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Action: भारत में पाकिस्तानी हस्तियों के एक्स अकाउंट पर फिर लगाया बैन

भारत ने गुरुवार को सभी पाकिस्तानी एक्स हैंडल्स को फिर से ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा यूट्यूब चैनल्स पर भी प्रतिबंध जारी है। माना जा रहा है कि यह निर्णय देश में चल रहे सुरक्षा उपायों और डिजिटल प्रोपेगेंडा को रोकने के लिए लिया गया है।

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Mukesh Pandit
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नई दिल्ली, आईएएनएस। भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की कई नामी हस्तियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्रवाई की है। भारत ने गुरुवार को सभी पाकिस्तानी एक्स हैंडल्स को फिर से ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा यूट्यूब चैनल्स पर भी प्रतिबंध जारी है। सूत्रों के अनुसार, यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर उठाया गया है। अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स और यूट्यूब चैनलों पर सख्ती बढ़ा दी थी।

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पाकिस्तानी एक्स हैंडल्स फिर से ब्लॉक 

हालांकि, कुछ पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स को जुलाई की शुरुआत में कुछ समय के लिए अनब्लॉक किया गया था, लेकिन अब ताजा जानकारी के मुताबिक, सभी पाकिस्तानी एक्स हैंडल्स फिर से ब्लॉक कर दिए गए हैं। इसके साथ ही, यूट्यूब पर भी पाकिस्तानी कंटेंट तक पहुंच पूरी तरह से प्रतिबंधित है।

डिजिटल प्रोपेगेंडा को रोकने के लिए निर्णय लिया

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सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह निर्णय देश में चल रहे सुरक्षा उपायों और डिजिटल प्रोपेगेंडा को रोकने के लिए लिया गया है। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद 28 अप्रैल को भारत सरकार ने पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई करते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

यूट्यूब चैनलों पर भी प्रतिबंध लगाया 

उनमें डॉन न्यूज, इरशाद भट्टी, समा टीवी, एआरवाई न्यूज, बोल न्यूज, रफ्तार, द पाकिस्तान रेफरेंस, जियो न्यूज, समा स्पोर्ट्स, जीएनएन, उजैर क्रिकेट, उमर चीमा एक्सक्लूसिव, असमा शिराज़ी, मुनीब फारूक, सुनो न्यूज एचडी और रजी नामा शामिल थे।इसके अलावा, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों शोएब अख्तर और बासित अली के यूट्यूब चैनलों पर भी प्रतिबंध लगाया गया था।

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भारत सरकार के गृह मंत्रालय की सिफारिशों पर कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया गया था। ये चैनल जम्मू-कश्मीर में दुखद पहलगाम आतंकी घटना की पृष्ठभूमि में भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सामुदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, गलत और भ्रामक कथन प्रसारित कर रहे थे।

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