नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा नेता संबित पात्रा सहित सदन के तीन सदस्यों को भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के लिए नामित किया है। पात्रा के अलावा शिवसेना सदस्य नरेश म्हास्के और कांग्रेस सदस्य काली चरण मुंडा को भारतीय प्रेस परिषद में नामित किया गया है।
भाजपा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी पहले से नामित
इससे पहले, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भाजपा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी और बृज लाल को भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अश्विनी के. महापात्रा को नामित किया, जबकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा को प्रिंट मीडिया के नियामक में भेजा।
परिषद में एक अध्यक्ष और 28 सदस्य
साहित्य अकादमी ने अपने सचिव के. श्रीनिवासराव को परिषद का सदस्य नामित किया है। परिषद में एक अध्यक्ष और 28 सदस्य होते हैं। 28 सदस्यों में से 13 सदस्य श्रमजीवी पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें से छह समाचारपत्रों के संपादक होते हैं तथा शेष सात संपादकों के अलावा अन्य श्रमजीवी पत्रकार होते हैं।
परिषद के दायित्व
प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा: यह सुनिश्चित करता है कि समाचार पत्र अपनी स्वतंत्रता बनाए रख सकें और किसी भी तरह के बाहरी दबाव से मुक्त रहें।
प्रेस मानकों को बनाए रखना और सुधारना: यह पत्रकारों और समाचार एजेंसियों के लिए आचार संहिता बनाता है और प्रेस के कामकाज में उच्च पेशेवर मानकों को सुनिश्चित करता है।
सार्वजनिक हित में कार्य करना: यह सार्वजनिक हित और महत्व के समाचारों के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करता है और समाचारों के प्रवाह को बाधित करने वाली किसी भी गतिविधि पर नजर रखता है।
शिकायतों का निवारण: यह प्रेस की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप या प्रेस के मानकों के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों का निवारण करता है, प्रेस काउंसिल अधिनियम, 1978 की धारा 13 के तहत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया।
पत्रकारिता में आचार संहिता: यह पत्रकारों के लिए आचार संहिता बनाता है और समाचार एजेंसियों के लिए आचार संहिता बनाता है।
पत्रकारिता में प्रशिक्षण और अनुसंधान: यह नए पत्रकारों को प्रशिक्षण प्रदान करता है और समाचार से संबंधित तकनीकी और अन्य शोध क्षेत्रों को बढ़ावा देता है।
प्रेस के स्वामित्व और नियंत्रण पर नजर: यह समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के स्वामित्व और नियंत्रण के केंद्रण और अन्य पहलुओं पर नजर रखता है जो प्रेस की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकते हैं।