नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की रिपोर्ट सामने रखी है। इस रिपोर्ट में में सदस्यों द्वारा सहमति से लिए गए फैसलों का जिक्र है। 5 फरवरी को शुरू हुई बैठक में रेपो रेट से लेकर महंगाई दर (Inflation) और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान पर भी चर्चा हुई। इस मीटिंग में कई जरूरी फैसले लिए गए है।
रेपो रेट
आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई वाली मोनेटरी पॉलिसी बैठक (MPC) बैठक में दरें घटाने का फैसला लिया गया है। ये बैठक 5 से 7 फरवरी के दौरान हुई। RBI ने आज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती का ऐलान किया है। संजय मल्होत्रा ने कहा है कि आरबीआई के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से दरों में कटौती का फैसला किया है। इसके साथ ही यह 6.5% से घटकर 6.2% पर आ जाएगी। ऐसा करने से अब आम लोगों के लिए बैंकों से कर्ज लेना सस्ता हो सकता है। खासकर घर बनाने के लिए कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी।
जीडीपी ग्रोथ रेट
फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.4% रहने का अनुमान है। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2026 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 6.7% रह सकता है, ऐसा अनुमान लगाया गया है। फाइनेंशियल ईयर 2026 की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी का ग्रोथ अनुमान 6.5% रहेगा। कारोबारी साल 2026 की चौथी तिमाही में जीडीपी का ग्रोथ अनुमान 6.5% रहने का अनुमान लगाया गया है।
स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी
स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) रेट अब 0.25% से घटकर 6% हो गया है। एसडीएफ का इस्तेमाल मार्केट में जरूरत से ज्यादा नकदी को सोखने (Liquidity Absorption) के लिए किया जाता है। जब एसडीएफ दर घटेगी, तो बैंकों को RBI में जमा राशि पर कम ब्याज मिलेगा। इससे बैंक ज्यादा लोन देंगे और बाजार में नकदी बढ़ेगी।
महंगाई पर फैसला
फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए रिटेल महंगाई दर 4.8% रहने का अनुमान है। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2026 के लिए रिटेल महंगाई दर 4.2% रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय इकोनॉमी की स्थिति बेहतर रही है। मोटे तौर पर औसत महंगाई दर लक्ष्य आसपास ही रही है। आरबीआई अर्थव्यवस्था के हित को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि रेगुलेशन और कार्यक्षमता के बीच बैलेंस पर फोकस रहेगा। ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति चुनौतीपूर्ण रही। यूएस रेट कट के बाद डॉलर की स्थिति में मजबूत हुई।
ग्लोबल और घरेलू फैक्टर्स
पिछली मॉनेटरी बैठक से अब तक ग्लोबल और घरेलू फैक्टर्स में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जियोपॉलिटिकल तनाव, टैरिफ को लेकर ट्रेड वॉर की स्थिति और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच मतभे से बाजार में वोलेटिलिटी देखने को मिली है। इससे डॉलर के मुकाबले रुपये पर भी असर देखने को मिला। अमेरिकी डॉलर में मजबूती का भी भारत समेत दुनियाभर के बाजार में देखने को मिली।
विदेशी मुद्रा नीति
आरबीआई की विदेशी मुद्रा नीति (Foreign Exchange Policy) लगातार व्यवस्थित और स्थिर मार्केट ऑपरेशन के पक्ष में बनी हुई है, यह किसी एक्सचेंज रेट को टारगेट नहीं करती है।
डिजिटल फ्रॉड
रिजर्व बैंक गवर्नर ने बढ़ते हुए डिजिटल फ्रॉड पर चिंता जाहिर करते हुए बताया है कि साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए बैंकों का स्पेशल प्लेटफॉर्म ‘fin.in’ लाया जाएगा और अप्रैल में इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होगा।
मार्केट रेग्युलेशन
गवर्नर ने ऐलान किया है कि RBI विनियमित बाजारों में कारोबार और निपटान समय के रिव्यू के लिए वर्किंग ग्रुप का गठन करेगा।
उपभोग से जुड़े ट्रेंड्स
मॉनिटरी पॉलिसी स्टेटट में घरेलू उपभोग के बढ़ा हुए रहने का अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2025-26 में दी गई टैक्स में राहत से इसे बल मिलेगा। फिक्स्ड निवेश भी रफ्तार पकड़ेगा।
बैंकिंग लिक्विडिटी
RBI गवर्नर ने बैंकों से आग्रह किया कि वे केंद्रीय बैंक के पास बिना जरूरत का धन न रखें, बल्कि इसकी आवश्यकता के अनुसार आपस में उपयोग करें।