नई दिल्ली, वाईबीऐन नेटवर्क।
दिल्ली में नई सरकार आने से पहले ही नियम कानूनों में भी बदलाव का दौर शुरू हो गया है। दिल्ली-एनसीआर में 15 से अधिक पुराने पेट्रोल व 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों के चलाने पर प्रतिबंध है और ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली पार्किंग और प्रबंधन नियमावली 2019 में संशोधन करते हुए जब्त वाहनों पर कार्रवाई के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए नियम के अनुसार, यदि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने आपका वाहन जब्त कर लिया है और आपने उसे 37 दिनों के भीतर नहीं छुड़ाया है तो अधिकारी उसे नीलाम कर सकते हैं।
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वाहन छुड़ाने की अवधि डेढ़ माह से घटाकर एक माह किया
दरअसल, दिल्ली सरकार पार्किंग प्रबंधन नियमों में संशोधन किया है। इस कदम का उद्देश्य पार्किंग के लिए जगह की कमी को दूर करना है। एक अधिकारी ने बताया कि परिवहन विभाग ने जब्त वाहन को छुड़वाने के लिए उसके मालिक को दिया जाने वाला समय 90 दिन से घटाकर एक माह कर दिया है। देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस अवैध पार्किंग को लेकर कुछ ज्यादा ही सख्त रहती है। जहां बिना पार्किंग के वाहन खड़ा देखा, तुरंत पुलिस उठा ले जाती है।
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नोटिस अवधि को और कम करके सात दिन कर दिया
नियमों में संशोधन के लिए हाल ही में जारी मसौदा अधिसूचना में विभाग ने प्रस्तावित दिल्ली पार्किंग रखरखाव और प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2024 में संशोधन किया है। दिल्ली पार्किंग रखरखाव और प्रबंधन नियम, 2019 की धारा 16 में जब्त वाहन को 90 दिनों के भीतर मुक्त कराने का प्रावधान है। ऐसा न होने पर 15 दिन का नोटिस दिया जाता है और यदि वाहन उसके मालिक द्वारा तब भी मुक्त नहीं किया जाता है, तो जब्त करने वाली एजेंसी इसे नीलामी के लिए डाल देती है। नए नियम में 90 दिनों की समयावधि को संशोधित कर 30 दिन कर दिया गया है और नोटिस अवधि को और कम करके सात दिन कर दिया गया है।
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तय समय में वाहन नहीं छुड़ा पाए तो क्या होगा?
पहले नियम था कि वाहन को जब्त किए जाने के सात दिनों से अधिक समय होने पर जुर्माना निर्धारित राशि से दोगुना होगा। यदि जब्त किए गए वाहन को नब्बे दिनों की अवधि के भीतर छुड़ाया नहीं जाता है तो पंजीकरण प्रमाण-पत्र में दर्ज पते के अनुसार पंजीकृत मालिक को पंद्रह दिनों के भीतर वाहन को मुक्त कराने के लिए पंद्रह दिनों का नोटिस दिया जाता था।
यदि मालिक नोटिस की अवधि के भीतर वाहन को छुड़ाने में विफल रहता तो ऐसे वाहन को जब्त करने वाली एजेंसी इसे सार्वजनिक नीलामी में रखती है। अब बदलाव के बाद नई नीति में सात दिनों से अधिक समय तक वाहन को नहीं छुड़ाया जाता है तो जुर्माना निर्धारित राशि से दोगुना तो होगा।
मगर यदि जब्त किया गया पंजीकृत वाहन 30 दिनों की अवधि के भीतर छुड़ाया नहीं जाता है, तो पंजीकृत मालिक को सात दिनों के भीतर वाहन को छुड़ाने के लिए सात दिनों का नोटिस दिया जाएगा। यदि पंजीकृत मालिक सात दिनों के भीतर वाहन को छुड़ाने में विफल रहता है, तो ऐसे वाहन को जब्त करने वाली एजेंसी द्वारा सार्वजनिक नीलामी में रखा जाएगा।