेश तक निम्न उल्लिखित पदों पर नियुक्त करने का प्रस्ताव है।’’

वर्तमान में, डॉ. शेठ राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) के प्रमुख हैं जो स्नातकोत्तर और उच्च-विशिष्ट चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करता है। अगस्त में होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) परीक्षा के कारण वह कुछ महीनों तक इसके प्रमुख के रूप में कार्य करते रहेंगे। एनएमसी के सभी चार स्वायत्त बोर्डों में प्रमुख पद पिछले नौ महीनों से रिक्त पड़े हैं। 

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अक्टूबर 2020 में बना था राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) एक नियामक संस्था है जो भारत में चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सकों को नियंत्रित करती है। यह भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) की जगह लेती है, और 25 सितंबर, 2020 को स्थापित की गई थी। एनएमसी चिकित्सा योग्यताओं को मान्यता देता है, चिकित्सा संस्थानों को मान्यता देता है, चिकित्सकों को पंजीकरण प्रदान करता है, और चिकित्सा अभ्यास की निगरानी करता है। हाल ही में, सीबीआई ने एनएमसी में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ यूजीसी के पूर्व प्रमुख भी शामिल हैं। 

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