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Photograph: (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।अमेरिका के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन में 2025 के शरद सत्र में 17 प्रतिशत की कमी आई है। यह जानकारी वीजा अनिश्चितताओं के बीच नवीनतम ‘ओपन डोर्स’ रिपोर्ट में दी गई है। इस शरद सत्र में समग्र गिरावट के बावजूद, भारत ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में लगातार दूसरे वर्ष अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मामले में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, और चीन को पीछे छोड़ दिया है। ‘ओपन डोर्स’ अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विद्वानों तथा अकादमिक क्रेडिट के लिए विदेश में अध्ययन कर रहे अमेरिकी छात्रों के बारे में सबसे व्यापक सूचना स्रोत है।
ओपन डोर्स को अमेरिकी सरकार करती है फाइनेंस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘ओपन डोर्स’ परियोजना अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा प्रायोजित है, जिसका वित्तपोषण अमेरिकी सरकार करती है तथा इसके कार्यान्वयन में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा संस्थान (आईआईई) द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है, “शरद सत्र 2025 स्नैपशॉट में 825 से अधिक अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों ने हिस्सा लिया, जिससे 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या की शुरुआती झलक मिली। इन संस्थानों ने बताया कि शरद सत्र 2025 में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की कुल संख्या में एक फीसदी की कमी आई है।
अंडर ग्रैजुएट दाख़िलों में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी
अंडर ग्रैजुएट दाख़िलों में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि ग्रैजुएट दाख़िलों में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।” इसके मुताबिक, शरद सत्र 2025 में पहली बार अमेरिकी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नए दाख़िले में 17 फीसदी की गिरावट आई है। इसके बावजूद, कई संस्थान अब भी विदेशी छात्रों के दाख़िलों पर ध्यान दे रहे हैं। उनका कहना है कि 81 फीसदी संस्थान परिसर में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के विविध दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि 60 प्रतिशत संस्थान उनके आर्थिक योगदान को अहम बताते हैं।
वीजा के कारण दाखिलों में आई कमी
रिपोर्ट के अनुसार, कॉलेज और विश्वविद्यालय 2025 के शरद सत्र में नए नामांकन में गिरावट के पीछे कई कारकों का हवाला देते हैं, जिसमें 96 प्रतिशत संस्थानों ने वीज़ा आवेदन संबंधी चिंताओं का उल्लेख किया है और 68 प्रतिशत ने यात्रा प्रतिबंधों को रेखांकित किया। रिपोर्ट के अनुसार, भारत महामारी के बाद सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र भेजने वाला देश बन गया था, लेकिन भारत की ओर से नए दाख़िलों में अब ज्यादातर संस्थानों ने गिरावट दर्ज की है। केवल 39 प्रतिशत संस्थानों ने बताया कि भारत से आने वाले नए छात्र या तो बढ़े हैं या पहले जैसी संख्या पर बने हुए हैं।
अमेरिका में तीन लाख से अधिक भारतीय छात्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024-2025 में अमेरिका में भारत से 3,63,019 अंतरराष्ट्रीय छात्र थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। चीन के 265,919 छात्र थे, जो चार प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत, सख्त वीज़ा नियमों और सोशल मीडिया स्क्रीनिंग नीतियों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वीज़ा अनिश्चितताएं पैदा कर दी हैं।
वीज़ा जारी करने में महत्वपूर्ण बदलाव
रिपोर्ट में वीज़ा जारी करने में महत्वपूर्ण बदलावों पर भी प्रकाश डाला गया है। हालांकि, अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन रिपोर्ट दर्शाती है कि वित्तीय वर्ष 2023 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024 में भारतीय छात्रों को जारी किए जाने वाले एफ वीज़ा (अमेरिकी संस्थानों में पूर्णकालिक अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए गैर-आप्रवासी वीज़ा) में 33.2 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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